Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    कानपुर स्थित अदाणी डिफेंस एंड एयरोस्पेस की पहली यूनिट तैयार, मार्च से शुरू होगा तोप-गोले और हैंड ग्रेनेड का उत्पादन

    Updated: Tue, 06 Feb 2024 08:43 PM (IST)

    साढ़ स्थित डिफेंस कारिडोर में अदाणी डिफेंस एंड एयरोस्पेस की पहली यूनिट में सबसे पहले रायफल लाइट मशीन गन (एलएमजी) एके-47 और कार्बाइन की गोलियां बनेंगी। इसके बाद अगले चरण में आर्टिलरी गन गोला-बारूद तोपें और हैंड ग्रेनेड समेत सेना के जवानों के लिए अलग-अलग तरह के अस्त्र-शस्त्र व सुविधाओं संबंधित उत्पाद निर्मित किए जाएंगे। मार्च तक उत्पादन शुरू करने का खाका खींचा गया है।

    Hero Image
    कानपुर स्थित अदाणी डिफेंस एंड एयरोस्पेस की पहली यूनिट तैयार, मार्च से शुरू होगा तोप-गोले और हैंड ग्रेनेड का उत्पादन

    शिवा अवस्थी, कानपुर। साढ़ स्थित डिफेंस कारिडोर में अदाणी डिफेंस एंड एयरोस्पेस की पहली यूनिट में सबसे पहले रायफल, लाइट मशीन गन (एलएमजी), एके-47 और कार्बाइन की गोलियां बनेंगी। इसके बाद अगले चरण में आर्टिलरी गन, गोला-बारूद, तोपें और हैंड ग्रेनेड समेत सेना के जवानों के लिए अलग-अलग तरह के अस्त्र-शस्त्र व सुविधाओं संबंधित उत्पाद निर्मित किए जाएंगे।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    मार्च तक उत्पादन शुरू करने का खाका खींचा गया है। फरवरी के आखिर तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इसका लोकार्पण कर सकते हैं, जिसकी तैयारी चल रही है। केवल तारीख निश्चित होना बाकी है।

    कानपुर में बन रहा एशिया का सबसे बड़ा एम्यूनेशन कांप्लेक्स

    रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के लिए आधुनिक तकनीक से बनने वाले हथियारों की आपूर्ति में बेहतरी लाने को साढ़ स्थित डिफेंस कारिडोर में अदाणी समूह को जमीन आवंटित की गई थी। समूह यहां एशिया का सबसे बड़ा एम्यूनेशन कांप्लेक्स यानी अस्त्र-शस्त्र निर्माण क्षेत्र विकसित कर रहा है।

    भविष्य में यहां टोड तोप की सीरीज निर्माण की भी तैयारी है। टोड तोपों का प्रयोग वियतनाम से लेकर रूस-यूक्रेन युद्ध तक में किया जा चुका है। पहली बार इसे मास्को में परेड में प्रदर्शित किया गया था। पहली यूनिट का परीक्षण पूरा कर लिया गया है।

    बुलेट प्रूफ जैकेट से लेकर लड़ाकू विमान भी होंगे विकसित

    सूत्रों के अनुसार, मेक इन इंडिया के तहत बुलेट प्रूफ जैकेट, ड्रोन, लड़ाकू विमान, हेलीकाप्टर व मिसाइल तक यहां बनाई जाएंगी। अभी आसपास और जमीन देखी जा रही है, जिससे रक्षा क्षेत्र से जुड़ी औद्योगिक इकाइयां स्थापित की जा सकें। अदाणी समूह इन्हें भी काम देगा। बुंदेलखंड के झांसी व चित्रकूट स्थित डिफेंस कारिडोर नोड से भी सीधे जुड़ाव का फायदा मिलेगा।

    15 सौ करोड़ रुपये निवेश कर रहा है फिलहाल अदाणी समूह यहां पर।

    499 एकड़ जमीन आवंटित की है सरकार ने समूह को रक्षा उत्पादन के लिए।

    260 हेक्टेयर और जमीन चिह्नित की गई है कारिडोर के आसपास।

    100 छोटी-छोटी इकाइयां आसपास स्थापित की जाएंगी कारिडोर के।

    140 करोड़ रुपये से खरीदी गई है जमीन संबंधित छोटे उद्यमियों के लिए।

    डिफेंस कारिडोर की प्रथम यूनिट में पहले गोलियां, फिर गोला-बारूद, तोप समेत आधुनिक अस्त्र-शस्त्र अलग-अलग चरण में बनाने का काम होगा। आसपास रक्षा क्षेत्र से जुड़ी औद्योगिक इकाइयां स्थापित की जा रही हैं। इनमें बड़ी संख्या में रोजगार भी मिलेंगे।

    -सुधीर कुमार श्रीवास्तव, उपायुक्त उद्योग

    इसे भी पढ़ें: लोकसभा चुनाव से पहले सपा को एक और बड़ा झटका, पूर्व विधायक ने पार्टी से दिया इस्तीफा; अखिलेश पर लगाए गंभीर आरोप