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    Kanpur Weather: पहाड़ों में तेज बारिश से कानपुर में गंगा का जलस्तर बढ़ रहा, आसपास गांवों में अलर्ट

    By Anurag Shukla1Edited By: Anurag Shukla1
    Updated: Wed, 02 Jul 2025 12:22 PM (IST)

    Weather News पहाड़ों में हो रही तेज बारिश से नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। कानपुर में भी गंगा का जलस्तर तेजी से बढ़ने से जिला प्रशासन अलर्ट हो गया है। प्रशासन ने नौकायन पर रोक लगा दी है। वहीं मौसम विभाग का कहना है कि कानपुर शहर के दक्षिण क्षेत्र में तेज वर्षा के आसार हैं।

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    गंगा के तेज बहाव से कासिमपुर गांव में होता कटान। जागरण

    जागरण संवाददाता, कानपुर। कानपुर में रुक रुक कर बारिश हो रही है। जबकि पहाड़ों में हो रही तेज वर्षा से गंगा का जलस्तर तेजी से बढ़ा है। इससे कानपुर में भी गंगा का पानी बढ़ने से आसपास के गांवों को सतर्क कर दिया गया है। गंगा का जलस्तर तेजी से बढ़ता देख गंगा बैराज स्थित बोट क्लब में नौकायन पर 15 अक्टूबर तक रोक लगा दी गई है।

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    गंगा का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। शुक्लागंज की ओर गंगा का जलस्तर 24 घंटे में 56 सेंमी.बढ़ गया है। सोमवार को सिंचाई विभाग ने बैराज के 30 में से 10 गेट खोल दिए थे। मंगलवार को चार और गेट खोल दिए गए। अब 14 गेट खोल दिए गए हैं। गंगा के बढ़ते जलस्तर को लेकर सिंचाई विभाग ने सतर्कता बढ़ा दी है। साथ ही गंगातट के किनारे से जुड़े गांवों में सतर्कता बढ़ाई जा रही है।

    सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता पंकज गौतम ने बताया कि एडीएम सिटी को पत्र लिखा है कि गंगा के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए बोट क्लब में 15 अक्टूबर तक बोटिंग पर रोक लगा दी जाए। बोट क्लब के सचिव जलक्रीड़ा नीरज श्रीवास्तव ने बताया कि गंगा के बढ़ते जलस्तर और सिंचाई विभाग के सुझाव को देखते हुए 15 अक्टूबर तक बोटिंग पर रोक लगा दी है।

    इस तरह से बढ़ रहा जलस्तर

    • अप स्ट्रीम पर गंगा का जलस्तर - 113.18 मीटर
    • डाउन स्ट्रीम पर गंगा का जलस्तर 111.22 मीटर
    • शुक्लागंज में गंगा का जलस्तर -109.27 मीटर
    • बैराज के 30 गेट में-14 गेट खोले
    • शुक्लागंज की तरफ चेतावनी बिंदु - 113 मीटर
    • खतरे का निशान-114 मीटर
    • नरोरा बांध से सोमवार को छोड़ा गया गंगाजल-1,22,848 क्यूसेक
    • गंगा बैराज से शुक्लागंज की तरफ छोड़ा गया गंगाजल-22,361 क्यूसेक

    अगले दो दिनों में अधिक वर्षा की संभावना

    मौसम विभाग के अनुसार कानपुर में मानसून की सक्रियता लगातार बढ़ रही है इससे अगले दो दिन में अधिक वर्षा होने की संभावना है। मानसून लगातार अपनी चाल बदल रहा है। मंगलवार को प्रदेश के पूर्वी व उत्तरी हिस्से में जोरदार वर्षा हुई लेकिन कानपुर में सूखा ही रहा। सुबह से बादलों की आवाजाही रही लेकिन बरसने वाले बादलों का इंतजार ही रहा। इससे दिन में उमस बहुत ज्यादा हो गई।

    मानसून की बढ़ी सक्रियता

    मौसम विशेषज्ञ डा. एसएन सुनील पांडेय के अनुसार मानसून की सक्रियता अब पूरे प्रदेश में दिखाई दे रही है। बीते चौबीस घंटे के दौरान कहीं-कहीं भारी, बहुत भारी एवं अत्यधिक भारी वर्षा भी हुई है। मानसून की टर्फ लाइन थोडा दक्षिण की ओर खिसकी है। इससे अब कानपुर के दक्षिणी हिस्से में तीव्र वर्षा के आसार बन रहे हैं। चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के मौसम केंद्र पर मंगलवार को दिन में अधिकतम तापमान 33.4 और न्यूनतम तापमान 24.4 डिग्री दर्ज किया गया। यहां आर्द्रता का स्तर भी 95 प्रतिशत रहा है।

    धान रोपाई का सही मौका, देरी से घट जाएगा उत्पादन

    जुलाई शुरू होने के साथ ही खरीफ ऋतु की खेती भी जोर पकड़ने लगी है। महीने का पहला सप्ताह धान बेड़ की रोपाई के लिए सबसे उपयुक्त है। इस समय रोपे धान की फसल की लागत न्यूनतम होती है। खरीफ सीजन की अन्य फसलों मक्का, उड़द, मूंग, ज्वार, बाजरा, सावां, मड़़ुआ की खेती शुरू करने का भी यह उचित समय है। इन फसलों के लिए खेत की तैयारी को अंतिम रूप देना चाहिए।

    धान की खेती के लिए पलेवा में डालें खाद

    धान की अच्छी पैदावार के लिए आखिरी जोताई या पलेवा के समय प्रति हेक्टेयर 100 से 150 क्विंटल गोबर खाद डालना चाहिए। इससे आवश्यक पोषक तत्वों की पूर्ति होती है लेकिन रोपाई के समय पर प्रति हेक्टेयर 60 किलोग्राम नाइट्रोजन, 30 किलोग्राम फास्फोरस तथा 30 किलोग्राम पोटाश भी जरूरी है।

    खरपतवार और कीटनाशक

    रोपाई के दो दिन बाद धान पौधों में खरपतवार नाशक दवाई डालें। इसके बाद एक सप्ताह के बाद धान खेत में दीमक या कीटों की रोकथाम के लिए क्लोरोपाइरीफास दवा डालें। इसके अलावा कृषि विज्ञानियों से सलाह लेकर ही रसायनों का प्रयोग करें।

    खरीफ की अन्य फसलों की खेती के लिए भी तैयारी का यह सही मौका है। इस में वर्षा होने की वजह से खेतों में पर्याप्त नमी बनी हुई है। यह समय मक्का बोआई के लिए उपयुक्त है। उड़द फसल की खेती के लिए भी 15 जुलाई से पहले बोआई का काम पूरा करने की जरूरत है। बोआई से पहले खेतों की जोताई व अन्य काम पूरा करने की जरूरत है।

    डा. सीएल मौर्य, अधिष्ठाता कृषि संकाय , चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय

    अब पूरे प्रदेश भर में मानसून की सक्रियता तेजी से देखने को मिल रही है। तभी बीते 24 घंटे के दौरान कहीं-कहीं भारी, बहुत भारी एवं अत्यधिक भारी वर्षा भी हुई है। मानसून की टर्फ लाइन थोडा दक्षिण की ओर खिसकी है। शहर में अब तेजी से वर्षा के आसार हैं।

    डा. एसएन सुनील पांडेय, मौसम विशेषज्ञ