मैं प्राण त्यागते समय निराश नहीं हूं.., फांसी के तीन दिन पहले बिस्मिल ने पूरा किया था आत्मकथा का अंतिम अध्याय

क्रांतिकारियों की कलम से गोरखपुर की जेल में 19 दिसंबर 1927 को काकोरी ट्रेन एक्शन के नायक पंडित राम प्रसाद बिस्मिल को फांसी दी गई थी। फांसी के तीन दिन पहले ही उन्होंने अपनी आत्मकथा का आखिरी अध्याय पूरा किया था।