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    HBTU के प्रोफेसर ने खोजा पानी को शुद्ध करने का आसान तरीका, बनाई मिट्टी की विशेष सुराही

    By Abhishek AgnihotriEdited By:
    Updated: Wed, 06 May 2020 10:01 PM (IST)

    खास तरह से बनी मिट्टी की सुराही में पानी फिल्टर हो जाता है और हानिकारक तत्व खत्म हो जाते हैं।

    HBTU के प्रोफेसर ने खोजा पानी को शुद्ध करने का आसान तरीका, बनाई मिट्टी की विशेष सुराही

    कानपुर, [विक्सन सिक्रोड़िया]। आरओ या फिल्टर से इतर पानी पीते समय हर किसी को उसकी गुणवत्ता की फिक्र सताती है लेकिन अब ये चिंता छोड़ दीजिए। अब मिट्टी की सुराही भी पानी का फिल्टर कर देगी और आप बेफिक्र होकर ये पानी पी सकते हैं। पानी को मिट्टी के जरिए शुद्ध करने का रास्ता निकाला है हरकोर्ट बटलर प्राविधिक विश्वविद्यालय (एचबीटीयू) के प्रो.एसके गुप्ता ने। उन्होंने ऐसी सुराही तैयार की है, जिसमें पानी रखने के छह से आठ घंटे बाद क्रोमियम और फ्लोराइड सरीखे हानिकारक तत्व खत्म हो जाएंगे।

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    पेड़ों की छाल और सूखी पत्तियों से तैयार की सुराही

    प्रो. गुप्ता ने पीपल, आम, बबूल की छाल व सूखी पत्तियों से बनाए 'एक्टिवेटेड कार्बन' को मिट्टी में मिलाकर सुराही तैयार कराई है। ये सामान्य सुराही से महज 10 रुपये महंगी पड़ेगी लेकिन इसके गुण कहीं ज्यादा बेहतर हैं। परीक्षण में पानी की गुणवत्ता बेहतर मिलने के बाद अब उन्होंने इस तकनीक को पेटेंट कराने की तैयारी की है।

    उच्च ताप पर गर्म करके पाया कार्बन

    उन्होंने बताया कि सूखी पत्तियों से बना एक्टिवेटेड कार्बन पानी में घुले क्रोमियम, फ्लोराइड व आर्सेनिक जैसे हानिकारक तत्वों को भी साफ कर सकता है। प्राकृतिक चीजों से बना होने से शरीर को कोई नुकसान नहीं होगा। उन्होंने बताया कि पत्तियों व पेड़ की छालों को सबसे पहले पाउडर के रूप में बनाया गया। उसके बाद मफल फार्नेश (अधिक ताप सहन करने की क्षमता रखने वाला एक बर्तन) में उसे ऑक्सीजन की अनुपस्थिति में 300 से 400 डिग्री सेल्सियस तापमान पर गर्म किया गया। ऑक्सीजन की अनुपस्थिति से यह जला नहीं फिर अलग-अलग रासायनिक क्रियाओं से एक्टिवेटेड कार्बन मिला।

    मिट्टी में मिलाकर बनाए कार्बन मिश्रित बर्तन

    प्रो. गुप्ता ने बताया कि मिट्टी के साथ एक्टिवेटेड कार्बन की एक निश्चित मात्रा मिलाई गई। सूखने के बाद जब इन बर्तनों में पानी भरा गया तो पानी की अशुद्धियां समाप्त हो गईं। केमिकल इंजीनियरिंग की लैब में उन्नाव का फ्लोराइड मिश्रित पानी लाकर टेस्टिंग की गई तो फ्लोराइड खत्म हो गया। एक्टिवेटेड कार्बन दूसरे कार्बन फिल्टर की अपेक्षा सस्ता भी होगा।

    एक महीना ही है सुराही की जिंदगी

    प्रो. गुप्ता बताते हैं कि पानी को फिल्टर करने की सुराही की अधिकतम आयु एक माह है। इसके बाद इसे बदलना पड़ेगा। इंडस्ट्री का दूषित पानी भी कर सकता साफ प्रो.गुप्ता ने बताया कि यह लेदर, गारमेंट इंडस्ट्री से निकलने वाले दूषित पानी को भी साफ करने की क्षमता रखता है। भविष्य में इससे बनने वाले फिल्टर से पानी को साफ कर दोबारा इस्तेमाल योग्य बनाया जा सकता है।