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    JIMMC में प्रो. संजय द्विवेदी ने बच्चों को दिए पत्रकारिता के मूलमंत्र, बोले - लोगों का अखबार में है विश्वास

    By Jagran NewsEdited By: Nitesh Mishra
    Updated: Fri, 28 Oct 2022 10:01 PM (IST)

    जागरण इंस्टीट्यूट आफ मैनेजमेंट एंड मास कम्युनिकेशन कालेज ( JIMMC) में जनसंचार में भारतीय जन संचार संस्थान (IIMC) के महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी ने छात्रों और छात्राओं को पत्रकारिता के मूलमंत्र दिए। इसके साथ ही उन्होंने बच्चों को पत्रकारिता जगत की कुछ रोचक घटनाओं से भी अवगत कराया।

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    जागरण इंस्टीट्यूट आफ मैनेजमेंट एंड मास कम्युनिकेशन कालेज JIMMC में प्रो. संजय द्विवेदी ने बच्चों को दिए पत्रकारिता के मूलमंत्र।

    कानपुर, जागरण संवाददाता। डिजिटल मीडिया सिर्फ अखबारों और टेलीविजन में काम करने वालों के लिए ही नहीं बल्कि हम सभी लोगों के लिए हैं। डिजिटल पत्रकारिता को बेहतर बनाने के लिए बुरा न टाइप करो, बुरा न लाइक करो और बुरा न शेयर करो। इन तीन मूलमंत्राें काे संकल्प लेकर अपनाएं। यह मंत्र डिजिटल सत्याग्रह है।

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    यह बातें मुख्य अतिथि भारतीय जन संचार संस्थान (IIMC), नई दिल्ली के महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी ने शुक्रवार को साकेत नगर स्थित जागरण इंस्टीट्यूट आफ मैनेजमेंट एंड मास कम्युनिकेशन कालेज (JIMMC) में जनसंचार हित जनसंवाद पर विशेष व्याख्यान में कहीं।

    उन्होंने कहा कि प्रिंट मीडिया में वर्ष 1991 का बड़ा महत्व है। मीडिया और समाज के बदलाव के लिए उसे समझना होगा। अब हम 2022 में आ गए हैं। इन 32 वर्षों में भारत जितना तेजी से बदला है। अखबारों एडिशन बढ़ गए डिजिटल के आगमन को हिन्दुस्तान के अखबार के मालिकों ने पहले ही भांप लिया और बेहतर तरीके से बदलाव किए। अखबार कलर हो गए। शीर्षक, कंटेंट, वैल्यू एडिशन के साथ अखबार को बेहतर बनाने के लिए हर चुनौतियाें का सामना किया। लक्ष्य और एडवांस पत्रकारिता पर जोर दिया है। इस दौरान जागरण एजुकेशन फाउंडेशन के सीईओ डा. जेएन गुप्ता ने कहा कि डिजिटल ट्रांसफार्मेशन होता रहा तो प्रिंट मीडिया चलता रहेगा। इस मौकेे पर जागरण इंस्टीट्यूट आफ मास कम्युनिकेशन के निदेशक उपेन्द्र नाथ पांडेय आदि रहे।

    कई देशों में प्रिंट मीडिया बंद भी हुए और कई डिजिटल युग से जुड़े

    प्रो. संजय द्विवेदी ने बताया कि अमेरिका के एक लेखक ने वर्ष 2017 से 2040 तक प्रिंट मीडिया के संस्करण बंद होने की घोषणा की थी, जिसके बाद से कई देशों में अखबार बंद हुए तो कई मीडिया हाउस ने प्रिंट को डिजिटल से उसे जोड़ लिया। भारत, चीन और जापान में प्रिंट लगातार बढ़ रहा है। इसकी वजह लोगों का अखबारों में विश्वास है।

    ये है कुछ आंकड़े

    एक व्यक्ति एक दिन में सोशल मीडिया: 2.25 घंटे बिता रहा

    एक दिन में सोशल मीडिया पर: 320 करोड़ से ज्यादा होते फोटो शेयर

    एक दिन में: 800 करोड़ से ज्यादा देखे जाते फेसबुक व्यूज

    एक इंटरनेट मीडिया यूजर्स: नौ सोशल मीडिया अकाउंट रखता है

    दुनियाभर में सोशल मीडिया यूजर्स की संख्या: तीन अरब 99 करोड़