Kanpur News: मोतियाबिंद के आपरेशन के बाद चली गई 8 मरीजों की आंखों की रोशनी, अस्पताल का लाइसेंस निलंबित
Kanpur News कानपुर के एक निजी अस्पताल में मोतियाबिंद के आपरेशन के बाद आठ मरीजों की आंखों की रोशनी चली गई है। सभी पीड़ित सीएमओ डा. आलोक रंजन से मिले और बताया कि बर्रा स्थित आराध्या आई हास्पिटल में तीन नवंबर को डा. नीरज से आपरेशन कराया था।
कानपुर, जागरण संवाददाता। उत्तर प्रदेश के कानपुर में मोतियाबिंद का आपरेशन कराने के बाद आठ मरीजों की आंखों की रोशनी जाने का मामला सामने आया है। छह मामले में मंगलवार को आए जबकि दो बुधवार को आए। मंगलवार को ही सीएमओ ने आराध्या आइ हास्पिटल का लाइसेंस निलंबित कर दिया, जहां आपरेशन हुए थे। संक्रमण से चार मरीजों की तो आंखें गल गई हैं। फिलहाल दो मरीजों की रोशनी लौटने की उम्मीद डाक्टर जता रहे हैं। इन्हें एलएलआर के नेत्र रोग विभाग में भर्ती कर लिया गया है।
शिवराजपुर थाना क्षेत्र के सुघरदेवा गांव के 70 वर्षीय राजाराम कुरील, 63 वर्षीय रमेश कश्यप, 63 वर्षीय नन्हीं उर्फ मुन्नी देवी, 75 वर्षीय सुल्ताना देवी, 72 वर्षीय शेर सिंह और 67 वर्षीय रमादेवी ने मिश्रिख के सांसद अशोक रावत से आपरेशन के बाद आंखों की रोशनी जाने की शिकायत की थी। सांसद के कहने पर सभी मंगलवार को सीएमओ डा. आलोक रंजन से मिले और बताया कि बर्रा स्थित आराध्या आई हास्पिटल में तीन नवंबर को डा. नीरज से आपरेशन कराया था।
सीएमओ की बनाई जांच समिति में शामिल एलएलआर अस्पताल के नेत्र रोग विभागाध्यक्ष प्रो. परवेज खान, प्रो. शालिनी मोहन, एसीएमओ डा. सुबोध प्रकाश व एसीएमओ डा. एसके सिंह ने बुधवार को पीड़ितों की जांच की तो पता चला कि रमेश, मुन्नी, सुल्ताना और ज्ञानवती की आंखों में गंभीर संक्रमण है। पस पड़ने से कार्निया सफेद हो गया है। रमादेवी जांच कराने नहीं आईं।
वहीं, शेर सिंह और राजाराम की आंखों में रोशनी लौटने की उम्मीद दिखी है। इसी बीच शिवराजपुर क्षेत्र के ही गुडरा गांव की 61 वर्षीय ज्ञानवती और बर्रा निवासी 67 वर्षीय राम आसरे शुक्ला भी एलएलआर अस्पताल पहुंचे। संक्रमण से उन्हें भी दिखाई नहीं दे रहा। राम आसरे ने आराध्या आइ हास्पिटल में 13 मार्च 2020 को आपरेशन कराया था।
विभागाध्यक्ष, नेत्र रोग, जीएसवीएम मेडिकल कालेज प्रो. परवेज खान ने बताया कि सभी पीड़ितों में मोतियाबिंद के आपरेशन के बाद संक्रमण हुआ है। चार बुजुर्गों में गंभीर संक्रमण होने से आंख गलने लगी है। उनकी आंखों का संक्रमण खत्म किया जाएगा। जरूरत पड़ने पर आपरेशन भी किया जाएगा। प्रयास कर रहे हैं कि उनकी आंख निकालनी न पड़े।