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    कानपुर की कृष्णा कंटेनर्स कंपनी पर ED का शिकंजा, जमीन जब्त की; बैंक से करोड़ों की ठगी का खुलासा

    Updated: Wed, 26 Mar 2025 10:46 PM (IST)

    प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कानपुर की कृष्णा कंटेनर्स कंपनी के खिलाफ कार्रवाई शुरू की है जो बैंक से करोड़ों रुपये की ठगी में शामिल थी। ईडी ने कंपनी के साझेदार दिनेश अरोड़ा का एक भूखंड जब्त किया है। आरोप है कि कंपनी ने जाली दस्तावेजों और काल्पनिक लेनदेन के जरिए बैंक ऑफ बड़ौदा को 32.35 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाया। ईडी अब इस मामले में जांच कर रहा है।

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    कानपुर की कृष्णा कंटेनर्स कंपनी पर ईडी ने की बड़ी कार्रवाई।

    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बैंक से करोड़ों रुपये की ठगी के मामले में कानपुर की कृष्णा कंटेनर्स कंपनी के विरुद्ध कार्रवाई शुरू की है। ईडी ने कंपनी के साझेदार दिनेश अरोड़ा का कानपुर के सिंहपुर कछार स्थित 227 वर्ग गज का भूखंड जब्त किया है, जिसकी कीमत 27.91 लाख रुपये बताई गई है।

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    ईडी ने मामले में सीबीआइ लखनऊ की एंटी करप्शन ब्रांच द्वारा कृष्णा कंटेनर्स के संचालकों के विरुद्ध दर्ज की गई एफआइआर को आधार बनाकर अपनी जांच शुरू की थी। आरोप था कि लेटर आफ क्रेडिट (एलसी) का दुरुपयोग कर बैंक आफ बड़ौदा को 32.35 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाया था।

    ईडी की जांच में सामने आया कि आरोपियों ने जाली दस्तावेजों व काल्पनिक लेनदेन के आधार पर जीपी ओवरसीज, एमआर ट्रेडर्स, दिनेश सोप्स एंड डिटर्जेंट व अन्य सहयोगी कंपनियों के पक्ष में 26 लेटर ऑफ क्रेडिट हासिल किए थे। इनसे हुई आय को विभिन्न कंपनियाें के खातों के माध्यम से डायवर्ट किया गया।

    जांच के बाद खुला मामला

    जांच में यह भी सामने आया कि एक मामले में एलसी (1.03 करोड़ रुपये) से प्राप्त आय एमआर ट्रेडर्स से दिनेश सोप्स एंड डिटर्जेंट को ट्रांसफर की गई और पूरी धनराशि उसी दिन नकद में निकाल ली गई। आरोपित इन फर्मों को उपयोग धन की हेराफेरी के लिए कर रहे थे। मामले में कृष्णा कंटेनर्स के साझेदार दिनेश अरोड़ों, कृष्णा अरोड़ा व अन्य के विरुद्ध केस दर्ज कर जांच शुरू की गई थी।

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    वांछित आरोपितों की विदेशी संपत्ति भी जब्त कराए पुलिस

    बता दें कि बीते दिनों डीजीपी प्रशांत कुमार ने तीन नए कानून (भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 व भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023) का अनुपालन सुनिश्चित कराने के लिए विस्तृत निर्देश दिए थे।

    सुरक्षा संहिता के तहत वांछित अपराधियों की विदेश में स्थित संपत्तियों को जब्त कराने के लिए कोर्ट के माध्यम से प्रक्रिया अपनाए जाने समेत अन्य निर्देश दिए गए थे। वरिष्ठ अधिकारियों को जिलों में पुलिसकर्मियों को नए कानूनों के तहत प्रकिया को आगे बढ़ाने का प्रशिक्षण कराए जाने का निर्देश भी दिया।

    डीजीपी ने कहा था कि थानेदार वांछित अपराधियों के बारे में न्यायालय के आदेशों की प्रमाणित प्रतियां रखें। फोटो सहित उनका विवरण थाने रजिस्टर में भी रखा जाए और उनकी सूची जिला अपराध अभिलेख ब्यूरो में भी रखी जाए। न्यायालय से गिरफ्तारी का वारंट जारी होते ही जांच अधिकारी द्वारा आरोपी की संपत्तियों की पहचान का प्रयास शुरू किया जाए।