बीए में 40 फीसद अंक आए हैं तो न हों परेशान, एमए में मिल जाएगा प्रवेश
सीएसजेएमयू का फैसला दाखिला लेते समय नॉन प्रैक्टिकल विषयों को चुनना होगा अभी तक 45 फीसद अंक जरूरी होते थे।
By AbhishekEdited By: Updated: Fri, 10 May 2019 03:26 PM (IST)
कानपुर, जेएनएन। छत्रपति शाहू जी महाराज विवि से संबद्ध महाविद्यालयों में प्रवेश लेने वाले छात्रों के लिए राहतभरी खबर है। अगर उनके बीए में 40 फीसद अंक हैं तो एमए में दाखिला मिल जाएगा। हालांकि प्रवेश लेते समय नॉन प्रैक्टिकल विषयों ङ्क्षहदी, अंग्रेजी, दर्शनशास्त्र, संस्कृत समेत अन्य को चुनना होगा। अभी तक 45 फीसद अंक होने जरूरी होते थे।
सीएसजेएमयू की ओर से इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए। हालांकि महाविद्यालयों से जुड़े विशेषज्ञों ने बताया कि विवि के इस फैसले से वित्तविहीन कॉलेज संचालकों को लाभ मिलेगा क्योंकि उनके यहां इन पाठ्यक्रमों में हर साल सीटें खाली रह जाती थीं। अगर विवि के मौजूदा नियमों को देखें तो एमए में प्रवेश के लिए न्यूनतम 45 फीसद अंक होना (नॉन प्रैक्टिकल विषयों को छोड़कर) जरूरी हैं।
विशेषज्ञों ने कहा कि अगर यह फैसला प्रशासनिक अफसरों ने छात्रहित में लिया तो एक समान नियम क्यों नहीं बनाए। हालांकि विवि के पिछले साल के विवादों पर नजर डालें तो बीए के तमाम छात्रों ने 45 फीसद अंकों पर प्रवेश दिए जाने को लेकर हंगामा किया था। इसी के चलते प्रवेश की प्रक्रिया शुरू होने से पहले विवि ने नियम बदले और बीए में 40 फीसद अंक होने पर एमए में प्रवेश की अनुमति दे दी।
इनका ये है कहना
सीएसजेएमयू से संबद्ध 900 से अधिक वित्तविहीन कॉलेजों की हजारों सीटों पर छात्र-छात्राएं प्रवेश ले सकेंगे। विवि ने जो 40 फीसद का नियम बनाया, उसका लाभ छात्रों को होगा।
-डॉ.बृजेश भदौरिया, कोषाध्यक्ष उप्र स्ववित्तपोषित महाविद्यालय एसोसिएशन
विवि ने जो नियम बनाए हैं, वह सभी तरह के मानकों को ध्यान में रखकर बनाए गए हैं। छात्रहित को देखते हुए बीए में 40 फीसद अंक होने पर एमए में प्रवेश का मौका मिलेगा।
-डॉ. विनोद कुमार सिंह, कुलसचिव सीएसजेएमयू
सीएसजेएमयू की ओर से इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए। हालांकि महाविद्यालयों से जुड़े विशेषज्ञों ने बताया कि विवि के इस फैसले से वित्तविहीन कॉलेज संचालकों को लाभ मिलेगा क्योंकि उनके यहां इन पाठ्यक्रमों में हर साल सीटें खाली रह जाती थीं। अगर विवि के मौजूदा नियमों को देखें तो एमए में प्रवेश के लिए न्यूनतम 45 फीसद अंक होना (नॉन प्रैक्टिकल विषयों को छोड़कर) जरूरी हैं।
विशेषज्ञों ने कहा कि अगर यह फैसला प्रशासनिक अफसरों ने छात्रहित में लिया तो एक समान नियम क्यों नहीं बनाए। हालांकि विवि के पिछले साल के विवादों पर नजर डालें तो बीए के तमाम छात्रों ने 45 फीसद अंकों पर प्रवेश दिए जाने को लेकर हंगामा किया था। इसी के चलते प्रवेश की प्रक्रिया शुरू होने से पहले विवि ने नियम बदले और बीए में 40 फीसद अंक होने पर एमए में प्रवेश की अनुमति दे दी।
इनका ये है कहना
सीएसजेएमयू से संबद्ध 900 से अधिक वित्तविहीन कॉलेजों की हजारों सीटों पर छात्र-छात्राएं प्रवेश ले सकेंगे। विवि ने जो 40 फीसद का नियम बनाया, उसका लाभ छात्रों को होगा।
-डॉ.बृजेश भदौरिया, कोषाध्यक्ष उप्र स्ववित्तपोषित महाविद्यालय एसोसिएशन
विवि ने जो नियम बनाए हैं, वह सभी तरह के मानकों को ध्यान में रखकर बनाए गए हैं। छात्रहित को देखते हुए बीए में 40 फीसद अंक होने पर एमए में प्रवेश का मौका मिलेगा।
-डॉ. विनोद कुमार सिंह, कुलसचिव सीएसजेएमयू
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