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    फतेहपुर के दरवेशाबाद में मिली भगवान बुद्ध की प्राचीन प्रतिमा, एक टुकड़ा गायब होने से धातु की टेस्टिंग कराने की शंका

    By Abhishek AgnihotriEdited By:
    Updated: Mon, 23 May 2022 12:44 PM (IST)

    फतेहपुर के बिंदकी कोतवाली क्षेत्र के दरवेशाबाद गांव में साढ़े तीन किलो वजन वाली भगवान बुद्ध् की प्रतिमा पुलिस ने बरामद करके तीन लोगों को हिरासत में लिया है। मूर्ति के अष्टधातु के होने की संभावना है। - कुछ हिस्सा गायब टुकड़ा सर्राफ को टेस्टिंग के लिए देने का शक

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    फतेहपुर के दरवेशाबाद गांव में प्रतिमा मिली है। प्रतीकात्मक चित्र

    फतेहपुर, जागरण संवाददाता। प्राचीन मूर्तियों की तस्करी करने वाला गिरोह सक्रिय है। बीते दिनों चित्रकूट के मंदिर में चोरी के बाद मूर्ति वापसी घटना चर्चा में रही थी तो रविवार को पुलिस ने भगवान बुद्ध् की प्राचीन प्रतिमा बरामद की है। दरवेशाबाद गांव से बरामद प्रतिमा का वजन करीब साढ़े तीन किलो है और पुलिस ने तीन लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की है। मूर्ति का कुछ हिस्सा टूटा होने से शक है कि टुकड़ा टेस्टिंग के लिए देकर उसकी धातु का पता करने का प्रयास था। पुलिस अब पता लगा रही है कि कस्बे में किस सर्राफ के यहां मूर्ति की टेस्टिंग के लिए नमूना दिया गया है।

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    दरवेशाबाद गांव में तीन दिनों से भगवान बुद्ध की अष्टधातु से बनी मूर्ति आने की चर्चा थी। पुलिस ने प्रधान विमल की मदद से मूर्ति को बरामद कर गांव के ही तीन लोगों को हिरासत में ले लिया। पुलिस पता लगाने में जुटी है कि मूर्ति को कहां से लाया गया है। मूर्ति का कुछ हिस्सा गायब होने से संदेह हैं कि उसके टुकड़े को टेस्टिंग के लिए किसी सर्राफ को दिया गया है। पुलिस को बिंदकी के एक सर्राफ पर शक है। कोतवाली प्रभारी रवींद्र श्रीवास्तव ने बताया कि पीली धातु से बनी भगवान बुद्ध की मूर्ति है। अष्टधातु की है या नहीं, यह जांच के बाद ही पता चलेगा।

    फतेहपुर और आसपास चित्रकूट समेत बुंदेलखंड के जिलों में बहुतायत में प्राचीन मंदिर हैं, कुछ जीर्णशीर्ण अवस्था में है तो कहीं पर देखरेख करने वाले ही नहीं हैं। इसका फायदा मूर्ति तस्कर उठा रहे हैं और प्राचीन मंदिरों से मूर्तियां गायब करके बिक्री कर रहे हैं। बीते दिनों चित्रकूट के एक मंदिर से चोरी के बाद चोर मूर्ति वापस रखकर पत्र छोड़ गए थे। यह घटना काफी चर्चा में भी रही थी। चोरों ने बुरे सपने आने की वजह से मूर्ति वापस करने की बात पत्र में लिखी थी।