GSVM के स्टाफ आवास पर प्रशासनिक अधिकारियों का कब्जा, किराए के घरों में रहने को मजबूर मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर
कानपुर के जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में आवास आवंटन में कलेक्ट्रेट बाबू की मनमानी से डॉक्टर और कर्मचारी परेशान हैं। पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों को आवास आवंटित किए जा रहे हैं जिससे कई डॉक्टर किराए पर रहने को मजबूर हैं। प्राचार्य ने मुख्यमंत्री से शिकायत की है और कोर्ट में याचिका दायर की गई है।

जागरण संवाददाता, कानपुर । जीएसवीएम मेडिकल कालेज के परिसर में आवास आवंटन के लिए भटक रहे डाक्टर और स्टाफ पर कलेक्ट्रेट के एक बाबू की मनमानी भारी पड़ रही है। डाक्टर और मेडिकल कालेज के कर्मचारियों की जगह पुलिस और प्रशासन के अधिकारी व कर्मचारियों को आवास आवंटित कर दिया गया है।
इस कारण मेडिकल कालेज के करीब 15 डाक्टर और 25 से ज्यादा कर्मचारी किराए के मकान में रहने को मजबूर हैं। कलेक्ट्रेट के बाबू की मनमानी का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि कालेज परिसर में बने टाइप टू के 54 में 28 और टाइप थ्री के आठ में छह आवास डीएम कार्यालय से आवंटित हुए हैं। इसकी शिकायत कालेज प्राचार्य प्रो. संजय काला की ओर से मुख्यमंत्री और प्रमुख सचिव से की गई है।
नहीं आबंटित किए जा रहे आवास
मेडिकल कालेज के कैंपस प्रभारी डा. संतोष वर्मन ने बताया कि कालेज परिसर में बने आवास के शासनादेश में बदलाव के बाद भी कलेक्ट्रेट कार्यालय से आवास आवंटित किए जा रहे हैं। 50-50 के कोटे को दरकिनार करते हुए अब कोटे से ज्यादा आवास बिना कालेज प्रबंधन को सूचना दिए आवंटित किए जा रहे हैं।
इससे कालेज के वरिष्ठ डाक्टरों को परिसर में रहने की जगह नहीं मिल रही है। वहीं, कांस्टेबल के साथ डीएम कार्यालय और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी आवास में रह रहे हैं। ये लोग बिजली और पानी का बिल भी नहीं देते हैं। प्राचार्य डा. संजय काला ने कहा कि कालेज परिसर में कई चोरी की घटनाएं भी हो चुकी हैं। उन्होंने कहा कि इस मनमानी को लेकर कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है। इसको लेकर शासन में पत्राचार भी किया है।
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