HBTU दीक्षांत समारोह: राज्यपाल ने छात्रों को दिए सफलता के मंत्र, बोलीं- 'प्रत्येक पदक आपके संघर्ष का परिणाम'
कानपुर के एचबीटीयू में सातवें दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने मेधावी छात्रों को पदक और डिग्रियां प्रदान कीं। इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन के अध्यक्ष अरविंदर सिंह ने देश में 99% घरों तक सिलेंडर पहुंचने की बात कही। राज्यपाल ने छात्रों को देश के विकास में योगदान देने के लिए प्रेरित किया और विश्वविद्यालय में वाईफाई व बिजली की समस्याओं को दूर करने के निर्देश दिए।

जागरण संवाददाता, कानपुर। एचबीटीयू का सातवां दीक्षा समारोह शुक्रवार को शताब्दी भवन, वेस्ट कैंपस में हुआ। कुलाधिपति व राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने पंखुड़ी गुप्ता को कुलाधिपति स्वर्ण पदक सहित तीन अन्य पदक दिया। समारोह में मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर राजेश कुमार वर्मा, एसवीआर शास्त्री, और बायो केमिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर श्रवण कुमार सहित अन्य प्रोफेसरों को रिसर्च एक्सीलेंस अवॉर्ड दिया गया।
राज्यपाल व कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने कहा कि आज जिन छात्र-छात्राओं को पदक मिला है, प्रत्येक पदक आपके संघर्ष का परिणाम है। आज इस मंच से इंडियन ऑयल कारपोरेशन लिमिटेड के अध्यक्ष अरविंदर सिंह ने बताया कि देश में 99प्रतिशत घरों में सिलेंडर पहुंच चुका है, इससे पहले धुएं के कारण महिलाएं बीमार हो जाती थी।
हम लोगों ने यह सब झेला है। आप भाग्यशाली हैं कि आपको नरेन्द्र मोदी जैसे प्रधानमंत्री मिले हैं। अगर सभी अधिकारी उनके जैसे काम करते रहेंगे तो वह दिन दूर नहीं जब हम विकसित भारत में बदल चुके होंगे। आने वाले 40 साल में आपको क्या करना है ये संकल्प अभी से लेना होगा।
आपको इस यूनिवर्सिटी ने रनवे दे दिया है अब आपको चलना है या फिर उड़ाना है यह आप पर निर्भर करता है। हमारे प्रधानमंत्री युवाओं पर बहुत भरोसा रखते हैं। इसलिए जीवन में अनुशासन बहुत जरूरी है। अगर यह नहीं होगा तो जीवन ऐसे ही चला जाएगा और पता भी नहीं चलेगा।24 घंटे में हम 18 घंटे काम कर सकते हैं, अगर संकल्प हो तो। आज भारत का हर नागरिक अपने को गर्व से भरा महसूस कर रहा है, क्योंकि भारत प्रगति कर रहा है, जैसे-जैसे प्रगति कर रहा है वैसे-वैसे जरूरत बढ़ती जा रही है। हमारे भारत में लेटेस्ट क्या हो रहा है उसको समझाना बहुत जरूरी है। हमें आत्मनिर्भर बनना है जो भी कुछ हमारे पास है, उस संसाधनों में ही हमें रिसर्च करना चाहिए। असम ने बांस से ही एथेनॉल बनाने का काम किया है, जबकि गन्ने से एथेनॉल बनाया जा रहा था।
डिजिटल युग में भारत हर क्षेत्र में तरक्की कर रहा है। सेमीकंडक्टर की दिशा में एक बेहतर कदम भारत ने बढ़ाया है। कौशल और परिश्रम को भी पीएम योजना के तहत सम्मानित किया जा रहा है, ताकि हर युवा को एक सम्मान जीवन जीने का मौका मिले। आपका ज्ञान तभी सार्थक होगा जब यह ज्ञान राष्ट्रीय हित में लगेगा। शिक्षा का उद्देश्य केवल व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं है।

एचबीटीयू के दीक्षा समारोह सम्मानित छात्र छात्राएं
उन्होंने कहा की सेवा पखवाड़ा के अंतर्गत विश्वविद्यालय भी अपने-अपने काम कर रहे हैं। इसके अलावा सशक्त नारी पर भी जो कार्यक्रम चल रहा है उसके तहत विश्वविद्यालय काम कर रहे और क्या-क्या काम किया है इसकी एक बुकलेट मुझे चाहिए।
