Ganesh Chaturthi 2022 : भगवान गणेश पर भी दिखेगा आजादी के अमृत महोत्सव का रंग, पंडाल में तिरंगे में देंगे दर्शन
Ganesh Chaturthi 2022 कानपुर समेत पूरे देश में 31 अगस्त से गणेशोत्सव की शुरुआत हो गई है। दो वर्ष बाद पंडालों में पूरे विधि-विधान से गणपति महाराज को विराजमान किया जाएगा। शहर के कई इलाकों में पांडाल सजाने की तैयारी एक दिन पहले से ही शुरू हो गई है।

कानपुर, जागरण संवाददाता। Ganesh Chaturthi 2022 : शहर 31 अगस्त को गणेशोत्सव के उत्साह में रंग जाएगा। कोरोना की बंदिशों से मुक्त होकर दो वर्ष बाद पंडालों में पूरे विधि-विधान से गणपति महाराज को विराजमान किया जाएगा। शहर में लगभग तीन हजार स्थानों पर होने वाला गणेशोत्सव का उत्साह इस बार शहर को महाराष्ट्र की तर्ज पर होने वाले महोत्सव जैसा माहौल देगा।
भक्त इस बार गणपति महाराज के कई रूपों को पंडाल में विराजमान कराएंगे। दर्जनों स्थानों पर गणपति महाराज लालबाग के राजा के रूप में स्थापित होंगे। आजादी के अमृत महोत्सव पर गणपति महाराज को राष्ट्रीय ध्वज के रंग में रंगने की तैयारी कई मंडलों द्वारा चल रही है। वहीं, गणपति महाराज इस बार कोतवाल, शेषनाग जैसे मनोहारी स्वरूप में भक्तों को दर्शन देंगे।
पालिका बाजार में लालबाग के राजा और शिव कटरा में तिरंगा रूप में होंगे दर्शन
गणेशोत्सव में शहर के हर पंडाल में गणपति महाराज के विभिन्न रूपों के दर्शन भक्तों को होंगे। पालिका बाजार के श्री गणेश महोत्सव सेवा समिति द्वारा लालबाग के गणपति महाराज रूप को विराजमान किया जाएगा। वहीं, शिव कटरा में सार्वजनिक गणेश महोत्सव समिति द्वारा आजादी के अमृत महोत्सव थीम पर गणपति महाराज तिरंगा रंग में रंगे होंगे। वहीं, शहर के कोतवाल रूप में भी भक्तों को दर्शन मिलेंगे।
साकेत नगर में कोलकाता से आए मूर्तिकार मंगल ने बताया कि शहर से उन्नाव, जालौन, फतेहपुर, झांसी, लखनऊ, कन्नौज, हरदोई सहित आस-पास के कई जिलों से प्रतिमाओं को आर्डर आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि दो वर्ष बाद गणपति महाराज मूर्तिकारों के विघ्न को हर रहे हैं। इस बार बड़ी प्रतिमाओं की मांग ज्यादा आ रही है। वहीं, घरों में स्थापित करने के लिए बाल गणेश के विभिन्न रूप की प्रतिमाएं भी तैयार की जा रही है।
उन्होंने बताया कि इस बार गणपति महाराज के मयूरेश्वर, सिद्धिविनायक, बल्लासेश्वर, वरद विनाय, चिंतामणि थेऊर, गिरिजात्मज, विघ्नेश्वर और महागणपति के रूप की प्रतिमाएं बनाई जा रही है। कई परिवारों से गणपति के दगडू सेठ रूप की छोटी-छोटी प्रतिमाएं बनाने के लिए आर्ड मिल रहे हैं। वहीं राजस्थान के केशव राठौर ने बताया कि इको फ्रेंड्ली प्रतिमाओं की मांग भी तेजी से बढ़ी है। कई आर्डर इको फ्रेंड्ली बनाने के आर्डर मिल चुके हैं। उम्मीद है इस बार पिछले वर्षों में हुए नुकसान की भरपाई हो जाएगी।
300 से 50 हजार तक के गणपति महाराज
गणेशोत्सव के उत्साह का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि बाजार में इस बार छोटी प्रतिमाएं 300 से शुरू होकर 300 हजार तक रुपये में मिल रही हैं। वहीं, बड़ी प्रतिमाओं के मूल्य उनके ऊंचाई के आधार पर तय हो रहे हैं। राजस्थान के कलाकार दीप सिंह ने बताया कि शहर से कई बड़ी प्रतिमाओं की मांग हुई। जिनके मूल्य 50 हजार तक रहेंगे।
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