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कानपुर में हाईवे किनारे खुले दर्जनों अवैध ट्यूबवेल, हर रोज लाखों लीटर पानी से नहा रही मौरंग

हाइवे किनारे बने अवैध ट्यूबवेलों में खड़ा कर ट्रक में लदी मौरंग को पानी की मोटी धार से धुलाई कराकर चमकदार बना देते हैं। जिसे नौबस्ता लखनऊ की मंडियों में चारगुना दामों में बेंचकर बड़ा मुनाफा कमा रहे हैं।

By Shaswat GuptaEdited By: Published: Mon, 29 Nov 2021 04:34 PM (IST)Updated: Mon, 29 Nov 2021 04:34 PM (IST)
कानपुर में हाईवे किनारे खुले दर्जनों अवैध ट्यूबवेल, हर रोज लाखों लीटर पानी से नहा रही मौरंग
कानपुर में ट्रक पर लादी गई मौरंग। सांकेतिक फोटो।

कानपुर, जागरण संवाददाता। दिन प्रति दिन बेहिसाब जलदोहन से धरा की कोख सूखती जा रही है। जिससे भूगर्भ जलस्तर तेजी से गिरता जा रहा है। जिसको लेकर शासन जल संरक्षण के लिए बड़ा संजीदा होने के दावे भी कर रहा है। वहीं कानपुर आउटर के बिधनू थाना क्षेत्र में हाईवे किनारे दर्जनों की संख्या में खुले अवैध ट्यूबवेल ट्रकों में लदी गंदी मौरंग की धुलाई कर बेहिसाब पानी बर्बाद करके मोटी कमाई कर रहे हैं। दूसरी तरफ मौरंग कारोबारी धुलाई के बाद मौरंग की चमक बढ़ने से चार गुना मुनाफा कमा रहे हैं। खुलेआम नियमों को ताक पर रख कर हर दिन बहाए जा रहे लाखों लीटर पानी की बर्बादी किसी को नहीं दिखती।  

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 सागर राष्ट्रीय राजमार्ग 34 पर हर रोज चलने वाले हजारों की संख्या में मौरंग लदे ट्रक जल संरक्षण के दुश्मन बन हुए हैं। मौरंग कारोबारी खदानों से सस्ती मौरंग ट्रकों में लाद कर लाते हैं। इसके बाद हाइवे किनारे बने अवैध ट्यूबवेलों में खड़ा कर ट्रक में लदी मौरंग को पानी की मोटी धार से धुलाई कराकर चमकदार बना देते हैं। जिसे नौबस्ता, लखनऊ, की मंडियों में चारगुना दामों में बेंचकर बड़ा मुनाफा कमा रहे हैं। एक ट्रक की मौरंग धुलाई के लिए ट्यूबवेल संचालक 700 रुपये प्रति घंटे वसूलते हैं। मौरंग धुलाई की मांग बढ़ने से हर दिन हाइवे किनारे बिना अधिकारिक अनुमति के नये ट्यूबवेल बनाये जा रहे हैं। कुछ ट्यूबवेल तो मात्र 100 मीटर के अंतराल में ही संचालित हो रहे हैं। टयूबवेलों पर हर रोज ट्रकों की लंबी लाइन लगने पर ट्यूबवेल संचालक रेट बढ़ाकर मनमानी तरीके से रुपये लेकर कमाई करते हैं और लाखों लीटर पानी बहाकर जलदोहन कर रहे हैं। 

वाहन धुलाई सेन्टर की तरह बने हैं प्लेटफार्म: ट्यूबवेल संचालकों ने वाहन धुलाई सेंटर की तरह दुकान खोल रखी हैं। लेकिन इन्होंने सबमर्सिबल की जगह स्टेट बोर ट्यूबवेल की बोरिंग करा रखी हैं। जिससे पानी की धार 1 इंच की जगह 4 इंच निकलती हैं। मौरंग लदे ट्रकों को खड़ा करने के लिए आरसीसी के बड़े प्लेटफार्म बना रखे है। जिससे मौरंग लदे ट्रक आसानी से खड़े हो सके।

ट्यूबवेल के सामने ट्रको की लाइन बनती जाम का कारण: मौरंग धुलाई के हर रोज शाम के वक्त हर ट्यूबवेल के सामने ट्रकों की लंबी लाइन लग जाती हैं। जिससे आड़े तिरछे ट्रक हाइवे पर खड़े होने से जाम की स्थिति बन जाती है। जाम लगने पर क्षेत्रीय पुलिस मौके पर पहुँचकर ट्यूबवेल संचालकों व ट्रक चालकों से वसूली कर लौट जाती है। 

हाईवे पर फैला पानी हादसों को देता न्योता: ट्यूबवेल से मौरंग की धुलाई कराकर निकलते ट्रकों से गिरने वाला पानी हाइवे पर काफी दूर तक फैलता हैं। जिसपर फिसलकर छोटे वाहन सवार दुर्घटना के शिकार होते हैं। वहीं हाइवे की रोड  लगातार पानी फैलने से कई जगह क्षतिग्रस्त हो रही है। 

इनका ये है कहना: 

हाईवे पर चल रहे मौरंग धुलाई करने वाले सभी अवैध ट्यूबवेलों को सख्ती से बंद कराकर कार्रवाई की जाएगी। - अतुल कुमार सिंह, थाना प्रभारी बिधनू


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