कानपुर रिंग रोड के साथ बनेगी गंगा लिंक एक्सप्रेस वे की डीपीआर, अपर सचिव के साथ मीटिंग में बनी सहमति
चंद्रशेखर आजाद मार्ग चौराहा से बैराज मार्ग की कनेक्टिविटी के लिए फ्लाईओवर बनाने पर सहमति हुई है। एक्सप्रेस वे के लिए सिंचाई विभाग केंद्रीय जल आयोग से एनओसी लेने की प्रक्रिया शुरू करने का आदेश भी दिया गया है।

कानपुर, जागरण संवाददाता। शहर के आंतरिक यातायात को गति देने के प्रस्तावित 30 किलोमीटर लंबे गंगा लिंक एक्सप्रेस वे के निर्माण के लिए डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) बनाने का कार्य जल्द ही शुरू होगा। इसकी डीपीआर अब 93 किलोमीटर लंबी आउटर रिंग रोड के साथ ही बनेगी। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के अपर सचिव अमित घोष ने मंडलायुक्त के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग में कहा कि आउटर रिंग रोड परियोजना की डीपीआर में स्कोप आफ वर्क के तहत एक्सप्रेस वे की डीपीआर को भी शामिल करने के लिए परीक्षण कराया जाए।
शहर के जाम की समस्या के समाधान के लिए दैनिक जागरण लगातार इनर रिंग रोड के निर्माण का मुद्दा उठाता रहा है। इसी कड़ी में एक्सप्रेस वे की योजना तैयार की गई। मंडलायुक्त ने पिछले दिनों उच्च स्तरीय समग्र विकास समिति के समन्वयक नीरज श्रीवास्ताव को अपर सचिव अमित घोष के पास प्रोजेक्ट का अलाइनमेंट लेकर भेजा था। नीरज ने मंत्रालय के अपर सचिव को प्रोजेक्ट की महत्ता के बारे में समझाया। साथ ही उन्हें मंडलायुक्त डा. राजशेखर, पुलिस आयुक्त, जिलाधिकारी, नगर आयुक्त, वीसी केडीए और मुख्य अभियंता लोक निर्माण विभाग ने पूर्व में प्रस्तावित अलाइनमेंट का परीक्षण कर लिया है और उसी पर ही सहमति जताई है। साथ ही शहर के आंतरिक क्षेत्रों में सुगम यातायात और जीटी रोड से आंतरिक क्षेत्रों में कनेक्टिविटी के लिए बहुत उपयोगी है। इस बैठक के बाद ही अपर सचिव ने सोमवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से प्रोजेक्ट को लेकर बैठक की। अपर सचिव ने मंडलायुक्त से कहा कि प्रोजेक्ट उपयुक्त है। इसकी डीपीआर बनाए जाने के लिए सिचाई विभाग एवं केंद्रीय जल आयोग व अन्य विभागों से अनापत्ति प्रमाण पत्र ले लिया जाए। इसके लिए मुख्य सचिव स्तर पर बैठक करा ली जाए।
मंडलायुक्त ने उन्हें बताया कि 30 दिसंबर को मुख्य सचिव से मिलकर नीरज श्रीवास्तव उन्हें प्रोजेक्ट के महत्व के बारे में बताएंगे। अपर सचिव ने एनएचएआइ के क्षेत्रीय अधिकारी से कहा कि रिंग रोड परियोजना की डीपीआर में स्कोप आफ वर्क के अंतर्गत एक्सप्रेस वे की डीपीआर को भी शामिल करने के लिए परीक्षण करवा लें। अपर सचिव को बताया गया कि लखनऊ से आते समय जब बैराज मार्ग की ओर आजाद मार्ग चौराहा पर वाहन मुड़ते हैं तो जाजमऊ की ओर से आने वाले वाहनों के टकराने का खतरा होता है। इसलिए वहां फ्लाईओवर बनना चाहिए। परियोजना निदेशक लखनऊ एनएन गिरि ने भी इसे जरूरी बताया। अपर सचिव ने क्षेत्रीय अधिकारी पश्चिमी को इसकी भी डीपीआर बनाए जाने के लिए कार्ययोजना में शामिल करने के आदेश दिए। मंडलायुक्त ने उन्हें बताया कि कानपुर ङ्क्षरंग रोड के पूर्व में स्वीकृत अलाइनमेंट में आंशिक संशोधन हुआ है। अब संशोधित अलाइनमेंट मंजूर हो जाए तो प्रक्रिया आगे बढ़े। अपर सचिव ने इस पर सहमति जताई। इस अवसर पर एनएचएआइ कानपुर के परियोजना निदेशक पंकज मिश्रा, कन्नौज इकाई के परियोजना निदेशक प्रशांत दुबे, समन्वयक नीरज श्रीवास्तव उपस्थित रहे।

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