बारिश में करंट का खतरा, कानपुर, इटावा सहित 12 जिलों में 30 दिन में 54 लोगों की मौत
बारिश की वजह से एक महीने में 54 लोगों की मौत हो चुकी है। 12 जिलों में सबसे ज्यादा उन्नाव में 10 लोग करंट की चपेट में आकर अपनी जिंदगी खो चुके हैं। विद्युत सुरक्षा विभाग के अधिकारियों ने बिजली लाइन से दूर रहने और जागरूक रहने को कहा है।

हिमांशु द्विवेद्वी, जागरण, कानपुर। बारिश में करंट से होने वाले हादसे बढ़ जाते हैं। छोटी सी लापरवाही और अनदेखी कई बार जानलेवा साबित होती है। कानपुर और आसपास के जिलों के आंकड़े इसकी पुष्टि करते हैं। कानपुर के आसपास के 12 जिलों में एक माह के भीतर 54 जिंदगियां करंट की चपेट में आकर दम तोड़ चुकी हैं।
वहीं, कानपुर में तीन माह में छह मौतें हुईं। विद्युत सुरक्षा विभाग के उपनिदेशक आलोक शुक्ला बताते हैं कि अधिकतर मौतों की वजह जागरूकता का अभाव है। अगर बारिश के मौसम में सतर्कता बरती जाए तो ऐसे दुखद हादसों से बचा जा सकता है। इस संबंध में केस्को की ओर से गाइडलाइन भी जारी की जाती है। प्रस्तुत है रिपोर्ट...
करंट ने एक माह में 54 जिंदगियां छीनीं
उन्नाव 10
जालौन 9
महोबा 8
फर्रुखाबाद 7
इटावा 6
बांदा 4
कानपुर देहात 3
फतेहपुर 2
औरैया 2
चित्रकूट 2
कन्नौज 1
(स्रोत: स्वास्थ्य विभाग)
(हमीरपुर में बीते जून माह में करंट लगने की सात घटनाएं हुईं। गनीमत रही किसी की मौत नहीं हुई। वहीं, कानपुर में भी तीन माह में छह लोग जान गंवा चुके हैं।)
करंट से बचने के लिए ये सावधानी बरतें
-गीले हाथों से स्विच या इलेक्ट्रानिक उपकरण न छुएं।
-बच्चों को बिजली के उपकरणों से दूर रखें।
-बिजली के खंभों या खुले तारों के पास पानी भरा हो तो वहां न जाएं।
-सड़क पर गिरे तार से दूरी बनाए रखें, चाहे वे निष्क्रिय ही क्यों न दिखें।
-बारिश के समय रबर या प्लास्टिक सोल वाले जूते पहनें, यह जमीन से करंट का संपर्क तोड़ते हैं।
-बारिश शुरू होने से पहले एक बार बिजली मिस्त्री से घरेलू वायरिंग की जांच जरूर करवा लें।
-पोल की अर्थिंग सही होनी चाहिए।
-टूटी तार, खुले बोर्ड, या गीले मीटर से दूर रहें।
-बिजली का मीटर या स्विच बोर्ड अगर गीला हो गया है, तो स्वयं टच न करें।
-बिजली उपकरणों को जमीन से ऊंचा रखें।
-वाशिंग मशीन, मिक्सर, माइक्रोवेव, टीवी आदि को जमीन से थोड़ा ऊपर रखें ताकि पानी के संपर्क में न आएं।
करंट लग जाए तो क्या करें और क्या न करें
-अगर घायल व्यक्ति अभी भी करंट के संपर्क में है तो उसे न छुएं।
-कोई करंट की चपेट में आ जाए तो लकड़ी की छड़ी या सूखी वस्तु से अलग करें।
-तुरंत लोकल इमरजेंसी नंबर पर फोन करें।
-जब तक बिजली काटी न जाए, तब तक तारों के करीब न जाएं।
-अगर बिजली के तार वाहन को छू रहे हैं तो गाड़ी के अंदर ही रहें। बाहर न निकलें और इमरजेंसी नंबर पर फोन करें।
-करंट जिस व्यक्ति को लगा है, उसे तब तक न हिलाएं, जब तक वो खतरे से बाहर न आ जाए।
-करंट से घायल व्यक्ति को समतल स्थान पर लिटाकर एंबुलेंस को बुलाएं।
अगर व्यक्ति सांस ले रहा है तो उसे सीपीआर देने का प्रयास करें, ताकि हृदय पर आक्सीजन का संचरण शुरू हो सके।
नोट: (जीएसवीएम मेडिकल कालेज के वरिष्ठ प्रोफेसर डा. जेएस कुशवाहा ने जैसा कि जागरण संवाददाता को बताया)
इन नंबरों पर फोन कर मांगें मदद
बिजली विभाग (केस्को) हेल्पलाइन: 18001801912
आपदा राहत/एंबुलेंस: 112
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