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    आपकी आंखों में भी है संक्रमण तो हल्के में मत लें, मानसून में बढ़ रहा खतरा, जानें क्या कहते हैं चिकित्सक

    By Ankush Kumar Edited By: Anurag Shukla1
    Updated: Sat, 26 Jul 2025 05:31 PM (IST)

    मानसून में आंखों के संक्रमण की बीमारी बढ़ रही है। वर्षा में आंखों के संक्रमण से बचाव के लिए सतर्कता जरूरी है। कंजेक्टिवाइटिस से बचाव के लिए आंख की स्वच्छता जरूरी है। जीएसवीएम मेडिकल कालेज के नेत्र रोग विभागाध्यक्ष प्रो. परवेज खान ने आंखों से जुड़े संक्रमण से बचाव के बारे में भी बताया।

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    कंजेक्टिवाइटिस से बचाव के लिए आंख की स्वच्छता जरूरी : डा. परवेज खान

    जागरण संवाददाता, कानपुर। वर्षा के दिनों में आंख का संक्रमण हर किसी के लिए समस्या बन जाता है। आंख में होने वाले सामान्य रोगों में कंजेक्टिवाइटिस (आंख आना), आई स्टाई (पलक में फुंसी) होना, सूखी आंख और कार्नियल अल्सर और नेत्र संक्रमण का खतरा सर्वाधिक रहता है। इससे घबराएं नहीं, सतर्क रहें।कंजेक्टिवाइटिस खुद ही सात से 10 दिनों में ठीक हो जाता है। इससे बचाव के लिए आंख की स्वच्छता का विशेष ख्याल रखना चाहिए।

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    कम से कम स्टेराइड का प्रयोग करें, दूसरों का रुमाल और तौलिया प्रयोग करने से बचें। इसके साथ ही डायबिटिक रोगियों को समय-समय पर अपने आंख के पर्दे की जांच जरूर करानी चाहिए। यह बातें दैनिक जागरण के हेलो डाक्टर में जीएसवीएम मेडिकल कालेज के ने पाठकों के सवालों का उत्तर देते हुए कही।

    नेत्र रोग विभागाध्यक्ष प्रो. परवेज खान

    नेत्र रोग विभागाध्यक्ष प्रो. परवेज खान । जागरण

    दो वर्ष पहले मोतियाबिंद का आपरेशन कराया था। अब आंख से पानी और कीचड़ आ रहा है। बचाव बताएं? - जय प्रकाश तिवारी, बर्रा एक। प्रतिभा तिवारी, बर्रा दो।

    आपरेशन के बाद धुंधला दिखने लेंस के पीछे की झिल्ली में गंदगी के कारण होती है। इसे लेजर से सही किया जाता है। इस सुविधा एलएलआर के नेत्र रोग विभाग में उपलब्ध है। इसके लिए आप परेशान नहीं हो। बढ़ती उम्र में इस प्रकार की समस्या अक्सर हो जाती है। आंख में खुजली की समस्या होने पर लुब्रिकेंट का प्रयोग करके इससे बचा जा सकता है।

    वर्षा के दिनों में आंख में किस प्रकार की बीमारी का खतरा हो सकता है। इससे कैसे बचाव करें? - पूजा कुशवाहा, फतेहपुर। रितिका पांडेय, गुजैनी। राधेश्याम, सजारी। माया रावत, नानकारी।

    लंबे समय तक स्क्रीन में समय बिताने के कारण आंख में सुई की तरह चुंबन और ड्राई आंख की समस्या होती है। खुजली और संक्रमण भी इस कारण हो सकती है। इसलिए विशेषज्ञ की सलाह पर दवाएं लें। आंख को कुछ समय अंतराल पर धो की आदत डालें। इस सीजन में आंख आने की समस्या भी बढ़ जाती है। इससे बचाव के लिए आंख की स्वच्छता का ख्याल रखें।

    75 वर्षीय वृद्ध हूं, अब आंख में मोतियाबिंद हो गया है। क्या करें? - अशोक कुरील, हर्ष नगर। आलोक कुमार तिवारी, रामादेवी।

    मोतियाबिंद बढ़ती उम्र में खतरनाक हो जाता है। मोतियाबिंद में पीले वस्तुएं दिखना मोतियाबिंद की पुष्टि करता है। इसलिए इसमें देरी ठीक नहीं। एलएलआर में निश्शुल्क इलाज की सुविधा उपलब्ध है।

    आंखों की रोशनी कम हो रही है। इस समस्या से कैसे बचें? - सुरेश अवस्थी, पांडु नगर।

    आंख की रोशनी का कम होना मोतियाबिंद, ग्लूकोमा और रैटिनोपैथी हो सकती है। इसके साथ ही बढ़ती उम्र में चश्मे का नंबर भी हो सकता है। एक बार आप एलएलआर अस्पताल के नेत्र रोग विभाग में दिखा लें। कुछ जांच के बाद सही स्थिति देखी जा सकती है।

