GSVM Kanpur News: एलएलआर अस्पताल में नई व्यवस्था, मोबाइल फोन पर मिलेगी पैथालाजी-रेडियोलाजी की रिपोर्ट
जीएसवीएम मेडिकल के एलएलआर अस्पताल में मरीजों के तीमारदारों को अब जांच रिपोर्ट के लिए चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे उनके मोबाइल फोन पर पैथालाजी और रेडियोलाजी की रिपोर्ट भेजी जाएगी। इसके लिए एप विकसित किया जा रहा है।

कानपुर, जेएनएन। जीएसवीएम मेडिकल कालेज के एलएलआर अस्पताल (हैलट) परिसर स्थित 24 घंटे पैथालाजी में मरीजों को खून, पेशाब, बलगम की रिपोर्ट के लिए अब चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। न ही उन्हें एक्सरे एवं अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट के लिए भागदौड़ करनी पड़ेगी। मेडिकल कालेज के प्राचार्य सेवा प्रदाता कंपनी के सहयोग से पैथ एप विकसित करा रहे हैं। ताकि मरीजों के मोबाइल फोन पर ही पैथालाजिकल एवं रेडियोलाजिकल रिपोर्ट भेजी जा सके। साथ ही रिपोर्ट की एक प्रति इलाज करने वाले डाक्टर के पास भी पहुंच जाएगी। इसके लिए कन्वर्टर एवं सर्वर लगाने के लिए शासन से अनुमति मांगी है।
एलएलआर अस्पताल में इलाज के लिए शहर के अलावा आसपास के 10-12 जिलों के मरीज आते हैं। ओपीडी में दिखाने के बाद डाक्टर उनकी पैथालाजिकल एवं रेडियोलाजिकल जांचें कराते हैं, लेकिन उन्हें उसी दिन जांच रिपोर्ट नहीं मिल पाती है। कई बार विलंब से रिपोर्ट मिलने की वजह से उसी दिन डाक्टर को नहीं दिखा पाते हैं। ऐसे में दूर-दराज से आने वाले मरीजों को जांच रिपोर्ट के इंतजार में रुकना पड़ता है। उन्हें अस्पताल परिसर में ही रात गुजारनी पड़ती है। ऐसी समस्याएं लेकर आए दिन मरीजों के स्वजन प्राचार्य तक पहुंचते रहते हैं। इन समस्याओं को देखते हुए प्राचार्य प्रो. संजय काला ने पैथालाजी विभागाध्यक्ष प्रो. सुमनलता वर्मा के साथ विचार-विमर्श भी किया है। उसके बाद एलएलआर की 24 घंटे पैथालाजी में मरीजों को जांच रिपोर्ट मुहैया कराने के लिए बदलाव का फैसला किया है। ऐसे में सैंपल लेते समय मरीजों या उनके स्वजनों को अपना मोबाइल नंबर दर्ज करना होगा।
न लाइन लगाएंगे, न धक्के खाएंगे : पैथ एप बनने के बाद मरीजों एवं उनके तीमारदारों को पैथालाजी के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। न ही उन्हें लाइन में लगना पड़ेगा और न ही धक्के खाने पड़ेंगे। एप पर ही रिपोर्ट मिलेगी। उसका एक ङ्क्षलक इलाज करने वाले डाक्टर के पास पहुंच जाएगा।
-जीएसवीएम मेडिकल कालेज के एलएलआर अस्पताल की 24 घंटे पैथालाजी प्रदेश की माडल पैथालाजी में से एक है। इसलिए इसे अपग्रेड किया जा रहा है। पैथालाजी विभाग का एप बनाया जा रहा है, ताकि विभाग की सभी लैब को जोड़ा जा सके। साफ्टवेयर पहले से है, सिर्फ एप तैयार करके कनेक्टर लगाना है। तीन लाख रुपये मांगे हैं, डेढ़ माह में पूरा कर लिया जाएगा। -प्रो. संजय काला, प्राचार्य, जीएसवीएम मेडिकल कालेज।
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