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    कानपुर से पकड़े गए डाॅ. आरिफ का उमर से मिला कनेक्शन, साथी डॉक्टर ने खोले चौंकाने वाले राज

    Updated: Thu, 13 Nov 2025 03:03 PM (IST)

    कानपुर से गिरफ्तार डॉक्टर आरिफ का उमर से कनेक्शन सामने आया है। जांच में पता चला कि दोनों ने साथ में एमबीबीएस की पढ़ाई की थी। पुलिस अब इस कनेक्शन की गहराई से जांच कर रही है ताकि यह पता चल सके कि डॉक्टर आरिफ और उमर के बीच क्या संबंध थे और क्या वे किसी गैरकानूनी गतिविधि में शामिल थे।

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    जागरण संवाददाता, कानपुर। दिल्ली बम धमाके के मामले में कार्डियोलाॅजी से उठाए गए डाॅ. आरिफ को लेकर बड़ी जानकारी सामने आ रही है। वह बम धमाके में मारे गए आतंकी डॉ. उमर का सहपाठी रहा है। दोनों ने एक साथ एमबीबीएस किया है। जानकारी मिल रही है कि एजेंसियों के पास करीब 15 कश्मीरी लोग हैं। यह संदिग्ध हैं, लेकिन इनका कोई नाम पता फिलहाल नहीं पता चला है।

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    कार्डियोलाॅजी का डाॅक्टर आरिफ अशोकनगर में फातिमा स्कूल के बगल में स्थित अपार्टमेंट में फ्लैट में किराये पर रहता था। भट्ठा संचालक मकान मालिक कन्हैयालाल ने बताया कि इसमें छह फ्लैट हैं। दो में वह रहते हैं, जबकि चार किराये पर उठा रखें हैं। तीन महीने पहले कार्डियोलाजी के डॉ. अभिषेक को उन्होंने एक फ्लैट किराये पर दिया था।

    इसका किराया 27000 रुपये है। एक महीने पहले अभिषेक ही आरिफ को अपने साथ लेकर आए व उन्हें बताया कि अब वह भी उनके साथ रहेंगे। डॉ. आरिफ किसी से कोई बातचीत नहीं करते थे। यहां तक की दुआ सलाम भी नहीं थी।

    सुबह 10:00 बजे ओला बाइक आती थी व उन्हें लेकर चली जाती थी। इसके बाद शाम को वह फ्लैट पर आते व अधिकांश बार अंदर ही रहते। उधर, एनआइए व एटीएस की टीमें शहर में कश्मीरी मूल के छात्रों की जानकारी जुटा जा रही हैं। एचबीटीयू में 48 छात्रों के होने की सूचना है।

    गुरुवार को हृदय रोग संस्थान में निदेशक डॉ राकेश वर्मा ने बताया कि मोहम्मद आरिफ मीर सुपर स्पेशलिटी नीट परीक्षा में 1608 रैंक लाया था। पहली काउंसलिंग में लखनऊ के एसजीपीजीआई नहीं मिलने के बाद लक्ष्मीपत सिंहानिया हृदय रोग संस्थान में डीएम के लिए एडमिशन लिया। वर्ष 2017 में श्रीनगर मेडिकल कॉलेज से डॉक्टर की पढ़ाई पूरी करने के बाद वहीं से मोहम्मद आरिफ मीर ने एमडी की पढ़ाई की।

    साथी डॉक्टर ने बताया- आरिफ का स्वभाव

    मोहम्मद आरिफ मर के साथ अशोकनगर स्थित मकान में रहने वाले कार्डियोलॉजी के डॉक्टर अभिषेक ने बताया कि अलीगढ़ के डॉक्टर यासिर के कहने पर रूम दिलाया था।

    डॉ. अभिषेक ने कहा कि साथ रहने के दौरान उसकी कोई भी ऐसी गतिविधि नहीं थी जिससे उसके ऊपर कभी शक जाता। बोलचाल में ठीक-ठाक और ज्यादातर समय अपने कमरे में पढ़ाई करता था। उन्होंने कहा कि कभी ऐसा कुछ नहीं हुआ की। जिस पर शक हो।

    कार्डियोलॉजी के संस्थान निदेशक डॉक्टर राकेश वर्मा ने कहा कि हृदय रोग संस्थान में जम्मू कश्मीर जम्मू कश्मीर से जुड़े तथा कार्डियोलॉजी में आने वाले हर डॉक्टर की स्वतंत्रता से जांच की जाएगी इसमें liu का सहयोग भी लिया जाएगा।