हजरत कासिम की मेहंदी सजाई, शहीदों की याद में मातम
-हजरत अब्बास के अलम व थाल के साथ महिलाओं ने की गश्त -घरों में मजलिस और मातम बच्चे बने इमा

-हजरत अब्बास के अलम व थाल के साथ महिलाओं ने की गश्त
-घरों में मजलिस और मातम, बच्चे बने इमाम हुसैन के फकीर
जागरण संवाददाता, कानपुर : मोहर्रम की सात तारीख को कर्बला के शहीदों की याद में जगह-जगह मजलिस आयोजित की गई, देर रात तक मातम हुआ। हजरत कासिम की मेहंदी सजाई गई।
मोहर्रम की सात तारीख को शहरभर की इमाम बारगाहों में शहीद हजरत कासिम की मेहंदी सजाई गई। ग्वालटोली मकबरा इमाम बारगाह में नजीर अहमद रिजवी, पटकापुर की इमाम बारगाह में अंजुमन कनीजा व सय्यदा ने हजरत अब्बास के अलम के साथ हजरत कासिम की मेहंदी से सजे हुए थाल लेकर गश्त की। महिलाएं हाथों में सीनियां (बड़ी प्लेट) लिए हुए थीं, इनमें मलीदा व फल थे। गश्त के बाद जाकिरा फराह फातिमा ने हजरत कासिम की शहादत बयां की तो महिलाएं रोने लगीं। शीबा रिजवी, सानिया जहरा रिजवी, सबा रिजवी मौजूद रहीं। उधर, इमाम बारगाहों में मजलिसों को मौलाना कंबर अली, मौलाना मो. महदी, मौलाना अहमद अली, मौलाना तसव्वुर हुसैन ने संबोधित किया।
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बच्चों को पहनाए हरे कपड़े
हजरत इमाम हुसैन की याद में बच्चों को हरे कपड़े पहनाए गए। उनको इमाम हुसैन का फकीर बनाया गया। लोगों ने बच्चों को पैसे दिए, इन पैसों से कर्बला के शहीदों की नजर दिलाई जाएगी। वहीं काफी लोग कमर बांधकर पैकी बने।
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गुलजार किया परचम, हुसैनी नारे लगाए
कर्नलगंज स्थित खानकाहे हुसैनी में परचम पंजतन पाक गुलजार किया गया। लोगों ने परचम पर फूल व इत्र पेश किया। हुसैनी नारे लगाए गए। इखलाक अहमद डेविड, शाहनवाज कादरी, हाफिज मो. जाहिद, हाजी मोहम्मद अजहर आदि रहे। तंजीम बरेलवी उलमा-ए-अहले सुन्नत ने सुजातगंज में जिक्र-ए-शोहदा-ए-कर्बला का जलसा आयोजित किया। हाफिज फैसल जाफरी, कारी शमशाद, मौलाना अलमास आदि रहे।
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प्यासे शहीदों की याद में सबील
कर्बला के प्यासे शहीदों की याद में जगह-जगह सबील लगाकर लोगों को शर्बत पिलाया गया। फैजान-ए-गरीब नवाज एसोसिएशन ने चमनगंज में सबील लगाई। राहगीरों को ठंडा पानी व शर्बत पिलाया। अयाज अहमद चिश्ती, सय्यद फैज अजीजी, नूर आलम, हाफिज मोनिस चिश्ती आदि रहे।
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