'मुसलमान हो-कलमा पढ़ो... पलक झपकते ही शुभम को मार दी गोली', पहलगाम आतंकी हमले में पत्नी ने बताया आंखों देखा हाल
Pahalgam Terror Attack Today पहलगाम में हुए आतंकी हमले में कानपुर के शुभम द्विवेदी की पत्नी आशान्या ने अपनी आंखों देखी बर्बरता का हाल बयां किया है। आतंकियों ने मुसलमान होने और कलमा पढ़ने को कहा मना करने पर शुभम को गोली मार दी। महिलाओं और बच्चों को भी नहीं छोड़ा। इस कायराना हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है।
जागरण संवाददाता, कानपुर। जम्मू के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में कई पर्यटकों की मौत हो गई है। आतंकी हमले में कानपुर जिले के रहने वाले शुभम द्विवेदी की भी मौत हो गई। वह परिवार के 11 लोगों के साथ पहलगाम घूमने गए थे। घटना के वक्त उनकी पत्नी एशान्या साथ में ही थी। उन्होंने आखों देखी आतंकियों की बरर्बता बयां की है।
मैं शुभम के साथ ऊंचाई पर घूमने गई थी। फिर मैगी का ऑर्डर दिया। इसके बाद सर्व होने पर दोनों साथ में मैगी खा रहे थे। हम कहीं दूर या इधर उधर नहीं थे , बिल्कुल गेट के पास ही खड़े थे। यहां पास ही कई इवेंट्स में भी लोग एंजॉय कर रहे थे। सिर्फ खुशनुमा माहौल था।
तभी, अचानक वर्दी में आए आतंकी ने पूछा मुसलमान हो , फिर दूसरे ने कहा कलमा पढ़ो । इसपर शुभम ने कहा नहीं आता। फिर अगले ही पल उन्होंने शुभम को गोली मार दी। इसके बाद वह शोर मचाती हुई शुभम से लिपटकर मदद की गुहार लगाने लगी।
मेरा पति मेरे सामने चला गया ....
एशान्या ने बताया कि मेरे सामने मेरा पति चला गया, मुझे क्यों छोड़ दिया। फिर मुझे क्यों ??, नहीं मारा । यह बातें कहते हुए शुभम की पत्नी एशान्या फफक पड़ीं। एशान्या ने आतंकियों की आंखों देखी बर्बरता बताई। कहा कि वह सभी को यही पूछ - पुछ कर वह लोगों को गोली मार रहे थे। आतंकियों ने महिलाओं को नहीं मारा। इन दरिंदों ने पुरुषों को निशाना बनाया। यहां तक की मासूम बच्चों को भी नहीं छोड़ा।
घटना के बाद महाराजपुर क्षेत्र में हर कोई स्तब्ध
आतंकी हमले में हाथीपुर निवासी व्यवसायी संजय द्विवेदी के बेटे शुभम के मार दिए जाने के बाद सूचना जैसी ही स्वजन के माध्यम से रिश्तेदारों व क्षेत्रीय लोगों को मिली, हर कोई स्तब्ध रह गया। लोग इस कायराना पूर्ण हमले की भर्तस्ना करते रहे। आक्रोश लोगों की बातों में फूट रहा था। हृदय को झकझोर कर रख देने वाली इस वीभत्स घटना को जिसने सुना उसका खून खौल उठा। लोगों ने कहा कि सरकार को अब आर - पार करके ही मानना चाहिए।
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