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Heat Wave: इस बार 50 डिग्री तापमान के लिए रहें तैयार, IMD ने जारी किया गंभीर अलर्ट; फेफड़ा-किडनी फेल होने का खतरा

Heat Wave Alert In India गर्मी के तेवर इस बार बदले नजर आ रहे हैं। चार दिन पहले ही अधिकतम तापमान 40.2 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। मौसम विज्ञानियों के अनुसार इस बार तापमान का स्तर देखकर गर्मी को आंकना भारी भूल हो सकती है। इस वर्ष 40 डिग्री तापमान पर भी 45 से 47 डिग्री की गर्मी का असर हो रहा है।

By Jagran News Edited By: Abhishek Pandey Published: Wed, 24 Apr 2024 01:37 PM (IST)Updated: Wed, 24 Apr 2024 01:37 PM (IST)
अबकी बार 40 पर 45 डिग्री सेल्सियस का असर दिखाएगी गर्मी, मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट

अखिलेश तिवारी, कानपुर। गर्मी के तेवर इस बार बदले नजर आ रहे हैं। चार दिन पहले ही अधिकतम तापमान 40.2 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। मौसम विज्ञानियों के अनुसार इस बार तापमान का स्तर देखकर गर्मी को आंकना भारी भूल हो सकती है। इस वर्ष 40 डिग्री तापमान पर भी 45 से 47 डिग्री की गर्मी का असर हो रहा है।

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गर्मी संग आर्द्रता का स्तर गड़बड़ा रहा है, वेट-बल्ब टेंपरेचर की स्थिति बन रही है जो कम तापमान में भी जानलेवा मौसम का संकेत है। दुनिया में वर्ष 2023 को सौ साल में सबसे ज्यादा गर्म साल माना गया है, लेकिन इस वर्ष के संकेत भी अच्छे नहीं हैं।

मौसम विभाग ने भी देश के ज्यादातर हिस्सों में तापमान बढ़ने की चेतावनी दी है। आशंका तो है कि कुछ हिस्सों में अधिकतम तापमान 50 डिग्री तक जा सकता है। लू चलने के साथ इसमें आर्द्रता का भी समावेश है। 15 अप्रैल को कानपुर में आर्द्रता का स्तर 64 प्रतिशत हो गया था।

कृषि मौसम विज्ञानी डा.एसएन सुनील पांडेय के अनुसार मौसम में वेट-बल्ब टेंपरेचर की स्थितियां बन रही हैं, जो ज्यादा खतरनाक है। वेट-बल्ब टेंपरेचर अगर 35 डिग्री तक पहुंच गया तो गर्मी से लोगों की मौत होने लगेगी जिस तरह पिछले वर्ष नवी मुंबई के एक कार्यक्रम में मौजूद 11 लोगों की मौत लू लगने से हो गई थी।

क्यों अलग है वेट

बल्ब टेंपरेचर वेट-बल्ब टेंपरेचर तापमान को मापने की अत्याधुनिक विधि है जिसमें वातावरण में मौजूद गर्मी और आर्द्रता दोनों स्थितियों को मापा जाता है। उससे पता चलता है कि वातावरण में गर्मी और आर्द्रता का संतुलन कितना है। मानव या जीवों के लिए तापमान कैसा है।

वातावरण में मौजूद आर्द्रता की वजह से शरीर से पसीना तो निकलता है लेकिन वातावरण की नमी उसे सूखने नहीं देती। इससे शरीर का शीतलन तंत्र फेल होने लगता है। महत्वपूर्ण अंगों हृदय, फेफड़ा, किडनी के फेल होने का खतरा बढ़ जाता है।

कानपुर में 19 और 20 अप्रैल को अधिकतम तापमान 40.2 डिग्री रहा जबकि इस दिन का वेट बल्ब तापमान सुबह साढ़े सात बजे 26.1 और 26.9 डिग्री रहा। इस वजह से दोनों ही दिन 42 से 45 डिग्री के तापमान की गर्मी महसूस की गई। 23 अप्रैल को भी कानपुर का तापमान 39 डिग्री और वेट बल्ब तापमान 26 डिग्री रहा है।

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