    बदलते मौसम में आंख में खुजली और पानी आने की समस्या है। कैसे बचाव करें? - डा. रवींद्र सिंह, विष्णुपुरी। करुणा मेहरोत्रा, चौक।

    बदलते मौसम में संक्रमण के कारण इस प्रकार की समस्या होती है। इसमें लुब्रिकेट डालने से आप संक्रमण से बचाव कर सकते हैं। इसके साथ ही आंख को संक्रमण से बचाने के लिए आंख का सफाई का ध्यान रखें। आंख को छूने से पहले हाथ को अच्छे से साफ करें।

    मेरी पत्नी की आंख से पानी और कीचड़ आने की समस्या है? - नीरज मिश्रा, फतेहपुर।

    आमतौर पर इस प्रकार की समस्या आंख की नली के रास्ते के बंद होने से होती है। जिसे आम भाषा में नासूर कहा जाता है। इसमें सर्जरी के जरिये बंद हुए रास्ते को क्लियर किया जाता है। नेत्र रोग विभाग में दिखा लें तो आपको राहत मिल जाएगी। इसमें दवाएं लंबे समय तक कारगर नहीं होती है।

    आंख में लालपन और पानी आने की समस्या है? - डा. हेम सक्सेना, दयानंद विहार।

    वर्षा के सीजन में आई फ्लू के कारण इस प्रकार की समस्या हो रही है। इससे बचाव के लिए स्वच्छता का ख्याल रखें। एंटीबायोटिक दवाओं का प्रयोग नेत्र रोग विशेषज्ञ की सलाह पर कर सकते हैं। कंजंक्टिवाइटिस (आंख आना) से परेशान नहीं हो। यह स्वत: ही सात से 10 दिन में ठीक हो जाएगा। अपना रुमाल और तौलिया का प्रयोग किसी को न करने दें। परिवार के अन्य सदस्यों को न फैले इसके लिए सतर्क रहें।

    आंख में हमेशा काले धब्बे नजर आते हैं। क्या करें? - आरबी सैनी, विनायकपुर। आदित्य नारायण गुप्ता, बर्रा।

    इस प्रकार की समस्या आंख में पानी की क्वालिटी खराब होने के कारण होती है। इसमें जांच के बाद ड्राप के इस समस्या को सही किया जा सकता है। आंख में काले धब्बे आने की समस्या अधिक उम्र में होती है। इसका भी इलाज संभव है। आंख में लालपन एलर्जिक समस्या के कारण होती है।

    क्या स्टेराइड वाले आई ड्राप आंख के लिए नुकसानदायक हैं? - अफसार अहमद, शास्त्री नगर।

    जी हां, स्टेराइड वाले आई ड्राप का लंबे समय तक प्रयोग से आंख में जख्म, मोतिया और अन्य समस्या होने का खतरा बना रहता है। इसके लिए आंख में बिना डाक्टर की सलाह के खुद से ड्राप का प्रयोग नहीं करना चाहिए। खुद मेडिकल स्टोर से आई ड्राप लेकर डालना आंख की रोशनी के लिए खतरनाक हो सकता है।

    मेरी दादी का ग्लूकोमा का आपरेशन हो चुका है। फिर भी दिख नहीं रहा र्है? - पुष्पेंद्र यादव, उत्तरीपुरा।

    अधिक उम्र में ग्लूकोमा के कारण आंख की आप्टिक नर्व को नुकसान होता है। जो रिकवर होने में समय लेता है। इसलिए एक बार आप दादी मां को नेत्र रोग विभाग में दिखा लें। कुछ जांच के बाद ग्लूकोमा की समस्या में रिकवरी की संभावना को देखते हुए सर्जरी की प्लानिंग की जा सकती है।

    इन्होंने किए प्रश्न :

    बलवंत सिंह, दयानंद विहार। डीपी सिंह, लखनपुर। प्रीति, श्याम नगर। कर्मवीर सिंह, गोविंद नगर। वेद त्रिपाठी, श्याम नगर। सुनील कुमार गुप्ता, किदवई नगर। सारिक, लालबंगला। मंजू भल्ला। अमरनाथ। लाला प्रेमचंद्र श्रीवास्तव।

    इन बातों का रखें ख्याल

    • - मौसमी फल और सब्जियों का प्रयोग करें।
    • - संक्रमण से बचाव के लिए स्वच्छता का ख्याल रखें।
    • - दूसरों के रुमाल और तौलिया का प्रयोग करने से बचें।