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    कपलिंग टूटने से दिल्ली-कटिहार हमसफर क्लोन स्पेशल ट्रेन दो बार दो हिस्सों में बंटी

    By Akash DwivediEdited By:
    Updated: Sun, 08 Nov 2020 10:50 PM (IST)

    कपलिंग के साथ मोटी जंजीर से कोच को बांधकर अस्थायी व्यवस्था करके ट्रेन रवाना की गई। करीब ढाई बजे सरसौल के प्रेमपुर के पास पहुंचते ही जंजीर से जुड़ा कोच ...और पढ़ें

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    वहां कोच हटा कर यात्रियों को दूसरे कोच में भेजा गया

    कानपुर, जेएनएन। दिल्ली से कटिहार जा रही हमसफर क्लोन स्पेशल ट्रेन दो बार कपलिंग टूटने से अलग-अलग जगह दो हिस्सों में बंट गई। पहली बार चंदारी व चकेरी के बीच दो हिस्सों में बंटी और दूसरी बार सरसौल के प्रेमपुर के पास फिर दो भागों में बंट गई। इससे यात्री दहशत में रहे। कपलिंग ठीक कर ट्रेन को प्रयागराज रवाना किया गया। वहां कोच हटा कर यात्रियों को दूसरे कोच में भेजा गया।

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    दिल्ली से कटिहार जाने वाली हमसफर क्लोन स्पेशल ट्रेन कानपुर सेंट्रल से करीब पौने दो बजे आगे बढ़ी। चंदारी और चकेरी के बीच कपलिंग टूटने से बी-१२ कोच इंजन और तीन कोच से अलग हो गया। इंजन के साथ जुड़े तीन कोच तकरीबन १०० मीटर आगे निकल गए। झटका लगने से ड्राइवर को कोच के अलग होने का अहसास हुआ तो उसने ट्रेन रोक दी। यहां करीब आधा घंटा ट्रेन खड़ी रही।

    कपलिंग के साथ मोटी जंजीर से कोच को बांधकर अस्थायी व्यवस्था करके ट्रेन रवाना की गई। करीब ढाई बजे सरसौल के प्रेमपुर के पास पहुंचते ही जंजीर से जुड़ा कोच खुलकर दोबारा अलग हो गया। यहां शाम चार बजे तक कोच की कपलिंग दुरुस्त की जा सकी। डेढ़ घंटे बाद ट्रेन प्रयागराज के लिए रवाना हुई। दो बार कोच अलग होने से यात्रियों में दहशत का माहौल बना रहा। उत्तर मध्य रेलवे के जनसंपर्क अधिकारी अमित मालवीय ने बताया कि ट्रेन शाम सात बजे प्रयागराज पहुंची। वहां दो कोच अलग करके यात्रियों को दूसरे डिब्बों में शिफ्ट किया गया। इसके बाद ट्रेन आगे रवाना हुई।  

    हमसफर क्लोन स्पेशल ट्रेन की कपलिंग चंदारी व चकेरी के बीच टूटने पर मजबूती के लिए उसे जंजीर से भी बांधा गया था। प्रेमपुर के पास कपलिंग व जंजीर अलग होने से दोबारा ट्रेन के कोच अलग हो गए। कपलिंग को ठीक करवाने के बाद उसे आगे रवाना किया गया। इस दौरान कोई दूसरी ट्रेन प्रभावित नहीं हुई।

                                                                                           - हिमांशु कुमार उपाध्याय, डिप्टी सीटीएम।