कानपुर, जेएनएन। डेंगू अब गांवों में पांव पसार चुका है और रोजाना मरीजों की जान ले रहा है। जिला मुख्यालय से 38 किलोमीटर दूर स्थित सरसौल ब्लाक के बुखार प्रभावित गांव करबिगवां और बिल्हौर ब्लाक के डेंगू प्रभावित अनुपूरवा गांव में हालात बदतर हैं। करबिगवां में अर्से से कोई जिम्मेदार झांकने नहीं पहुंचा है, यहां की स्थिति से ग्रामीण भी त्रस्त हो चुके हैं। उनका तो सरकारी सिस्टम से भरोसा भी उठ गया है। दैनिक जागरण टीम ने गांवों का जायजा लिया तो हकीकत से पर्दा उठता नजर आया। करबिगवां गांव की कलावती बोल पड़ीं, गांव का हाल दयाखौ भइया, हिन कउनो झांके नाही आत है। एक दिक्कत होए तो बताई, हिन तो दिक्कतन का अंबार है। न कउनो सुनै वाला और न कउनो समझे वाला। एक होए तो कही, हिन घर-घर मा बीमार परे हैं। दुई बेटवा रहे, एक भगवान का प्यार हुई गा, दूसर बुखार मा परा है। कहां जाई-केसे कही, कउनो सुनत नाही।

तालाबों में बहायी जा रही गंदगी

करबिगवां सरसौल से 13 किलोमीटर और जिला मुख्यालय से तकरीबन 38 किलोमीटर दूरी पर है। यहां 4500 घर हैं और आबादी 10 हजार से अधिक है। गांव में पीने के पानी के लिए न टंकी और न पाइपलाइन है। गांव में छोटे-बड़े 17 तालाब हैं। जल निकासी की व्यवस्था न होने पर तालाबों में गंदगी बहाई जा रही है। गोबर और गंदगी से गलियां, नालियां और तालाब बजबजा रहे हैं। उसमें पनप रहे मच्छरों की वजह से हर घर में बुखार पीडि़त हैं। अकूब, उनकी पत्नी, शमसुद्दीन, उमेश की पत्नी, किसनी, ननकी, पप्पी समेत 250 से अधिक बुखार पीडि़त हैं। गांव की दुर्दशा से ऊब चुके ग्रामीण सरकारी अस्पताल में इलाज भी नहीं कराना चाहते हैं।

चार साल से नहीं आईं एएनएम

ग्रामीण हेमराज, रामगोपाल एवं समर सिंह का आरोप है कि उप स्वास्थ्य केंद्र बेकार है। उसमें एक और कक्ष का निर्माण चल रहा है। चार साल से एएनएम झांकने नहीं आई है। गांव में पांच आशा कार्यकर्ता हैं, जो सीएचसी ले जाकर गर्भवती व बच्चों का टीकाकरण कराती हैं। मई से अब तक नौ मौतें हो चुकी हैं। कोई भी अधिकारी गांव का हाल जानने नहीं आता है।

अनूपपुरवा में डेंगू के कहर से सहमे ग्रामीण

बिल्हौर के अनूपपुरवा गांव में डेंगू कहर बरपा रहा है। मंगलवार देर रात सात मरीजों में डेंगू की पुष्टि हुई है। अब तक नौ ग्रामीण डेंगू की चपेट में आ चुके हैं। वहीं, बुखार की चपेट में आकर एक सितंबर को युवती दम तोड़ चुकी है, जबकि उसके घर के तीन सदस्यों में डेंगू की पुष्टि हुई है। डेंगू के आक्रामक तेवर देखकर ग्रामीण सहम गए हैं। गलियों में सन्नाटा पसरा था। दरवाजे पर सचिन दिखाई पड़े। उन्होंने बताया कि दवा का छिड़काव कराया गया है। मां, बड़ी मां एवं भाई को डेंगू है। घर के सामने भी दो लोगों को डेंगू निकला है।

गांव में रहने से डर लग रहा है। आगे बढऩे पर राजेश कटियार, नरेंद्र कुमार व वीरेंद्र प्रताप पेड़ के नीचे बैठे मिले। उन्होंने बताया गांव में तीस से अधिक को बुखार है। मुख्य सड़क पर मिले रामशंकर, अनिल कुमार, महेशचंद्र व रामजी ने बताया कि गांव के बाहर नाले में गंदा पानी भरा है। सड़क के दोनों तरफ कूड़ा सड़ रहा है। इसकी वजह से बीमारी फैली है।

Edited By: Abhishek Agnihotri