Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    बंदर या कुत्ते के काटने पर न दौड़ें सरकारी अस्पताल, वहां खत्म हो गए हैं एंटी रेबीज वैक्सीन Kanpur News

    By AbhishekEdited By:
    Updated: Wed, 15 Jan 2020 11:33 PM (IST)

    उर्सला केपीएम और कांशीराम अस्पताल में खत्म हो गया स्टॉक लोगों को पड़ रहा है लौटना।

    बंदर या कुत्ते के काटने पर न दौड़ें सरकारी अस्पताल, वहां खत्म हो गए हैं एंटी रेबीज वैक्सीन Kanpur News

    कानपुर, जेएनएन। यदि आपको या आपके किसी स्वजन या रिश्तेदार को बंदर और कुत्ते ने काट लिया है तो सरकारी अस्पतालों के भरोसे न रहें क्योंकि वहां इंजेक्शन नहीं हैं। उर्सला, केपीएम अस्पताल और कांशीराम संयुक्त चिकित्सालय में एंटी रेबीज वैक्सीन (एआरवी) का स्टॉक समाप्त हो गया है। अस्पताल प्रशासन का कहना है कि आर्डर किया गया है, लेकिन अब तक स्टॉक नहीं आया है। दो से तीन दिन में एआरवी के आने की संभावना है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    उर्सला में रोज लगते करीब 350 एआरवी

    उर्सला अस्पताल में हर दिन 300 से 350 एआरवी लगते हैं। कई बार केस ज्यादा भी हो जाते हैं। यहां कानपुर समेत आसपास के मरीज आते हैं। केपीएम अस्पताल में 120 से 150 और कांशीराम में प्रतिदिन 200 से 250 इंजेक्शन लगते हैं। उर्सला अस्पताल के कार्यवाहक निदेशक डॉ. शैलेंद्र तिवारी ने बताया कि एआरवी आ गई है। गुरुवार से लगने लगेगी। केपीएम की सीएमएस डॉ. ज्योति सक्सेना का कहना है कि आर्डर भेजा गया है, लेकिन अब तक स्टॉक नहीं आया है। कांशीराम संयुक्त चिकित्सालय के सीएमएस डॉ. एसके पांडेय के मुताबिक कंपनी को रिमाइंडर भेजा गया है। जल्द ही स्टॉक मिलने की उम्मीद है।

    350 रुपये का एक इंजेक्शन

    मेडिकल स्टोर से खरीदने पर एक इंजेक्शन की कीमत 330 से 350 रुपये आती है। यह केवल एक ही बार के इस्तेमाल के लिए है। 15 साल से अधिक आयु के लोगों को पांच इंजेक्शन लगाए जाते हैं।

    कर रहे इंजेक्शन का इंतजार

    चुन्नीगंज निवासी राजेश का कहना है कि उनकी बहन उमा को कुत्ते ने काट लिया था। वह उर्सला के बाद केपीएम के चक्कर लगा चुके हैं, लेकिन उन्हें बाहर से ही एआरवी लगवाना पड़ा। कारवालो नगर के राजेश गुप्ता के मुताबिक कांशीराम संयुक्त चिकित्सालय में एआरवी नहीं लगने पर उन्होंने हैलट अस्पताल के बाहर से इंजेक्शन खरीदा और लगवाया।