Kanpur के 7 गांव में फैला बुखार, 25 दिन में दो की मौत, एक हजार लोग बीमार, रैपिड टेस्ट भी संक्रमण पकड़ने में विफल
कानपुर के बिधनू क्षेत्र के सात गांवों में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने शिविर लगाकर 1000 बुखार पीड़ितों का उपचार किया। 441 संदिग्ध मरीजों की रैपिड टेस्ट की गई पर बुखार का संक्रमण पकड़ में नहीं आया। रैपिड किट भी संक्रमण नहीं बता सकी। बीते 25 दिनों में बुखार से एक बच्ची समेत बुजुर्ग की मौत हो गई थी।
संवाद सहयोगी, जागरण, बिधनू(जागरण)। स्वास्थ्य विभाग की टीम बिधनू क्षेत्र के सात गांवों में शिविर लगाकर बीते सात दिनों में करीब 1000 बुखार पीड़ित मरीजों का उपचार कर चुकी है। जिनमें से 441 संदिग्ध मरीजों की रैपिड टेस्ट भी किया गया। इसके बाद भी बुखार का संक्रमण पकड़ में नहीं आया। रैपिड किट भी नहीं बता सकी शरीर में छिपा कौन से संक्रमण की वजह से बुखार क्षेत्र में फैला हुआ है। जिसमे जरा सी चूक करने पर मरीजों की जान तक जा रही है।
बिधनू क्षेत्र के गांवों में बीते 25 दिनों से फैले बुखार में एक बच्ची समेत बुजुर्ग की मौत हो गई थी। जिसके बाद से सक्रिय हुई स्वाथ्य विभाग की टीम रुस्तमपुर, ढड़िया, पंचापुरवा, सीढ़ी, लालूपुर, कड़री चम्पतपुर, बकौली गांवों में बीते सात दिनों से शिविर लगाकर बुखार मरीजों की रैपिड किट से जांच कर उपचार कर रही है। सातों गांवों में टीम ने अभी तक करीब 1000 बुखार मरीजों का उपचार किया। जिसमें से 441 संदिग्ध मरीजों की रैपिड किट से जांच की। जिसमे सभी मरीजों की रिपोर्ट निगेटिव ही आई।
बिधनू बकौली गांव में बुखार के मरीजों की जांच करती स्वास्थ्य विभाग की टीम। जागरण
इसके बाद लोगों का बुखार कम नहीं हुआ। लोग आज भी बीते 15 दिनों से बुखार की दवा खा रहे हैं। मरीजों के मुताबिक दवा खाने के चार घंटे बाद सर्दी व बदन दर्द के साथ बुखार फिर से आ रहा है। जिसको लेकर शिविर के साथ साथ सीएचसी की ओपीडी में मरीजों की संख्या कम होने का नाम नहीं ले रही है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा संवेदनशील गांवों में लगाए गए शिविर में प्रति दिन करीब 50 से 100 मरीज उपचार के लिए पहुंच रहे हैं।
वहीं सीएचसी की ओपीडी में भी 500 से 600 मरीज हर रोज बुखार, खांसी और जुखाम के पहुंच रहे हैं। जिन्हें डाक्टर बुखार व जुखाम की दवा देकर घर भेज रहे हैं। मंगलवार को स्वास्थ्य विभाग टीमों ने बकौली और कड़री चम्पतपुर गांव शिविर लगाकर बुखार पीड़ित 66 मरीज देखे। जिनमे से 17 संदिग्ध मरीजों की रैपिड किट से जांच की गई। इस दौरान बकौली में सानू नाम का मरीज कंबल ओढ़कर शिविर पहुंचा। जिसे तेज बुखार था।
लक्षण देखकर मलेरिया लग रहा था, लेकिन टेस्ट उसका भी निगेटिव आया। फिर डाक्टर ने उसे मलेरिया की खुराक दी। ऐसे ही कई मरीजों ने इस प्रकार के लक्षण बताए। जिन्हें भी मलेरिया की दवा दी गई। सीएचसी की ओपीडी में भी करीब 450 नया मरीज पहुंचा। जिसमे 300 मरीज सर्दी व बदन दर्द के साथ बुखार व खांसी, जुखाम के थे। जिन्हें करीब 15 से 20 दिन उपचार कराते हो गया, लेकिन आराम नहीं मिला।
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क्षेत्र में वायरल बुखार ही फैला हुआ है। कुछ मरीजों में मलेरिया के लक्षण दिखाई देने पर उसकी दवा दी जा रही है। बुखार व अन्य संक्रामक बीमारियों को रोकने के लिए पहले से ही सर्तकता दिखाकर गांव गांव शिविर लगाए जा रहे हैं। अभी तक किसी मरीज में कोई गंभीर संक्रमण सामने नहीं आया।
- डां नीरज सचान, चिकित्साधीक्षक, सीएचसी बिधनू
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