जनसेवा केंद्र पर फर्जी आधार कार्ड बनाने का पर्दाफाश, Kanpur Police ने पकड़ा एक शातिर और बाकी की तलाश
Aadhar Card पुलिस ने कानपुर के गुजैनी जी ब्लाक में संचालित जनसेवा केंद्र पर छापा मारकर फर्जीवाड़े का पर्दाफाश किया है। फर्जी आधार कार्ड पैन कार्ड और मतदाता पहचान पत्र भी बड़ी संख्या में बरामद करके एक युवक को गिरफ्तार किया है।

कानपुर, जेएनएन। गुजैनी जी ब्लाक में जनसेवा केंद्र पर फर्जी आधार कार्ड बनाने का काम चल रहा था। आधार कार्ड बनवाने के लिए दस्तावेज देने वाले एक युवक की शिकायत पर गोविंद नगर थाना पुलिस ने जनसेवा केंद्र से शातिर को गिरफ्तार कर उसके काले कारनामों का पर्दाफाश किया। फर्जी आधार कार्ड के साथ केंद्र पर फर्जी वोटर कार्ड भी बनाए जा रहे थे। गिरफ्तार शातिर के पास फर्जी आधार कार्ड, पैन कार्ड और वोटर कार्ड के साथ ही इन्हें बनाने वाले उपकरण बरामद हुए हैं। वह एक साल से फर्जीवाड़ा कर रहा था। बरामद दस्तावेजों के आधार पर गिरोह में शामिल अन्य लोगों का पता लगाया जा रहा है।
बर्रा निवासी एक युवक ने पुलिस को बताया था कि उसने 20 जुलाई को गुजैनी जी ब्लाक स्थित जनसेवा केंद्र पर पत्नी का आधार कार्ड बनवाने के लिए कुछ कागजात दिए थे। केंद्र पर काम करने वाले बर्रा निवासी जितेंद्र गौतम ने उसे गुरुवार को बुलाया था। गुरुवार को जब युवक पहुंचा तो जितेंद्र ने आधार कार्ड और मतदाता पहचान पत्र दिया। युवक ने घर आकर आनलाइन चेक किया, लेकिन वेबसाइट पर आधार कार्ड प्रदर्शित नहीं हुआ। तब उन्हें उसके फर्जी होने का संदेह हुआ। इसके बाद पुलिस ने जनसेवा केंद्र पर छापा मारकर आरोपित जितेंद्र को दबोच लिया। जनसेवा केंद्र की जांच की तो वहां से कई फर्जी पहचान पत्र, दो सीपीयू, दो मानीटर, एक थंब स्कैनर, दो प्रिंटर, दो कीबोर्ड और एक वाइफाइ सेटटाप बाक्स बरामद हुए। गोङ्क्षवद नगर थाना प्रभारी अनुराग मिश्रा ने बताया कि आरोपित ने बताया है कि वह आधार कार्ड बनाने के लिए फर्जी पहचान पत्र बनाता था। आधार व मतदाता पहचान पत्र को स्कैन करके उसमें नंबर बदलकर तैयार करता था। इससे किसी को शक नहीं होता था।
चकेरी के गिरोह की जांच अब तक नहीं कर सकी पुलिस
पिछले वर्ष भी पुलिस ने जाजमऊ स्थित एक साइबर कैफे में छापा मारकर फर्जी आधार, पहचान पत्र बनाने वाले शातिर को गिरफ्तार किया था। कैफे संचालक फरार हो गया था। पुलिस ने वहां भी तमाम फर्जी आधार, पहचानपत्र, निवास प्रमाणपत्र आदि दस्तावेज बरामद किए थे। कंप्यूटर से हजारों लोगों का डाटा हासिल किया था। अब तक पुलिस उस गिरोह का भी राजफाश नहीं कर सकी। जिनके पहचानपत्र बनाए गए, उन्हें भी नहीं पकड़ सकी है।
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