कानपुर, जेएनएन। धार्मिक कट्टरता से जुड़े वीडियो वायरल होने के बाद विवादों में आए पूर्व मंडलायुक्त मोहम्मद इफ्तिखारुद्दीन ने एसआइटी (विशेष जांच दल) के सामने पेश हुए तो उनसे सात घंटे तक मैराथन पूछताछ की गई। हालांकि पूछताछ अभी पूरी नहीं हुई है और उन्हेंं गुरुवार को दोबारा बुलाया गया है।

एसआइटी को अबतक मिले 80 वीडियो

कानपुर के पूर्व मंडलायुक्त और राज्य सड़क परिवहन निगम के चेयरमैन इफ्तिखारुद्दीन पिछले दिनों कुछ वीडियो वायरल होने के बाद विवादों में आ गए थे। वायरल वीडियो उनके मंडलायुक्त कार्यकाल में बने थे, जिसमें वह धार्मिक कट्टरता का पाठ पढ़ाते नजर आए। शासन ने इसे गंभीरता के साथ लिया और महानिदेशक सीबीसीआइडी जीएल मीणा की अध्यक्षता और एडीजी जोन भानु भाष्कर की दो सदस्यीय एसआइटी का गठन का पूरे मामले में सात दिनों के अंदर रिपोर्ट मांगी थी। एसआइटी ने चार दिनों तक कानपुर में रुककर विवादित वीडियो जुटाए तो इनकी संख्या 80 तक पहंच गई। करीब 30 लोगों से पूछताछ हुई, जिसमें मंडलायुक्त कार्यालय व आवास के कर्मचारी भी शामिल थे।

आइएएस ने माना का वीडियो में वही हैं..

एसआइटी ने बयान देने के लिए मोहम्मद इफ्तिखारुद्दीन को भी बुलाया था, मगर वह नहीं आए थे। मंगलवार को एसआइटी को फोन करके उन्होंने बुधवार को आने का वादा किया था। बुधवार की दोपहर करीब दो बजे वह सीबीसीआइडी कार्यालय पहुंचे। यहां पर एसआइटी के अध्यक्ष व सदस्य ने उनसे पूछताछ की। पूछताछ करीब सात घंटे तक चली। पूछताछ में उन्होंने माना है कि जो वीडियो वायरल हुए हैं, वह सभी उनके हैं। हालांकि वह यह मानने को तैयार नहीं थे कि जो उन्होंने किया वह गलत था। यह पूछने पर उन्होंने कुरआन की आयतें अफसरों को सुनाई और बोले बताओ क्या गलत कहा। जो कहा वह कुरआन में लिखा हुआ है। उन्होंने अपने ऊपर लगे आरोपों को नकारने की भरसक कोशिश की। उन्हेंं पूछताछ के लिए गुरुवार को दोबारा बुलाया गया है।

अपर मुख्य सचिव गृह से मिले अफसर

मोहम्मद इफ्तिखारुद्दीन के बयान दर्ज होने के बाद एसआइटी के अफसर अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी से मिले। अफसरों ने इस पूरे प्रकरण में अब तक हुई प्रगति के बारे में विचार विमर्श किया। गुरुवार को बयान दर्ज होने के बाद देर रात या शुक्रवार तक एसआइटी उक्त मामले में रिपोर्ट सौंप सकती है।

Edited By: Abhishek Agnihotri