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    डॉक्टरों की निजी प्रैक्टिस पर चला शासन का चाबुक, डॉ. राघवेंद्र का कानपुर से झांसी तबादला

    Updated: Thu, 09 Jan 2025 11:23 AM (IST)

    UP News सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों द्वारा निजी प्रैक्टिस करने पर शासन ने सख्त कार्रवाई शुरू कर दी है। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के सह आचार्य न्यूरो सर्जन डॉ. राघवेंद्र गुप्ता को निजी प्रैक्टिस करने के कारण राजकीय मेडिकल कॉलेज झांसी स्थानांतरित कर दिया गया है। डॉ. राघवेंद्र लंबे समय से एलएलआर अस्पताल के सामने और फतेहपुर में निजी प्रैक्टिस कर रहे थे।

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    निजी प्रैक्टिस पर शासन का चाबूक, डा. राघवेंद्र झांसी स्थानांतरित

    जागरण संवाददाता, कानपुर। चिकित्सकों को सरकारी अस्पतालों में पूरा समय देने और निजी प्रैक्टिस से दूर रहने के लिए कई बार निर्देशित किया गया लेकिन मनमानी जारी रही। इस पर अब शासन स्तर से कार्रवाई शुरू हो गई है। बुधवार को जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के सह आचार्य न्यूरो सर्जन डा. राघवेंद्र गुप्ता को राजकीय मेडिकल कॉलेज झांसी स्थानांतरित किया गया।

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    वह लंबे समय से एलएलआर अस्पताल के सामने और फतेहपुर में निजी प्रैक्टिस कर रहे थे। शासन की ओर से जारी पत्र में उन्हें नवीन कार्य स्थल पर तत्काल प्रभाव से अपनी सेवाएं देने के लिए भी कहा गया है। इसके बाद, जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य प्रो. संजय काला और न्यूरो सर्जरी विभागाध्यक्ष डा. मनीष सिंह ने डा. राघवेंद्र को रिलीव कर दिया है।

    डीएम की रिपोर्ट पर की गई कार्रवाई

    न्यूरोलाजिस्ट डॉ. राघवेंद्र पर अब बड़ी कार्रवाई के भी आसार दिख रहे हैं। उनके निजी प्रैक्टिस करने का जिक्र स्थानीय अभिसूचना इकाई (एलआइयू) ने डीएम को सौंपी गोपनीय रिपोर्ट में किया था। सीएम कार्यालय से हुई जांच और डीएम की गोपनीय रिपोर्ट के बाद उन पर कार्रवाई की गई है।

    सरकारी नियुक्ति के बाद भी निजी प्रैक्टिस करने वाले शहर के कई अन्य चिकित्सक भी अब शासन की जांच के रडार पर आ चुके हैं। इन पर भी जल्द बड़ी कार्रवाई हो सकती है। इस संबंध में प्राचार्य डॉ. संजय काला ने बताया कि डॉक्टर राघवेंद्र निजी प्रैक्टिस कर रहे थे। एलआइयू की रिपोर्ट के आधार पर शासन की ओर से कार्रवाई की गई है।

    कार्डियोलाजी में एक दिन में रिकार्ड 51 हृदय रोगी भर्ती

    वहीं तापमान में तेजी से हो रही गिरावट के साथ बर्फीली हवाओं ने दिल और दिमाग के मरीजों की संख्या को बढ़ा दिया है। दिनभर शीतलहर जैसी स्थिति के कारण सांस के पुराने मरीजों की सांस उखड़ रही है। बुधवार को हृदय रोग संस्थान में रिकार्ड एक दिन में 55 दिल के मरीज भर्ती हुए। इसमें 20 मरीज गंभीर स्थिति में इमरजेंसी में पहुंचे।

    वहीं, एलएलआर अस्पताल की इमरजेंसी में मेडिसिन विभाग हाउसफुल हो गया। करीब 20 शाम तक ब्रेन स्ट्रोक के लक्षण के साथ भर्ती हुए। इसी प्रकार मुरारी लाल चेस्ट चिकित्सालय में 11 मरीज उखड़ती सांस की समस्या के साथ भर्ती हुए। इसमें तीन मरीज को गंभीर स्थिति में आइसीयू रेफर किया गया। 

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