ED करेगा 970 करोड़ की ठगी की जांच, विवेक ओबराय-दीपिका समेत इन हस्तियों के साथ मिले महाठग के फोटो
भारत, यूएई, अमेरिका, जापान समेत 10 देशों के एक हजार से अधिक लोगों से 970 करोड़ रुपये की ठगी करने वाले रवींद्रनाथ सोनी के मामले की जांच अब प्रवर ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, कानपुर। भारत, यूएई, अमेरिका, जापान समेत 10 देशों के एक हजार से अधिक लोगों से 970 करोड़ रुपये की ठगी करने वाले महाठग रवींद्रनाथ सोनी के प्रकरण की जांच अब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम करेगी। ईडी के अधिकारियों ने पुलिस को पत्र भेजकर जानकारी मांगी है। विशेष जांच टीम (एसआइटी) रवींद्र के खिलाफ काफी साक्ष्य जुटा चुकी है और उससे जुड़ी चर्चित हस्तियों की संलिप्तता की भी एक रिपोर्ट बनाई है।
एक पुलिस अधिकारी के अनुसार, प्रकरण से जुड़े सभी दस्तावेज दिसंबर के अंत या जनवरी के पहले सप्ताह तक ईडी को सौंपे जाएंगे। महाठग के साझेदार अभिनेता सूरज जुमानी को दुबई से शहर लाया जाएगा। अभिनेता सोनू सूद के एसआइटी के सामने आकर बयान नहीं देने से ईडी की जांच में मुश्किलें और बढ़ेंगी। रेसलर खली ने भी नोटिस का जवाब नहीं दिया है।
इन हस्तियों के मिले फोटो
महाठग के साथ अभिनेता विवेक ओबराय, डिनो मोरिया, अभिनेत्री दीपिका पादुकोण, जैकलीन फर्नांडीज, पूर्व क्रिकेटर अजहरुद्दीन, टेनिस खिलाड़ी सानिया मिर्जा, राजनेता शशि थरूर व एक न्यूज चैनल के दो लोगों समेत कई हस्तियों के फोटो व वीडियो मिले हैं। उन सभी का पक्ष जानने के लिए भी नोटिस भेजा जा सकता है।
उधर, भारतीय मूल के दो और पीड़ितों ने शुक्रवार को दुबई से आकर सदर कोतवाली में तहरीर देकर मुकदमा दर्ज कराया। इनमें आंध्र प्रदेश के कुरनूल जिले के शेख साबिर से 2.50 करोड़ व तेलंगाना के श्रीकांत राया पोलू से चार करोड़ रुपये ठगने का आरोप है। दिल्ली के मालवीय नगर निवासी महाठग रवींद्र और साथियों के विरुद्ध अब तक 14 मुकदमे दर्ज हो चुके हैं। दो मुकदमों में अभिनेता सूरज जुमानी भी आरोपित है।
सूरज ने सबसे पहले दुबई से आकर पुलिस आयुक्त रघुबीर लाल से मुलाकात कर खुद से चार करोड़ ठगी की शिकायत की थी। इसके बाद वह अधिकारियों को बिना बताए महाठग से दो बार जेल में मिला और फिर दुबई चला गया। इसके बाद से बुलाने पर भी नहीं आ रहा है। रेसलर दिलीप सिंह राणा उर्फ खली ने भी बयान नहीं दर्ज कराए हैं।
सोनू से पूछताछ के लिए एसआइटी ने 244 सवाल तैयार किए हैं। डीसीपी पूर्वी सत्यजीत गुप्ता ने बताया कि दुबई की एक कंपनी में कार्यरत शेख साबिर का ब्लूचिप कंपनी के एक एजेंट के माध्यम से रवींद्र से संपर्क हुआ था। उसने कंपनी में निवेश करने पर 36 प्रतिशत प्रतिवर्ष लाभांश देने व उसके बाद बढ़ाने का झांसा दिया था।
तेलंगाना के श्रीकांत राया पोलू ने बताया कि कुछ माह तक तीन प्रतिशत के हिसाब से उन्हें लाभांश मिला। डीसीपी ने बताया कि महाठग के उत्तराखंड के देहरादून वाले घर से बरामद 10 मोबाइल फोन, लैपटाप, हार्डडिस्क व सीपीयू को जांच के लिए फोरेंसिक लैब भेजा गया है। उसका डाटा मिलने से गिरोह के और बड़े नाम सामने आ सकते हैं।

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