जीएसवीएम : डाक्टरों में मची खलबली, निजी प्रैक्टिस नहीं करने का देना होगा शपथ पत्र
जीएसवीएम अस्पताल में दो डाक्टरों के निलंबन के बाद प्रिंसिपल संजय काला ने सभी विभागाध्यक्षों को आदेश दिया है । उन्होने उन सभी डाक्टरों से शपथ पत्र मांगा है जो निजी प्रैक्टिस नहीं करते और उसके बदले नान प्रैक्टिसिंग एलाउंसेस देते हैं ।
कानपुर,जागरण संवाददाता। जीएसवीएम मेडिकल कालेज के निजी प्रैक्टिस करने वाले दो डाक्टरों पर निलंबन की कार्रवाई के बाद दूसरे डाक्टरों में खलबली मच गई है। शासन ने नान प्रैक्टिसिंग एलाउंस (एनपीए) लेने के बाद भी निजी प्रैक्टिस करने वाले डाक्टरों पर शिकंजा कस दिया है। जीएसवीएम मेडिकल कालेज समेत प्रदेश के सभी मेडिकल कालेजों में कार्यरत डाक्टरों से निजी प्रैक्टिस नहीं करते हैं यह लिखकर उनसे 10 रुपये के स्टांप पेपर में शपथ पत्र मांगा गया है। इसके लिए प्राचार्य प्रो. संजय काला ने सभी विभागाध्यक्षों को पत्र लिखा है।
प्रदेश भर के मेडिकल कालेजों में तैनात स्थाई चिकित्सकों के निजी प्रैक्टिस में लिप्त होने की शिकायतें लगातार शासन तक पहुंच रही हैं। ऐसे डाक्टर को एनपीए लेकर भी खुलेआम अपना निजी क्लीनिक और निजी अस्पताल चला रहे हैं। इस वजह से मेडिकल कालेज का जहां महौल खराब होता है। ऊपर से मेडिकल कालेज में छात्र-छात्राओं का पठन-पाठन भी प्रभावित होता है। साथ ही मेडिक कालेजों से जुड़े अस्पतालों में चिकित्सकीय कार्य प्रभावित होता है। इसे ध्यान में रखते हुए शासन ने सभी डाक्टरों से शपथ पत्र लेने का फरमान जारी किया है। वहीं, मंडलायुक्त डा. राजशेखर ने मेडिकल कालेज के प्राचार्य से मांगी निजी प्रैक्टिस करने वाले डाक्टरों की सूची प्राचार्य से मांगी है।
दो दिन में देना होगा शपथ पत्र
प्राचार्य ने सभी क्लीनिकल विभागों के विभागाध्यक्षों को पत्र लिखा है। उसमें शासन के पत्र का हवाला देते हुए कहा है कि सभी मेडिकल डिग्रीधारक संकाय सदस्य दो दिन के अंदर 10 रुपये के स्टांप पेपर पर निजी प्रैक्टिस नहीं करने का शपथ पत्र लिखकर देंगे। अगर निजी प्रैक्टिस करता पाया जाता है तो उसके समस्त जिम्मेदारी स्वयं की होगी। उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।
विभागाध्यक्ष सुनिश्चित करेंगे उपस्थिति
संकाय सदस्यों (डाक्टरों) की अपने-अपने विभाग में उपस्थिति विभागाध्यक्ष सुनिश्चित करेंगे। अगर कोई डाक्टर अपने विभाग से अनुपस्थित होकर निजी प्रैक्टिस में संलिप्त पाया जाता है। विभागाध्यक्ष अगर उसके खिलाफ कार्रवाई नहीं करते हैं तो उसकी पूरी जिम्मेदारी उनके ऊपर होगी।
संविदा शिक्षकों को भी देना होगा
संविदा शिक्षकों को वर्ष 2008 के नियमावली के अनुसार शपथ पत्र देना होगा। जिस दिन उनकी ओपीडी होगी, उस दिन निजी प्रैक्टिस नहीं करेंगे। इसके अलावा उन्हें यह बताना होगा कि वह निजी प्रैक्टिस कहां करते हैं।
शासन ने संकाय सदस्यों से वर्ष 1983 की नियमावली के अनुसार शपथ पत्र मांगा है, जिसमें वह निजी प्रैक्टिस नहीं करते हैं स्वयं लिखकर देंगे। इसके लिए सभी विभागाध्यक्षों को सूचित कर दिया है। दो दिन में शपथ पत्र देना है।- प्रो. संजय काला, प्राचार्य, जीएसवीएम मेडिकल कालेज।