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    IIT Kanpur News: गर्व की बात, आइआइटी कानपुर में तैयार साइबर कमांडो संभालेंगे बंदरगाहों की सुरक्षा

    By akhilesh tiwari Edited By: Anurag Shukla1
    Updated: Fri, 04 Jul 2025 08:38 PM (IST)

    IIT Kanpur News भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान आइआइटी कानपुर में बंदरगाहों की साइबर सुरक्षा के लिए कमांडो को ट्रेनिंग दी जा रही है। सेना और गृह मंत्रालय के अधिकारियों को भी साइबर सुरक्षा की ट्रेनिंग दी गई है। प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन आइआइटी कानपुर के सी3आइ हब में किया जा रहा है।

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    बंदरगाहों की साइबर सुरक्षा संभालने के लिए कमांडो को आइआइटी दे रहा प्रशिक्षण।

    जागरण संवाददाता ,कानपुर। कानपुर के लिए एक बार फिर गर्व की बात है। भारतीय पोर्ट (बंदरगाह) को साइबर (Cyber) हमलों से सुरक्षित रखने के लिए आइआइटी कानपुर (IIT Kanpur) में साइबर कमांडो तैयार किए जा रहे हैं। साइबर हमलों को पहचानने और उनसे निपटने के लिए विशेष प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले भारतीय पोर्ट के 36 अधिकारी विभिन्न बंदरगाहों पर सुरक्षा की कमान संभालेंगे।

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    भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान आइआइटी कानपुर में स्थित सी3आइ हब में साइबर सुरक्षा का विशेष प्रशिक्षण दिया जाता है। पिछले महीने में भारतीय सेना के सेंट्रल कमांड के अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया गया है। इससे पहले मध्य कमान और गृह मंत्रालय के विभिन्न सुरक्षा बलों के अधिकारी भी प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके हैं।

    आइआइटी कानपुर के इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में शामिल सभी 36 अधिकारियों का चयन साइबर कमांडो ट्रेनिंग के लिए किया गया है। इस दौरान इन्हें साइबर सुरक्षा से जुड़े अत्याधुनिक टूल, तकनीक व उपकरणों की जानकारी के साथ साइबर हमलों से बचाव का प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है।

    प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन आइआइटी कानपुर के सी3आइ हब में किया जा रहा है। इसके लिए आइआइटी कानपुर और इंडियन पोर्टस एसोसिएशन के बीच एक समझौता ज्ञापन हुआ है जिसके तहत यह प्रशिक्षण शुरू कराया गया है। सी3आइ हब में देश के क्रिटिकल इंफ्रास्ट्रक्चर को साइबर हमलों से सुरक्षित रखने के लिए विभिन्न शोध कार्य किए जा रहे हैं।

    बंदरगाह अधिकारियों के विशेष प्रशिक्षण शिविर में सी3आइ हब की सीओओ डा. तनिमा हाजरा भी शामिल हुई हैं। उन्होंने वर्चुअल माध्यम से जुड़कर साइबर सिक्योरिटी और कैपेसिटी बिल्डिंग के महत्व को समझाया। इस प्रशिक्षण के दौरान साइबर विज्ञानियों की टीम सभी प्रतिभागियों को साइबर हमलों और खतरों की पहचान करने वाले तरीके, थ्रेट इंटेलीजेंस, हमलों का प्रत्युत्तर देने , साइबर हमलों का फोरेंसिक साक्ष्य जुटाने, सरफेस वेब, डीप वेब, डार्क वेब, सीएससीएम (कैपेबिलिटी मैच्युरिटी माडल) के बारे में जानकारी दे रही है। प्रशिक्षण टीम में प्रो. सुरेंद्र बसवाना, डा. सुधाकर शामिल हैं।