हाथरस में छात्रवृत्ति घोटाले के आरोपित तत्कालीन जिला समाज कल्याण अधिकारी गिरफ्तार
हाथरस (Hathras) में छात्रवृत्ति घोटाले में आर्थिक अपराध शाखा को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। हाथरस के तत्कालीन समाज कल्याण अधिकारी को कानपुर से गिरफ्तार कर लिया गया है। कानपुर के टाटमिल से उन्हें आर्थिक अपराध शाखा ने पकड़ा है। उन पर 5753148 रुपये के गबन का आरोप है। 2007 में उन पर मामला दर्ज किया गया था।
जागरण संवाददाता, कानपुर। हाथरस में छात्रवृत्ति घोटाले के आरोपित तत्कालीन समाज कल्याण अधिकारी को गिरफ्तार कर लिया गया। उन्हें कानपुर के टाटमिल से पकड़ा गया। तत्कालीन समाज कल्याण अधिकारी उग्रसेन पांडेय वांछित थे।
हाथरस के विद्यालय और मदरसों में 57.53 लाख रुपये के छात्रवृति घोटाले के आरोपित तत्कालीन जिला समाज कल्याण अधिकारी उग्रसेन पांडेय को ईओडब्ल्यू कानपुर सेक्टर की टीम ने सर्विलांस की मदद से टाटमिल से गिरफ्तार किया। टीम उनसे पूछताछ कर रही है। ईओडब्ल्यू कानपुर सेक्टर के इंस्पेक्टर कमलेश पाल ने बताया कि समाज कल्याण विभाग की तरफ से विद्यालय और मदरसों में पढ़ने वाले छात्रों को अनुसूचित जाति-जनजाति छात्रवृत्ति मिलती है।
हाथरस में वर्ष 1999 से 2006 के बीच छात्रवृति की धनराशि 57,53,148 रुपये का घोटाला हुआ था। कई विद्यालय और मदरसे तो सिर्फ कागजों पर ही थे। हकीकत में कुछ भी नहीं था। मामले में शासन के आदेश पर 28 अगस्त 2007 में ईओडब्ल्यू ने मुकदमा दर्ज किया था। इसकी विवेचना ईओडब्ल्यू कानपुर सेक्टर कर रही थी।
इंस्पेक्टर ने बताया कि इसमें 13 निजी कर्मचारी और हाथरस के तत्कालीन जिला समाज कल्याण अधिकारी अंबेडकर नगर के आलापुर थानाक्षेत्र के शिवतारा गांव निवासी उग्रसेन पांडेय समेत 12 लोकसेवकों को आरोपित बना चार्जशीट दाखिल की गई थी। तब से उग्रसेन पांडेय वांछित चल रहे थे। ईओडब्ल्यू की टीम ने सर्विलांस की मदद से उग्रसेन पांडेय को टाटमिल चौराहाके पास से गिरफ्तार किया है। उन्हें रेलबाजार थाने में रखा गया है। टीम शनिवार को लखनऊ कोर्ट में पेश करेगी।
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