सीएम योगी से प्रभावित मूकबधिर युवती भटकते-भटकते पहुंची लखनऊ, मुख्यमंत्री को देने के लिए लाई ये खास चीज
ग्वालटोली की मूकबधिर युवती मुख्यमंत्री से मिलने की आशा में हाथ से पेंटिंग बनाकर विधानसभा भवन के पास शनिवार को पहुंच गई। बेटी के लापता होने पर परिजन उसकी खोज में थक गए और शाम को ग्वालटोली थाने पहुंचे। पुलिस ने फोन पर बताया कि वह लखनऊ में है, जिसके बाद परिजन लखनऊ गए और देर रात उसे घर लेकर लौट आए।

जागरण संवाददाता, कानपुर। मुख्यमंत्री से प्रभावित ग्वालटोली की मूकबधिर युवती भटकते हुए उनसे मिलने की आस लेकर हाथ से पेंटिंग बनाकर शनिवार को विधानसभा भवन के पास पहुंच गई। बेटी के लापता होने पर स्वजन उसकी खोजबीन करते हुए बदहवास हो गए और शाम को ग्वालटोली थाने पहुंचे। जहां हजरतगंज पुलिस ने स्वजन को फोन पर उसके लखनऊ में होने की सूचना दी। जिसके बाद स्वजन लखनऊ पहुंचे और देर रात उसे लेकर घर आए।
ग्वालटोली अहिराना निवासी सिक्योरिटी गार्ड कल्लू गुप्ता की 20 वर्षीय इकलौती बेटी खुशी मूकबधिर है। परिवार में पत्नी गीता और बेटा जगत है। पत्नी गीता ने बताया कि वह आर्यनगर स्थित घर में खाना बनाती हैं। शनिवार सुबह वह काम पर गई थी, इस दौरान खुशी घर से निकल गई। काफी खोजबीन और रिश्तेदारों के यहां पता करने के बाद भी बेटी का कोई सुराग नहीं मिला।
शाम को वह उसकी गुमशुदगी दर्ज कराने थाने पहुंचे। उधर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से प्रभावित खुशी उनसे मिलने की आस लेकर उनकी पेंटिंग बनाकर ट्रेन से चारबाग होते हुए विधानसभा भवन के पास पहुंच गई। गश्त के दौरान हजरतगंज थाना प्रभारी विक्रम सिंह ने युवती को देखा तो पूछताछ का प्रयास किया लेकिन मूकबधिर खुशी कुछ बता नहीं सकी।
कागज पर लिखाकर जानकारी ली
फिर इशारों से और कागज पर लिखाकर जानकारी ली। पुलिस टीम के साथ उसे लेकर कोतवाली पहुंचे। खुशी से बात करने के लिए ट्रांसलेटर बुलाया गया जिसके बाद पूरी बात पता चली तो मुख्यमंत्री से मिलाने का आश्वासन दिया। थाना प्रभारी ने खुशी को चाकलेट देकर नाश्ता कराया। उधर बेटी की गुमशुदगी दर्ज कराने ग्वालटोली थाने पहुंचे स्वजन को हजरतगंज पुलिस ने जब उसके सकुशल होने की जानकारी दी। स्वजन लखनऊ पहुंचे और देर रात खुशी को लेकर घर लौटे।
युवती ने भावुक होकर चलते समय इंस्पेक्टर को जयहिंद कर धन्यवाद दिया। ट्रांसलेटर की पूछताछ में खुशी ने बताया कि वह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बहुत प्रभावित है। उसने टीवी पर उनका आवास भी देखा था। वह उनसे मिलने आई थी। पहले ट्रेन से चारबाग पहुंची। वहां से पर्ची में लिखकर कई लोगों से पूछा कि मुख्यमंत्री जी कहां रहते है। उसे किसी ने विधानसभा भवन लिखकर बताया था।
इसके बाद लोगों को पर्ची दिखाकर पूछते-पूछते पैदल विधानभवन पहुंची थी। खुशी की मां गीता ने बताया कि पैदल चलने से बेटी के पैर में छाले पड़ गए थे। सोमवार को वह उसे डाक्टर के पास दवा दिलाने ले गए। थाना प्रभारी संजय गौड़ ने बताया कि गुमशुदगी दर्ज होने से पहले ही युवती के लखनऊ में सकुशल होने की सूचना हजरतगंज पुलिस ने स्वजन को दे दी थी।

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