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    UP Chunav 2022 : प्रमोद कुमार गुप्ता ने नगर पंचायत से शुरू किया था ‘राजनीति’ का सफर, टिकट न मिलने पर लड़ गए थे निर्दलीय

    By Abhishek VermaEdited By:
    Updated: Wed, 19 Jan 2022 02:46 PM (IST)

    UP Vidhan Sabha Chunav 2022 औरैया की बिधूना विधानसभा सीट इस समय दिलचस्प मोड़ पर आ गई है। कारण है पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के साढ़ू प्रमोद कुमार गुप्ता उर्फ एलएस का भाजपा की ओर रुख करना। यहां हम उनके राजनीतिक सफर के बारे में बताने जा रहे हैं।

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    सपा से टिकट न मिलने पर प्रमोद कुमार गुप्ता वर्ष 2007 में निर्दलीय लड़े और जीते।

    औरैया, जागरण संवाददाता। UP Assembly Chunav 2022 : विधान सभा चुनाव 2022 में सबसे ज्यादा चर्चा वाली सीट बिधूना बन गई है। कारण, यहां पर भाजपा विधायक विनय शाक्य का सपा में जाना और सपा से वर्ष 2012 में विधायक रहे पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के साढ़ू प्रमोद कुमार गुप्ता एलएस का भाजपा की ओर रुख। सदस्यता जल्द ग्रहण किए जाने की बात उन्होंने कही। इसके साथ ही अब टिकट की टिक-टिक और तेज हाे चली है। प्रमोद के अब तक के सफर पर नजर डाली जाए तो उन्होंने बिधूना नगर पंचायत अध्यक्ष पद से अपने पैर जमाने शुरू कर दिए थे। वर्ष 2007 में वह सपा से टिकट न मिलने पर निर्दलीय लड़े और जीते। उनके प्रतिद्वंद्वी उनके साले सचिन गुप्ता सपा से थे। इसके बाद 2012 विधान सभा में सपा से लड़ने का मौका मिला और विधायक की कुर्सी पर कबिज हुए। साल 2017 में सपा ने दावेदारी बदल दी और किनारे किया। यहां पर भाजपा से विनय शाक्य जीते। 

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    प्रमोद गुप्ता एलएस मुलायम सिंह की दूसरी पत्नी साधना गुप्ता (अब साधना यादव) के बहनाेई हैं। औरैया के बिधूना तहसील क्षेत्र में कस्बा के मोहल्ला किशोरगंज निवासी हैं। समाजवादी पार्टी से वर्ष 2012 में इस सीट पर विधायक रहे प्रमोद कुमार गुप्ता ने भाजपा में शामिल होने से इस सीट पर दावेदारों में चर्चा तेज हो गई है। सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के साढ़ू प्रमोद गुप्ता पर अब सब की नजर एक

    बार फिर से टिक गई है। वर्ष 2012 से 2017 तक चली सपा सरकार में प्रमोद को कोई बड़ा ओहदा नहीं मिला था। वर्ष 2007 से 2012 में भी कुछ ऐसा रहा। नगर पंचायत अध्यक्ष चुनाव उन्हें अकेले लड़ना पड़ा था। निर्दलीय प्रत्याशी बने। अपने साले सचिन पी गुप्ता को हराया। इसके बाद 2012 में सपा से टिकट मिली। बसपा से लड़े विनय शाक्य के भाई देवेश को हराकर सीट जीती। 2017 में भाजपा ने देवेश के बड़े भाई विनय शाक्य को मैदान में उतारा हालांकि यहां पर सपा से प्रत्याशी रहे दिनेश वर्मा को हार का सामना करना पड़ा। अप्रैल 2021 में हुए पंचायत चुनाव में प्रमोद गुप्ता की पत्नी कल्पना गुप्ता ने दावेदारी की थी। लेकिन, जीत नहीं मिली।

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