Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Gold News: हालमार्क के लिए अब सिर्फ अाज और कल का मौका, बाद में फंसेगी पुरानी ज्वैलरी

    By Abhishek AgnihotriEdited By:
    Updated: Mon, 30 Aug 2021 07:46 AM (IST)

    कानपुर शहर में सेंटरों की क्षमता रोजाना दो हजार नग हालमार्क करने की है लेकिन एक हजार नग भी नहीं आ रहे हैं। बहुत से कारोबारियों ने 16 जून के बाद हालमार्क केंद्रों से बिना रसीद लिये पुरानी मुहर लगवा लीं हैं।

    Hero Image
    सोने के जेवरों में हालमार्क की अनिवार्यता कर दी गई है।

    कानपुर, जेएनएन। बस दो दिन ही और बचे हैं, उसके बाद सराफा कारोबारी अपने पास स्टाक में रखे पुराने जेवरों पर हालमार्क की मुहर नहीं लगवा सकेंगे। ब्यूरो आफ इंडियन स्टैंडर्ड (बीआइएस) ने 16 जून से 31 अगस्त तक पुराने स्टाक को हालमार्क कराने की छूट दी थी, इसके बाद एक सितंबर से दुकान में सभी जेवर हालमार्क होने चाहिए। हालांकि शहर के सेंटरों में रोज दो हजार नग को हालमार्क करने की क्षमता है, लेकिन उनके पास इसके आधे जेवर भी नहीं आ रहे। 16 जून को अनिवार्य हालमार्क लागू हुआ था। उस समय कहा गया था कि सराफा कारोबारियों के पास जो स्टाक है, वे उसे 31 अगस्त तक हालमार्क करा सकेंगे। एक सितंबर से दुकान पर सभी जेवर हालमार्क वाले होने चाहिए। अब इसमें दो दिन ही बाकी हैं। इसके बाद भी हालमार्क केंद्रों में नगों की आवक बहुत धीमी है। शहर में चार हालमार्क केंद्र 16 जून से पहले भी थे और चार ही केंद्र अब भी हैं। हर केंद्र की क्षमता 500 नग रोज की है लेकिन 200 से 225 नग ही रोज केंद्र में आ रहे हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    सराफा कारोबारियों के मुताबिक बहुत से व्यापारियों ने 16 जून के बाद अपने जेवरों को बिना रसीद लिए केंद्रों से हालमार्क करा लिया। बीआइएस के पास यह शिकायत पहुंची तो उसने कारोबारियों से अपने जेवरों की घोषणा करने के लिए प्रोफार्मा जारी कर दिया था। बिना रसीद जेवर हालमार्क कराए गए थे, इसलिए बहुत से कारोबारी इसकी घोषणा अब तक नहीं कर सके हैं। इस निर्देश का विरोध भी कहीं ना कहीं इसीलिए हो रहा है।

    65 फीसद ने पंजीयन ही नहीं कराया

    कानपुर में दो हजार से ज्यादा सराफा कारोबारी हैं। इनमें से अब तक 714 कारोबारियों ने ही पंजीयन कराया है। इस तरह अब तक 65 फीसद कारोबारियों ने तो हालमार्क में पंजीयन ही नहीं कराया है। इसलिए वह तो वैसे भी हालमार्क कराने के लिए अपने जेवर केंद्र में नहीं भेज सकते। इन 13 सौ कारोबारियों ने या तो ढाई माह में पूरा पुराना स्टाक बेच दिया या पुरानी मुहर लगाकर माल सुरक्षित कर लिया।

    -एक सितंबर के पुराने जेवरों का हालमार्क नहीं हो सकेगा। अभी तक की स्थिति तो यही है। हालांकि यह बात भी आ रही है कि 30 नवंबर तक इसे बढ़ाया जा सकता है। बीआइएस के अधिकारियों ने कारोबारियों के साथ बैठक में इसका आश्वासन दिया है। -पंकज अरोड़ा, अध्यक्ष, आल इंडिया ज्वेलर्स एंड गोल्डस्मिथ फेडरेशन।

    comedy show banner
    comedy show banner