Kanpur News: बिल्हौर में साइबर ठग गिरोह का राजफाश, दो कारों में पकड़े गए आठ ठग
कानपुर के पास बिल्हौर में दो कारों में साइबर ठगों का गिरोह पकड़ा गया। गिरोह के आठ सदस्यों को पकड़ा गया। आरोपित खातो में अंकित कराते थे अपने मोबाइल नंबर चेकबुकर एटीएम भी रखते थे खुद। खाते की तलाश में बिल्हौर आए थे। हालांकि पुलिस के हाथ सरगना नहीं लग सका।

संवाद सहयोगी, जागरण, बिल्हौर। बिल्हौर थाना पुलिस की टीम ने मंगलवार को गौरी अंडरपास के पास से दो कारों में सवार साइबर ठगों के गिरोह के आठ सदस्यों को गिरफ्तार किया। हालांकि सरगना उनके हाथ नहीं लगा। गिरोह साइबर ठगी की रकम मंगवाने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों के सीधे-साधे लोगों को टारगेट कर घर बैठे कमाई का लालच देते और उनके दस्तावेजों से सेविंग व करंट अकाउंट खुलवाते, पर मोबाइल नंबर अपना अंकित कराते थे।
इसके खाता धारकों को 15 से 25 प्रतिशत तक का कमीशन खातों की लिमिट के आधार पर मिलता था। पूरा गिरोह एक दूसरे से मोबाइल के एक एप के जरिए जुड़ता और बातचीत कर योजना बनाता था। पुलिस ने आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर बुधवार को सभी को जेल भेजा है।
बिल्हौर थाना प्रभारी अशोक कुमार सरोज ने बताया कि मुखबिर से मंगलवार रात सूचना मिली कि गौरी अंडरपास के पास दो कारों में कई संदिग्ध युवक बैठे हैं। इस पर उनकी टीम ने घेराबंदी कर कार सवार आठ युवकों को दबोच लिया। सभी साइबर ठगों के गिरोह के सदस्य हैं।
पूछताछ में आरोपितों ने अपनी पहचान इटावा के सिविल लाइंस लोहन्ना सारंगपुर निवासी पंकज, कोठी विचारपुरवा निवासी शिवम, रायबरेली रोड मोहनलालगंज जिला सहकारी बैंक के पास रहने वाले मानस अवस्थी, ललितपुर के चंद्रपुर तालबेहट निवासी विजय शर्मा, सुनौरा, तालबेहट निवासी अभिषेक, तालबेहट के वीरेंद्र सिंह तोमर, लखनऊ के पीजीआइ थाना क्षेत्र के पैरूवाली गली हनुमान मंदिर तेलीबाग निवासी अलीखान, लखनऊ के सदर कैंट निवासी इमरान अहमद के रूप में दी।
थाना प्रभारी ने बताया कि आरोपितों में शिवम, मानस, विजय, अभिषेक, वीरेंद्र साइबर ठग हैं, जबकि अन्य आरोपित लोगों के बैंक खाते उपलब्ध कराते थे, जिससे ठगी की रकम उन खातों में आ सके। आरोपितों ने पुलिस को बताया कि वह ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को घर बैठे ही कमाई करने का लालच देकर अपनी सिर्फ उनके खातों में रुपये आने की बात कहकर जाल में फंसाते थे। जब कोई राजी होता तो उनके दस्तावेजों पर उन बैंकों में सेविंग व करंट अकाउंट खुलवाते थे, जहां बैंक से ही चेकबुक, पासपुर व एटीएम कार्ड मिल सके। खास बात ये थे कि गिरोह जो भी नए खाते खुलवाते थे। उसमें मोबाइल नंबर अपना ही लिखवाते थे, जिससे ठगी के दौरान ओटीपी और ट्रांसफर हुई रकम खाता धारकों को नहीं बल्कि ठगों के गिरोह को पता चल सके।
असम का है गिरोह का सरगना, पुलिस को मिला मोबाइल नंबर
थाना प्रभारी अशोक कुमार सरोज ने बताया कि पूछताछ में पकड़े गए आरोपितों ने बताया कि उनके गिरोह का सरगना असम में रहने वाला जैक नाम का व्यक्ति है। उन लोगों की कभी भी उससे मुलाकात नहीं हुई है। जैक का एक एजेंट लखनऊ के मोहनलालगंज निवासी रौनक है। जबकि पकड़े गए लोगों को मुखिया रौनक है।जैक ही उनके द्वारा उपलब्ध कराए खातों में रुपये भिजवाता था, जिसका कमीशन वे लोग खाता धारकों को देते और खुद भी रखते थे। रौनक की ननिहाल बिल्हौर में है और उसके बुलाने पर वे लोग बिल्हौर आए थे। हालांकि रौनक के आने से पहले पुलिस ने उन लोगों को पकड़ लिया, जिसकी भनक रौनक को लग गई और वह नहीं आया। टीम जैक व रौनकी की तलाश में लगी है।
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थाना प्रभारी ने बताया कि आरोपितों के पास से स्कार्पियो, हुंडई औरा कार, 12 मोबाइल फोन, दो पर्स, चार बैंक चेकबुक, तीन पासबुक, दो स्मार्ट घड़ी, दो पैनकार्ड, 10 एटीएम कार्ड, दो मेट्रो कार्ड, एक डीएल, दो आधार कार्ड, 4.50 हजार रुपये बरामद हुए। दोनों कारों को एमवी एक्ट में सीज किया गया।सभी का अपराधिक इतिहास खंगाला जा रहा है। गिरफ्तार करने वाली टीम में एसआइ सचिन सिरोही, कपिल कुमार, अविनाश शुक्ला, आफताब आलम, हेड कांस्टेबल दिलीप कुमार, राजबीर, जयपाल, पुष्पेंद्र, संदीप सिंह, विवेक कुमार थे।
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