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    साइबर ठगी भी करता था महाठग, पुलिस ने एक्टर सोनू सूद को माना हिस्सेदार, रवींद्रनाथ ने रिमांड के दौरान उगले कई राज

    Updated: Mon, 15 Dec 2025 12:03 AM (IST)

    महाठग रवींद्रनाथ सोनी की रिमांड अवधि पूरी होने के बाद उसे जेल भेज दिया गया। पुलिस की पूछताछ में पता चला कि सोनी अकेला नहीं था और फिल्म अभिनेता ...और पढ़ें

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    जागरण संवाददाता, कानपुर। महाठग रवींद्रनाथ सोनी की रिमांड अवधि पूरी होने के बाद रविवार को जेल भेज दिया गया। रिमांड के दौरान पूछताछ में कई बातें सामने आई हैं। पुलिस का मानना है कि हजारों करोड़ के इस खेल में सोनी अकेला खिलाड़ी नहीं है, बल्कि फिल्म अभिनेता सोनू सूद, सूरज जुमानी और विभाष त्रिवेदी बराबर के हिस्सेदार हैं। आरोप है कि इन सभी ने ब्लू चिप से जुड़ी विभिन्न कंपनियों से हवाला के जरिये लेनदेन कर करोड़ों कमाए।

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    अभी तक निवेश के नाम पर ठगी का आरोप ही था, मगर अब माना जा रहा है कि गिरोह साइबर ठगी के अपराध से भी जुड़ा हुआ था। हालांकि सोनू सूद ने दैनिक जागरण से कहा था कि वह इवेंट में शामिल हुए थे, लेकिन ठगी से कोई लेना-देना नहीं है।दिल्ली के मालवीय नगर निवासी महाठग रवींद्रनाथ सोनी को पुलिस ने धोखाधड़ी के मामले में पिछले दिनों देहरादून से गिरफ्तार कर कानपुर जेल भेजा था।

    एसआइटी रिमांड पर लिया

    जांच के लिए गठित एसआइटी ने उसे रिमांड पर लिया और पूछताछ के बाद उसे लेकर देहरादून व दिल्ली भी गई। दिल्ली वाले वाले घर से एसआइटी ने 10 मोबाइल फोन, एक लैपटाप, हार्ड डिस्क, सीपीयू बरामद किए थे। जांच में एक नेता और एक बड़े पूर्व क्रिकेटर व अन्य खिलाड़ियों से उसके संपर्क सामने आ चुके हैं। पुलिस आयुक्त रघुबीर लाल ने बताया कि अब तक मिले साक्ष्यों से साफ हो गया है कि रवींद्रनाथ सोनी ब्लू चिप का अकेला खिलाड़ी नहीं था, बल्कि सोनू सूद, विभाष त्रिवेदी और सूरज जुमानी बराबर के हिस्सेदार थे।

    इनके बीच कंपनियों से डेल्टा ट्रांजेक्शन मिला है यानी हवाला के जरिये पैसा इधर से उधर किए जाने के साक्ष्य पुलिस को मिल गए हैं। तीनों को पहले नोटिस दिया गया था, अब दूसरा भेजा जा रहा है कि कंपनियों में उनकी भूमिका संदिग्ध है। अगर वह फिर भी बयान देने नहीं आए तो पुलिस विधिक कार्रवाई शुरू करेगी।पुलिस आयुक्त ने बताया कि पता चला है कि विभाष त्रिवेदी के काल सेंटर दुबई, पाकिस्तान, नोएडा और विशाखापत्तनम में हैं।

    पुलिस ने पिछले दिनों विशाखापत्तनम वाले सेंटर में छापा मारा था। आशंका है कि यह गिरोह निवेश के नाम पर ही नहीं, बल्कि साइबर ठगी से भी ठगता था। एक नई कंपनी ब्लू चिप म्यूजिक का भी नाम सामने आया है। यूएसडीटी व बाइनेक्स के जरिये लेनदेन का प्रमाण पुलिस को मिला है। इससे साफ है कि इनके बीच हवाला कारोबार भी था। दुबई के मीना बाजार और दिल्ली से हवाला का पैसा भेजने की पुष्टि हो चुकी है।

    थाईलैंड की राजनीति में भी दखल 

    पुलिस आयुक्त ने बताया कि यह गिरोह बेहद शक्तिशाली था। दुबई, भारत, जापान सहित 10 देशों में इन्होंने ठगी की घटनाएं की। जांच में सामने आया है कि सोनू सूद के जरिये सूरज जुमानी ने थाईलैंड की राजनीतिक पार्टियों में गहरी जड़ें जमा ली थीं। राजनीतिक संबंधों का फायदा उठाकर इन्होंने बैंकाक में एक कंपनी भी खोली थी और वहां भी करोड़ों का ठगी का कारोबार शुरू कर दिया था।