Kanpur News: गंगा में भांजी को डूबता देख बचाने पहुंचे दो मामा भी डूबे, तीनों की मौत
गंगा दशहरा के अवसर पर अकबरपुर सेंग गांव में एक हृदयविदारक घटना हुई। एक मुंडन संस्कार में शामिल होने आए दो मामा अपनी भांजी को गंगा में डूबने से बचाने के प्रयास में स्वयं भी डूब गए। तीनों की मौत से गांव में शोक की लहर है। प्रशासन ने मृतकों के परिवार को आर्थिक सहायता देने का आश्वासन दिया है।

संवाद सहयोगी, जागरण, बिल्हौर। अकबरपुर सेंग के मजरा कल्लूपुरवा गांव में गंगा स्नान करते समय गहराई में जाकर डूब रही भांजी को बचाने के प्रयास में उसके दो मामा भी डूब गए। मौके पर पहुंची एसडीएम रश्मि लांबा, एसीपी अमरनाथ यादव व इंस्पेक्टर अशोक कुमार सरोज ने ग्रामीणों व गोताखोरों की सहायता से तीनों को बाहर निकलवाकर सीएचसी भेजा। जहां परीक्षण के बाद डाक्टरों ने तीनों को मृत घोषित कर दिया।
गंगा में डूबे दोनों युवक अपने भांजे के मुंडन संस्कार में शामिल होने आए थे। किशोरी और दोनों युवकों की मौत से सीएचसी में कोहराम मच गया। पुलिस ने जांच पड़ताल कर शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा।
मौके पर पहुंचे डीसीपी पश्चिम दिनेश त्रिपाठी ने अस्पताल व मौके पर जाकर घटना की जानकारी ली और स्वजन को ढांढस बंधाया। वहीं एसडीएम ने दैवीय आपदा के तहत तीनों मृतकों के स्वजन को चार चार लाख रुपये आर्थिक सहायता दिलाने का आश्वासन दिया।
कल्लूपुरवा गांव निवासी सर्वेश कुमार निषाद खेती-बाड़ी करते हैं। उन्होंने बताया कि बेटे कृष्णा का गुरुवार को गंगा दशहरा पर मुंडन होना था। इसके चलते बुधवार को कानपुर देहात के शिवली क्षेत्र के औगी निवासी 22 वर्षीय साले बलराम पुत्र हरिश्चंद्र, पत्नी कोमल, पत्नी के भाई बिधनू के संभुआ निवासी 20 वर्षीय संदीप और ससुर रामविलास के साथ घर आए थे।
बुधवार को सभी लोग कन्नौज के तिर्वा मंदिर में बच्चे को खीर चटवाने के लिए गए थे। स्वजन के मुताबिक, गुरुवार को गंगा दशहरा पर सुबह साढ़े आठ बजे साले बलराम अपने साले संदीप सर्वेश की 13 वर्षीय बेटी प्रियंका के साथ गांव के किनारे गंगा स्नान करने गए थे। स्नान के दौरान प्रियंका गहराई में जाने से डूबने लगी। उसे बचाने के प्रयास में बलराम और संदीप भी गहराई में चले गए और डूबने लगे। लोगों के शोर मचाने पर ग्राीमण पहुंचे।
ग्रामीण और अकबरपुर सेंग घाट पर मौजूद पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। पुलिस ने गोताखोरों की मदद से नाव से जाल डलवाकर खोजबीन शुरू कराई। इस पर पहले प्रियंका और बलराम, फिर कुछ देर बाद ग्रामीणों ने संदीप को बाहर निकाल लिया।
तीनों को सीएचसी भेजा गया, जहां डाक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। हादसे की जानकारी होते ही डीसीपी पश्चिम दिनेश त्रिपाठी, एसडीएम रश्मि लांबा, एसीपी अमरनाथ यादव व इंस्पेक्टर ने स्वजन को ढांढस बंधाया।
एसीपी अमरनाथ यादव ने बताया कि गंगा स्नान करते समय गहराई में जाने से तीनों की डूबकर मौत हुई है। एसडीएम रश्मि लांबा ने बताया कि दैवीय आपदा के तहत प्रत्येक मृतक के स्वजन को चार-चार लाख की आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। मृतक अगर कृषक हैं तो एक एक लाख की अतिरिक्त सहायता दी जाएगी।
तीन माह पहले हुई थी बलराम की शादी, पत्नी हुई अचेत
हादसे में मृत बलराम की शादी 18 फरवरी को कोमल से हुई है। सीएचसी पहुंची कोमल पति और भाई संदीप के शव को देखकर अचेत हो गई। स्वजन ने उसे किसी तरह संभाला। कोमल हाय अब का करिबै, दो घर बर्बाद हो गए कहकर बिलखती रही। वहीं पिता रामविलास भी कभी बेटे और कभी दामाद का शव देख बिलखते हुए बेटी कोमल को संभालते रहे। उधर , सर्वेश बेटी और दो सालों की मौत से बेहाल हो गए।
सुबह ही वापस लौटने वाला था संदीप
सर्वेश ने बताया कि संदीप सुबह वापस अपने घर जाने की बात कह रहा था। इस बीच पत्नी सुनीता की कुछ तबीयत बिगड़ गई। तो उसे दवा दिलाने चले गए। तभी संदीप रुक गया और उनके जाने के बाद गंगा स्नान करने चला गया। अगर वह सुबह वापस लौट जाता तो उसकी जान बच जाती।
वहीं ग्रामीणों ने बताया कि तीनों के डूबने के समय परिवार के एक लोग कुछ दूर पर खड़े थे। उन्होंने समझा कि दोनों युवक किशोरी को खोज रहे हैं। इसके चलते शोर नहीं मचाया। कुछ देर तक दोनों के ऊपर न आने पर आसपास के लोगों ने शोर मचाकर ग्रामीणों को बुलाया।
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