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    कानपुर में साइबर क्राइम के शिकार हुए युवक की नहीं सुन रही पुलिस, बिटक्वाइन में मांगी गई थी रंगदारी

    By Shaswat GuptaEdited By:
    Updated: Tue, 08 Jun 2021 04:37 PM (IST)

    पटकापुर निवासी अमन अग्रवाल अहसास प्रोडक्शन हाउस नाम से फर्म चलाते हैं। एक जून की रात वह वैक्सीनेशन कराने के लिए कोविन डॉट डीओवी डॉट इन वेबसाइट पर स्लॉ ...और पढ़ें

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    कानपुर में हुए साइबर क्राइम से संबंधित प्रतीकात्मक फोटो।

    कानपुर, जेएनएन। कोरोना वैक्सीनेशन के लिए स्लॉट बुक करते समय प्रोडक्शन हाउस संचालक का लैपटॉप साइबर अपराधियों के द्वारा हैक कर लिया गया था। इतना ही नहीं इसके बाद युवक से बिटक्वाइन में रंगदारी भी मांगी गई थी। ऐसे साइबर अपराधियों के खिलाफ पुलिस ने अब तक मुकदमा ही दर्ज नहीं किया है। थानों के चक्कर लगाने के बाद परेशान होकर पीड़ित ने आनलाइन एफआइआर दर्ज कराई है। पुलिस की लापरवाही देख पीड़ित को अब लैपटाप का डाटा रिकवर होने की उम्मीद भी नहीं है। 

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    ये है पूरा मामला: पटकापुर निवासी अमन अग्रवाल अहसास प्रोडक्शन हाउस नाम से फर्म चलाते हैं। एक जून की रात वह वैक्सीनेशन कराने के लिए कोविन डॉट डीओवी डॉट इन वेबसाइट पर स्लॉट बुक कर रहे थे। इसी दौरान हैकरों ने रैनसमवेयर वायरस के जरिए लैपटॉप पर अटैक करके पूरा 500 जीबी डाटा इनक्रिप्ट कर दिया। उसके स्थान पर सी डॉट पास नाम से एक्सटेंशन प्रदर्शित होने लगा। हैकर ने होस्ट बदलकर अपना आइपी एड्रेस डालकर सिस्टम को रिमोट करना शुरू कर दिया। कुछ देर बाद हैकर ने डाटा वापस देने के बदले बिटक्वाइन में 980 डॉलर मांगे। यही नहीं अहसास प्रोडक्शन अॉफिशियल नाम से बनी इंस्टाग्राम और अमन एमी अग्रवाल नाम से बनी फेसबुक आइडी भी हैक कर ली। उसके स्थान पर बिटक्वाइन व क्रिप्टो करेंसी के प्रचार प्रसार से संबंधित पोस्ट अपलोड कर दीं। अगले दिन अमन ने साइबर सेल और फीलखाना थाने में तहरीर दी, लेकिन सुनवाई नहीं हुई। चार दिन तक लगातार चक्कर लगाने के बाद आखिरकार अमन ने यूपी पुलिस की वेबसाइट पर आनलाइन रिपोर्ट लिखाई। 

    क्या कहते हैं पीड़ित: अमन ने बताया कि साइबर सेल की पुलिस ने लैपटॉप का डाटा वापस रिकवर करा पाने में असमर्थता जता दी है। वह अपराधियों को क्या पकड़ेंगे, जब मुकदमा ही नहीं लिख रहे। मजबूरी में आनलाइन रिपोर्ट लिखाई है। 

    इनकस ये है कहना: फीलखाना थाना प्रभारी सतीशचंद्र साहू ने बताया कि युवक ने मौखिक शिकायत की थी। अब तक तहरीर नहीं दी है, तहरीर आते ही रिपोर्ट लिखी जाएगी।