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    Eye Flu In UP: कानपुर में कंजक्टिवाइटिस के मारीजों की आंख से म‍िला इपिडर्मिस और ओरियस बैक्टीरिया

    By Jagran NewsEdited By: Prabhapunj Mishra
    Updated: Thu, 03 Aug 2023 01:55 PM (IST)

    Eye Flu In UP कानपुर में पिंक आई बीमारी तेजी से फैल रही है। हैलट आने वाले 16 मरीजों की आंखों की कल्चर जांच में स्टैफीलोकोक्क्स बैक्टीरिया समूह के इपिडर्मिस और ओरियस बैक्टीरिया पाये गए हैं। बता दें क‍ि आंखों में ज्यादा कीचड़ और सूजन आने की समस्या पर कंजक्टिवाइटिस मरीजों की जांच हुई थी। हैलट ओपीडी में इस प्रकार की समस्या लेकर काफी संख्‍या में मरीज पहुंच रहे हैं।

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    Eye Flu In UP: कानपुर में तेजी से फैल रहा कंजक्टिवाइटिस यानी पिंक आइ

    कानपुर, जागरण संवाददाता। Eye Flu In UP तेजी से बढ़ रहे कंजक्टिवाइटिस यानी पिंक आइ की समस्या हर शहरवासी परेशान है। अभी तक साधारण एंटेरो वायरस के कारण कंजक्टिवाइटिस का संक्रमण फैल रहा था। अब इसकी गंभीरता स्टैफीलोकोक्क्स बैक्टीरिया समूह के इपिडर्मिस और ओरियस ने बढ़ा दी है।

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    हर आयुवर्ग में तेजी से बढ़ रहे मामलों को देखते हुए एलएलआर अस्पताल के 16 मरीजों के आंख के पानी की जीएसवीएम मेडिकल की माइक्रोबायोलाजी विभाग में कल्चर जांच की गई। इसमें 11 मरीजों में इपिडर्मिस और ओरियस बैक्टीरिया पाया गया है। शेष मरीजों में कंजक्टिवाइटिस वायरल के कारण हुआ मिला।

    जीएसवीएम मेडिकल कालेज की नेत्र रोग विभागाध्यक्ष प्रो. शालिनी मोहन ने बताया कि कंजक्टिवाइटिस के मामलों में कई मरीज ऐसे भी आ रहे थे। जिनकी आंखों में सूजन और अधिक मात्रा में कीचड़ बन रहा था। ऐसे मरीजों की आंख के पानी का सैंपल लेकर जांच कराई गई।

    इसमें स्टैफीलोकोक्क्स बैक्टीरिया समूह के इपिडर्मिस और ओरियस बैक्टीरिया पाया गया है। इसके कारण ही पलकों का आपस में चिपक जाना और अधिक मात्रा में चिपचिपा पानी आने की समस्या आ रही है। ओपीडी में इस प्रकार की समस्या लेकर पहुंच रहे मरीजों को राहत पहुंचाने के लिए एंटीबैक्टीरियल दवाएं दी जा रही हैं। जिससे उनको आंखों की सूजन और कीचड़ की समस्या से आराम मिल सके।

    बैक्टीरिया ने बढ़ाई गंभीरता

    जीएसवीएम मेडिकल कालेज के नेत्र रोग विभाग वरिष्ठ प्रो. परवेज खान ने बताया कि आंखों में वायरल इंफेक्शन के कारण पिंक आइ की समस्या होती है। इस बार आंखों में संक्रमण कई दिनों तक और गंभीर हो रहा है। इसलिए मरीजों के आंखों के पानी की कल्चर जांच कराई थी। इसमें स्टैफीलोकोक्क्स बैक्टीरिया समूह के इपिडर्मिस और ओरियस बैक्टीरिया मिले हैं। जो संक्रमण की गंभीरता की वजह बन रहे हैं।

    ऐसे करें बचाव -

    अपनी आंखों को अपने हाथ से न छुएं।

    दिन में कई बार हाथ और आंख को सादे पानी से जरूर धोएं।

    अपनी निजी चीजों जैसे तौलिया, तकिया, आई कास्मेटिक्स (आंखों के मेकअप) आदि को किसी से साझा न करें।

    अपने रूमाल, तकिये के कवर, तौलिये आदि चीजों को रोज धोएं।