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Earthquake In Kanpur: तीन दिन बाद फिर भूकंप के हल्के झटके से घबराए लोग, IIT विशेषज्ञ मान रहे बड़े खतरे की घंटी

earthquake today kanpur कानपुर में मंगलवार की रात के तीन दिन बाद शनिवार की शाम भूकंप का झटका महसूस किया गया जिसका केंद्र नेपाल बताया गया है। शाम होने के बाजार में मौजूद लोगों को कम अहसास हुआ लेकिन घरों के अंदर लोग झटके से सहम गए।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Sat, 12 Nov 2022 11:51 PM (IST)Updated: Sat, 12 Nov 2022 11:51 PM (IST)
Earthquake In Kanpur: तीन दिन बाद फिर भूकंप के हल्के झटके से घबराए लोग, IIT विशेषज्ञ मान रहे बड़े खतरे की घंटी
UP earthquake : कानपुर में महसूस किए गए भूकंप के हल्के झटके।

कानपुर, जागरण संवाददाता। शहर में शनिवार की शाम फिर भूकंप के झटके महसूस किए जाने से लोग घबरा गए। इस बार भी नेपाल केंद्र बताया जा रहा है और तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 5.3 मापी गई है। शहर में भूकंप का झटका शाम करीब 7.57 बजे महसूस किया गया। देर शाम होने के कारण अधिकतर लोग बाजार व अपने घरों में थे। इसलिए बाहर रहने वालों को झटकों का अहसास कम हुआ, लेकिन घरों के अंदर लोगों को पूरी तरह एहसास हुआ।

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तीन दिन पहले भी आया था भूकंप का झटका

तीन दिन पहले मंगलवार की आधी रात भी भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। रात करीब 1:50 बजे के आसपास जब लोग गहरी नींद में थे तब झटका महसूस हुआ था। उस समय भी इसका केंद्र नेपाल बताया गया था और तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 4.9 रही थी। उस दिन भी दो झटके आए थे इसमें पहला रात करीब 8:52 बजे और दूसरा रात 1:50 बजे के आसपास था। रात में कुछ लोग सड़कों पर उतर आए थे।

विज्ञानी मान रहे बड़े खतरे की घंटी

शनिवार की शाम नेपाल में आए भूकंप का अहसास कानपुर में ज्यादा प्रतीत नहीं हुआ, कुछ लोगों ने दो बार झटके महसूस किए। आइआइटी के विज्ञानी इसे बड़े भूकंप के खतरे की घंटी मान रहे हैं। संस्थान के पृथ्वी विज्ञान विभाग के प्रो. जावेद मलिक कहते हैं कि नेपाल के पश्चिमी क्षेत्र के साथ पौड़ी गढ़वाल में भी कम तीव्रता का भूकंप आया है। इसका मतलब है कि खतरा धीरे-धीरे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में भूकंप आना क्यों शुरू हुए हैं। यह चिंता का विषय है।

उन्होंने कहा कि अगर बड़ा भूकंप आया तो काफी विनाशकारी हो सकता है, पिछले छह सौ वर्षों में उत्तराखंड में कोई बड़ा भूकंप नहीं आया है। वर्ष 1505 में रामनगर में आठ रिक्टर स्केल का सबसे बड़ा भूकंप आया था। इसके बाद 1803 में भी भूकंप आया था, लेकिन उसकी तीव्रता ज्यादा नहीं थी।

आइआइटी में भूकंप विज्ञान केंद्र बनाने का विचार

प्रो. मलिक ने बताया कि आइआइटी में भूकंप विज्ञान केंद्र बनाने पर विचार किया जा रहा है। यह विद्यार्थियों के लिए अच्छा रहेगा। इससे भूकंप की तीव्रता को मापा जा सकेगा और विद्यार्थियों को पढ़ाने में आसानी होगी।

सात साल पहले भी लगा था बड़ा झटका

कानपुर शहर में करीब सात पहले भी भूकंप का बड़ा झटका महसूस किया गया था। 25 अप्रैल वर्ष 2015 को छह से सात बार भूकंप के झटके आए थे। उस समय भी केंद्र नेपाल था और तीव्रता 7.9 थी। भूकंप ने नेपाल में काफी तबाही मचायी थी।


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