कानपुर में शहरकाजी पद को लेकर विवाद गहराया, काजी उल कुज्जात के पास पहुंचा मामला
कानपुर में बरेलवी विचारधारा के चार शहरकाजी हैं। शहरकाजी मौलाना आलम रजा नूरी के इंतकाल के बाद मुफ्ती साकिब अदीब को उलमा के शहर काजी घोषित किया गया है। ...और पढ़ें

कानपुर, जेएनएन। शहर काजी के पद को लेकर शुरु हुआ विवाद बरेली शरीफ पहुंच गया है। दरगाह आला हजरत में काजी उल कुज्जात (चीफ काजी) को शहर में नए शहरकाजी बनाए जाने सहित सभी बातों से अवगत कराया गया है। उनको वह पत्र भी भेजा गया है जो शहरकाजी मौलाना रियाज अहमद हशमती को पूर्व काजी उल कुज्जात अजहरी मियां ने दिया था। शहर में बरेलवी विचारधारा के चार शहरकाजी हो गए हैं।
तंजीम उलमा ए अहले सुन्नत ने 27 दिसंबर को मस्जिद नानपारा में उलमा की बैठक बुलाई थी, बैठक में मौलाना मुश्ताक अहमद मुशाहिदी को शहर काजी घोषित किया गया। मौलाना मुशाहिदी बरेलवी विचारधारा को मानने वाले है। बरेलवी विचारधारा के मौलाना रियाज अहमद हशमती व मौलाना कमर शाहजहांपुरी पहले से ही शहर काजी हैं। शहरकाजी मौलाना आलम रजा नूरी के इंतकाल के बाद मुफ्ती साकिब अदीब को उलमा के शहर काजी घोषित किया है।
मौलाना मुश्ताक मुशाहिदी के शहर काजी बनने के बाद उलमा का एक खेमा उनका विरोध कर रहा है। शहर काजी मौलाना रियाज अहमद हशमती के प्रवक्ता सूफी लाल मोहम्मद ने बताया कि बरेली शरीफ में काजी उल कुज्जात अल्लामा असजद रजा खां को पूरे प्रकरण से अवगत कराया गया है। मांगने पर उनको वह पत्र भी भेज दिया गया है जो पूर्व काजी उल कुज्जात हजरत अजहरी मियां ने शहर काजी मौलाना रियाज अहमद हशमती के समर्थन में दिया था।
जल्द ही शहर काजी को लेकर बरेली शरीफ से फरमान आएगा। उधर, ऑल इंडिया सुन्नी उलमा काउंसिल के महासचिव हाजी मोहम्मद सलीस ने कहा है कि पहले भी उलमा ने ही शहर काजी बनाएं थे , बाद में बरेली शरीफ व मारहरा शरीफ से उनका समर्थन हुआ। मौजूदा वक्त में शहर में बरेलवी विचारधारा के चार शहर काजी हैं।

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