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    कानपुर के लड़के ने कैसे ठग को ठगा? CBI अधिकारी बनकर आया था, उल्टा 7.5 हजार गंवाकर लौटा

    Updated: Sat, 15 Mar 2025 09:45 PM (IST)

    कानपुर में साइबर ठग को उसी की चाल में फंसाने का मामला सामने आया है। बर्रा विश्वबैंक निवासी भूपेंद्र सिंह को जब एक ठग ने खुद को सीबीआई अधिकारी बताकर धम ...और पढ़ें

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    कानपुर के लड़के ने कैसे ठग को ठगा? - प्रतीकात्मक तस्वीर।

    अंकुर श्रीवास्तव, कानपुर। साइबर ठगों के जाल में फंसकर लोग जहां करोड़ों रुपये गंवा रहे हैं। वहीं, शहर का एक युवक साइबर ठगों का भी उस्ताद निकला। सीबीआइ अधिकारी बन ठगी करने वाले को ही उसने झांसे में लिया और खुद को नाबालिग बता नए-नए बहाने बना ठग से चार दिनों में 7.5 हजार रुपये अपने खाते में ट्रांसफर करा लिए। युवक ने उसे अपनी मां की सवा लाख रुपये की चेन ज्वैलरी दुकान में बेचकर रुपये भेजने का झांसा दे रखा है, जिसके मिलने की आस अब भी साइबर ठग को है।

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    बर्रा विश्वबैंक निवासी भूपेंद्र सिंह ने बताया कि उनके मोबाइल पर छह मार्च को एक काल आई थी, जिसमें एक व्यक्ति ने खुद को सीबीआइ अफसर बताया था। उसने उनका नाम राजू लेते हुए आरोप लगाया कि वह एक लड़की को अश्लील फोटो-वीडियो भेज रहे हैं। उनके पास 36 अश्लील वीडियो व 10 फोटो है।

    सीबीआइ की टीम व पुलिस फोर्स उनके घर पहुंच रही है। उसने पुलिस का लोगा लगा एक पत्र भी वाट्सएप पर भेजा, जिसमें भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र, नई दिल्ली लिखा था। उसने जिस नंबर से पत्र भेजा। उसमें डीपी एक पुलिस अधिकारी व एक व्यक्ति की लगी है। उसमें नाम आनंद तिवारी पुलिस सीबीआइ लिखा था।

    साइबर ठग की करतूत को भांप गया युवक

    भूपेंद्र के मुताबिक, वह इतने से ही साइबर ठग की करतूत को भांप गए और उन्होंने पैंतरा दिखाया। वह तुरंत नाबालिग बनकर बात करते हुए उन्हें सर बोलने लगे। उसने कहा कि वह पढ़ाई करता है। मम्मी-पापा को कुछ न बताइएगा वरना वे बहुत पीटेंगे। घर से निकलना बंद हो जाएगा।

    इस पर साइबर ठग उससे फोर्स रोकने की बात कहते हुए किसी को फोन मिलाता है और उससे कहता है कि उस घर पर फोर्स जहां है वहीं रुक जाए। ठग ने उनसे कहा कि एफआइआर है। फोर्स रोकने के लिए कुछ फार्म भरने समेत खर्च 16 हजार रुपये लगेंगे, जिसे ट्रांसफर करो।

    'सर पैसे नहीं है। दोस्त से मांगे है'

    भूपेंद्र ने बताया कि ठग से उनसे कहा कि सीडीआर के तहत तीन साल की जेल काटना चाहते हो या संचार विभाग से माफीनामा कागज बनवाना चाहते हैं। माफीनामा कागज बनने के लिए उसने रुपये मांगे तो उसने कहा कि सर पैसे नहीं है। दोस्त से मांगे है।

    इस पर ठग ने डराया कि रुपये नहीं मिले तो हम कुछ नहीं कर पाएंगे। इसके बाद भूपेंद्र ने ठग से अपनी मम्मी की चेन चोरी कर ज्वैलरी दुकान में गिरवी रखने व उसे उठाकर दूसरी दुकान में बेचने का बहाने बनाया और सोमवार शाम तक करीब साढ़े सात हजार रुपये ठग से अपने बैंक खाते में यूपीआइ के जरिए ट्रांसफर करा लिए।