उन्होंने कहा कि यह काम विश्वविद्यालय के हर व्यक्ति को गांव-गांव जाकर करना होगा, जिस घर में सरकारी योजना नहीं पहुंच रही है उसको योजना का लाभ दिलाना है। यह काम जनप्रतिनिधियों को भी सेवा भाव के साथ करना चाहिए।
राजपाल ने कहा कि हम जहां भी जाते हैं हमारे साथ एक टीम रहती है, जो की सभी विश्वविद्यालय में जाकर भ्रमण करती है। क्या-क्या समस्याएं हैं, उनको देखते हैं। यहां पर भी कुछ समस्याएं सामने आई, जैसे वाईफाई की समस्या, बिजली जाने की समस्या, बाथरूम और टॉयलेट का मेंटेनेंस नहीं है, गर्ल्स हॉस्टल में मेस का मैनेजमेंट स्टूडेंट कर रहे हैं। इसके अलावा यहां पर जो नया भवन बनाया उसकी ड्राइंग भी गलत है। विश्वविद्यालय तत्काल पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों को बुलाकर उसको ठीक कराए। यहां अपर मुख्य सचिव प्राविधिक शिक्षा नरेन्द्र भूषण, एचबीटीयू कुलपति प्रो. समशेर, रजिस्ट्रार अमित कुमार राठौर, महापौर प्रमिला पांडेय , विधायक सुरेन्द्र मैथानी सहित विश्वविद्यालय के प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे।
प्राविधिक शिक्षा विभाग खोलेगा एआइ का उच्च शिक्षण संस्थान :
प्राविधिक शिक्षा मंत्री आशीष पटेल ने कहा कि शिक्षा समाज का मापक यंत्र है। देश का त्वरित गति से विकास चाहते है तो तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा देना होगा। स्टार्टअप इनोवेशन पर ज्यादा जोर देने की आवश्यकता है ताकि टैरिफ जैसी समस्याओं से निपटा जा सकें। राष्ट्र के सर्वांगीण विकास में तकनीकी विकास को बढ़ाना होगा। प्राविधिक शिक्षा विभाग एआइ से सम्बंधित उच्च शिक्षण संस्थान खोलने की तैयारी कर रहा है।
जोश, जूनून, उत्साह के साथ धैर्य है तो सफलता जरूर मिलेगी।
इंडियन आयल कॉरपोरेशन लिमिटेड के अध्यक्ष व एचबीटीयू के 1991 बैच के पूर्व छात्र अरविंदर सिंह साहनी को मान पत्र देकर सम्मानित किया। अरविंदर ने कहा कि प्रोफेशनल करियर की नींव पड़ी है। यहां यह सम्मान पाकर भावुक हूं। कहा, निरंतर सीखते रहने की प्रतिबद्धता सिखाता है। जो आज भी काम आ रहा है। श्रम निष्ठापूर्ण और अनुशासित प्रयास है।
कालेज से सीखना शुरू करते हैं। विश्लेषण, सटीक सोच, टीम वर्क का मूल्य विकसित कराया। इन मूल्यों की वजह से ही आज प्रतिष्ठित कंपनियों के शीर्ष पद पर पहुंच सका हूं। तेजी से देश का वातावरण बदल रहा है। लगातार अनिश्चितता बनी हुई है। ऐसे में अपने उद्देश्य को खोजिए, जैसे तकनीकी की खोज, डिफेंस सेक्टर में योगदान देने की सोच, विनम्रता और अनुशासित सोच औद्योगिक क्षेत्र में आगे बढ़ाती है। कोई भी चीज स्टेटिक नहीं है। हर समय हमें बदलाव के लिए तैयार रहना है।
एलपीजी की आपूर्ति में 65 प्रतिशत घरों में थी। वर्ष 2016 के बाद से अब तक 99.95 प्रतिशत घरों में एलपीजी की आपूर्ति पहुंच चुकी है। ये संभव हुआ है सरकार और पेट्रोलियम कंपनियों के सकारात्मक प्रयास से। समाधान आधारित सोच होनी चाहिए।
संवाद कौशल, नई चीजों को सीखना है। जोश, जूनून, उत्साह के साथ धैर्य है तो सफलता जरूर मिलेगी। सात संकल्प ऐसे हैं जिन्हें अपनाकर युवा अपना करियर सफल बना सकते हैं। संस्थान ने आपको रन वे और लांचिंग पैड दे दिया है। अब इस पर दौड़ना और चलना आपका काम है। युवा के लिए जरूरी है कि अपने समय को निवेश करते रहें क्योंकि अवसरों की कमी नहीं है। चुनौतियों और जिम्मेदारियों को निपटने के लिए भी खुद को तैयार रखे।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।