Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    साइबर फ्रॉड से बचने के लिए टू स्टेप वेरिफिकेशन संग प्राइवेसी रखे ऑन, छह माह में बदलते रहे पासवर्ड

    Updated: Sat, 13 Dec 2025 07:30 PM (IST)

    साइबर फ्रॉड से बचने के लिए टू स्टेप वेरिफिकेशन को हमेशा ऑन रखें और अपनी प्राइवेसी सेटिंग्स का ध्यान रखें। इसके साथ ही, अपने पासवर्ड को हर छह महीने में ...और पढ़ें

    Hero Image

    साइबर फ्रॉड से बचने के आसान टिप्स।

    जागरण संवाददाता, कानपुर। इंटरनेट मीडिया का उपयोग करते समय सावधानी के साथ सतर्क रहना बेहद जरूरी है, जिससे आप सुरक्षित रह सकते हैं। अगर अनजाने में साइबर अपराधी का शिकार हो जाएं, तो हेल्पलाइन नंबर 1930 या cybercrime.gov.in के अलावा साइबर थाना और पास के पुलिस स्टेशन में संपर्क करें।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    साइबर अपराधी की किसी भी तरह की धमकियों से घबराने की जरूरत नहीं। यह जानकारी कैंट में संचालित एनसीसी शिविर में एसीपी कैंट आकांक्षा पांडेय और साइबर सेल के सब इंस्पेक्टर आकाश चौधरी ने कैडेट्स को दीं।

    बताया गया कि किस तरह से वह ऑनलाइन फ्राड और साइबर अपराधों के तरीकों की पहचान कर डिजिटल सुरक्षा के उपाय अपनाकर सुरक्षित रह सकते हैं।

    आकाश ने कैडेट्स को बताया कि आपको अपना सोशल मीडिया अकांउट (वाट्सएप, फेसबुक , इंस्ट्राग्राम) पर सुरक्षा के उपायों का ध्यान रखना है। जिसमें वह टू स्टेप वेरीफिकेशन, प्राइवेसी आन रखने के साथ अपने अकाउंट का पासवर्ड हर छह माह में जरूर बदलते रहें।

    बताया की वर्तमान में साइबर बुलिंग (सोशल मीडिया अकाउंट से फोटो निकालकर एआई की मदद से आपत्तिजनक बनाकर ब्लैकमेल करना) से छात्राओं और युवतियों को इंटरनेट मीडिया पर प्रचलित करने की धमकी देकर शिकार बनाते हुए रुपये ऐंठ लेते हैं।

    वहीं, इंटरनेट मीडिया पर सक्रिय युवाओं (कालेज स्टूडेंट्स) को भी इंटरनेट मीडिया की हिस्ट्री का हवाला देकर इंटरनेट मीडिया पर प्रचलित करने या फिर घर पर भेजने की धमकी देकर रकम ऐंठते हैं। जिसका शिकार होकर बहुत से स्टूडेंट्स मानसिक अवसाद में आ चुके हैं, कई बार वह बदनामी के डर से जानलेवा कदम भी उठा लेते हैं, पर आपको हर परिस्थिति में सतर्क और हिम्मत के साथ समझदारी से काम लेना है।

    इस दौरान साइबर अपराधियों के आर्थिक अपराध के बारे में भी जानकारी दी गई। जिसमें इनवेस्ट मेंट कर अधिक लाभ का झांसा देकर शिकार बनाते हैं। इसमें कई टास्क मिलते है, जिसमें लालच का शिकार होकर लोग अपनी रकम गंवा देते हैं।

    वहीं, वर्तमान में अब एपीके फाइल (शादी का कार्ड, वाहन का चालान, बिजली और गैस के बिल को पीडीएफ के रूप में) से मोबाइल हैक कर रकम पार हो रही है। इसलिए किसी भी अनजान के भेजे पीडीएफ को खोलें करें।

    यह मोबाइल हैक कर आपके द्वारा मोबाइल पर होने वाली सभी एक्टिविटी देखते रहते हैं, जिसमें आपके खाते संबंधित पिन आदि शामिल होते हैं। साथ ही बताया गया कि हनी ट्रैप में फंसाने के लिए डेटिंग एप में लोगों के बातचीत में फंसाकर ऑनलाइन ठगी या फिर कहीं बुलाकर बंधक बनाकर मारपीट लूट लेते हैं।

    कार्यशाला के दौरान संबंधित अपराधों के उदाहरण भी दिए गए। इस दौरान साइबर सेल की सब इंस्पेक्टर रिया समेत करीब 500 एनसीसी कैडेट्स रहे।