कालिंदी एक्सप्रेस उड़ाने की साजिश में ‘डीप स्टेट’ का हाथ, भारत को हिलाना चाहती हैं विदेशी ताकतें!
हाल ही में हुई ट्रेन दुर्घटनाओं में विदेशी शक्तियों के शामिल होने की संभावना बढ़ गई है। कानपुर में कालिंदी एक्सप्रेस को एलपीजी सिलेंडर विस्फोट से पलटाने की साजिश में डीप स्टेट के जरिए विदेशी शक्तियों का हाथ होने की आशंका है। खुफिया और सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि हाल फिलहाल हो रहीं ट्रेन दुर्घटनाएं देश को अस्थिरता के दौर में ढकेलने की साजिश का हिस्सा हो सकती हैं।

जागरण संवाददाता, कानपुर। प्रयागराज-भिवानी कालिंदी एक्सप्रेस को एलपीजी सिलेंडर विस्फोट से पलटाने की साजिश में विदेशी शक्तियों के शामिल होने की संभावनाएं बढ़ गई हैं।
जांच में जुटीं खुफिया और सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि हाल फिलहाल हो रहीं ट्रेन दुर्घटनाएं देश को अस्थिरता के दौर में ढकेलने की साजिश का हिस्सा हो सकती हैं, जिन्हें डीप स्टेट के जरिए हवा दी जा रही है। ऐसे में डीप स्टेट को लेकर एजेंसियों ने जांच और तेज कर दी है।
ट्रेन पलटाकर आग लगाने की थी साजिश
बिल्हौर से पहले बर्राजपुर रेलवे स्टेशन के आगे रविवार रात कालिंदी एक्सप्रेस को पलटाने की साजिश हुई थी। रेलवे ट्रैक पर भरा हुआ एलपीजी सिलेंडर रखा गया जो कालिंदी एक्सप्रेस टकरा गया। इस दौरान सिलेंडर फटने की बजाय टकराकर दूर जा गिरा।
आसपास जांच में पेट्रोल बम, बारूद जैसा पाउडर, माचिस मिलने से साफ है कि साजिशकर्ता ट्रेन को पलटाकर उसमें आग लगने की योजना बनाए हुए थे। अभी इस वारदात का पर्दाफाश नहीं हो सका है, जबकि राजस्थान के अजमेर में मंगलवार को सीमेंटेड पिलर रखकर एक मालगाड़ी को डिरेल करने की कोशिश की गई।
राजस्थान और उत्तर प्रदेश में एक महीने के भीतर इस तरह की छह घटनाएं सामने आ चुकी हैं।
उत्तर प्रदेश और राजस्थान में एक महीने के दौरान हुई घटनाएं
- 16 अगस्त की रात 2.35 बजे झांसी ट्रैक पर साबरमती ट्रेन डिरेल हुई
- 26 अगस्त की रात 12.05 बजे फर्रुखाबाद में कासगंज फर्रुखाबाद एक्सप्रेस लकड़ी के बोटे से टकरा गई थी।
- 08 सितंबर की रात 8.30 बजे कालिंदी एक्सप्रेस बर्राजपुर से आगे मुंडेरी गांव के पास सिलेंडर से टकरा गई।
- 28 अगस्त को राजस्थान के बारां के छबड़ा में ट्रैक पर बाइक का स्क्रैप मिला था।
- 23 अगस्त को राजस्थान के पाली में अहमदाबाद-जोधपुर वंदे भारत ट्रैक पर रखे सीमेंट ब्लॉक से टकरा गई थी।
- 10 सितंबर राजस्थान के फुलेरा से अहमदाबाद जा रही मालगाड़ी मांगलियावास थानाक्षेत्र में सीमेंटेड पत्थरों से टकरा गई थी।
भारत को अस्थिर करने की कोशिश
कालिंदी एक्सप्रेस के प्रकरण में एनआईए, एसटीएफ, आईबी और स्थानीय खुफिया एजेंसियां जांच कर रही हैं। रेलगाड़ियों को डिरेल करने के पीछे आतंकी साजिश की संभावना व्यक्त की गई, लेकिन एजेंसियों को अब तक इस तरह का कोई साक्ष्य नहीं मिला है।
खुफिया एजेंसियों से जुड़े एक अधिकारी के मुताबिक, एक तरह की घटनाएं बहुत कुछ कह रही हैं। यह भारत को अस्थिर करने की कोशिश का एक प्रयास है, जिसमें डीप स्टेट गिरोह जुड़ा हुआ है।
इसमें विदेशी शक्तियां शामिल हो सकती हैं, जो इस तरह की घटनाएं करके भारत के लोगों में चुनी हुई सरकार के प्रति असंतोष पैदा करने का काम करते हैं। बार-बार ट्रेनों में इस तरह की घटनाएं प्रोपेगेंडा फैलाने का सबसे बड़ा हथियार हो सकती हैं कि सरकार जनसुरक्षा के मामले में फेल हो रही है।
क्या है डीप स्टेट?
डीप स्टेट शब्द का प्रयोग ऐसे वर्ग के लिए किया जाता है, जो सरकार के समानांतर सरकार चलाने या विरोध होने पर सरकार को बदनाम करने के लिए प्रोपेगेंडा फैलाने का काम करता है।
विशेषकर इस खेल में अमेरिका, ब्रिटेन और चीन जैसे बड़े देश शामिल हैं, जो दूसरे देशों में अपने हितों के लिए वहां की सरकारों को अस्थिर करने का प्रयास करते हैं।
जांच एजेंसियों का मानना है कि यह काम आतंकियों का नहीं हो सकता, क्योंकि जो तैयारी अब तक समझ में आई है वह बेहद कमजोर है।
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