Kanpur News: रोजगारपरक पाठ्यक्रमों के बारे में CSJMU का फैसला, एआइ और साइबर सिक्योरिटी की पढ़ाई अनिवार्य
छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय ने रोजगारपरक पाठ्यक्रम लागू करने का फैसला लिया है। एआइ और साइबर सिक्योरिटी की पढ़ाई अब सीएसजेएमयू में अनिवार्य होगी। दो सेमेस्टर में रोजगारपरक पाठ्यक्रमों के बारे में विश्वविद्यालय ने फैसला लिया है। इस बार पहले सेमेस्टर से ही एआइ को अनिवार्य किया जा रहा है।
जागरण संवाददाता,कानपुर। छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय से संबद्ध महाविद्यालयों में अब साइबर सुरक्षा और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का पाठ सभी विद्यार्थियों को पढ़ाया जाएगा। विश्वविद्यालय के कौशल विकास पाठ्यक्रमों के तहत इन दोनों कोर्स लागू किया जा रहे हैं। इसका उद्देश्य छात्र-छात्राओं को अत्याधुनिक तकनीक ज्ञान से लैस करना है। विश्वविद्यालय ने पहले आइआइटी कानपुर की मदद से साइबर सुरक्षा का वोकेशनल कोर्स पूरा कराया है। इस बार पहले सेमेस्टर से ही एआइ को अनिवार्य किया जा रहा है।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत स्नातक में सभी विद्यार्थियों को वोकेशनल यानी व्यावसायिक पाठ्यक्रमों की सूची से कम से कम चार कोर्स पूरा करना जरूरी है। हर कोर्स का क्रेडिट तीन है और इस तरह डिग्री कोर्स के दौरान वोकेशनल कोर्स से 12 क्रेडिट का स्कोर करना जरूरी है।
अभी तक वोकेशनल कोर्स का चयन छात्र-छात्राओं की अभिरूचि पर निर्भर था लेकिन पिछले साल प्रयोग के तौर पर विश्वविद्यालय ने आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस और साइबर सुरक्षा का व्यावसायिक पाठ़यक्रम लागू किया था। इससे दूसरे और चौथे सेमेस्टर के विद्यार्थियों को दिया गया लेकिन अब विश्वविद्यालय ने नए शिक्षा सत्र में इन दोनों पाठ्यक्रमों को स्नातक के सभी छात्र-छात्राओं के लिए अनिवार्य कर दिया है।
विश्वविद्यालय के महाविद्यालय विकास परिषद निदेशक प्रो. राजेश कुमार द्विवेदी की ओर से महाविद्यालयों को भेजे गए पत्र में बताया कि गया है कि सभी संबद्ध महाविद्यालयों में सत्र 2025-26 के बीए, बीएससी एवं बीकाम पाठ्यक्रम के प्रथम सेमेस्टर में छात्र -छात्राओं को कृत्रिम बुद्धिमत्ता (आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस) रोजगार परक पाठ्यक्रम एवं तीसरे सेमेस्टर सभी विद्यार्थियों को साइबर सिक्योरिटी रोजगार परक पाठ्यक्रम अनिवार्य होगा।
इस पाठ्यक्रम का पूर्णांक 100 अंकों का होगा, जिसमें 40 अंक आंतरिक मूल्यांकन तथा 60 अंक बाह्य अथवा लिखित परीक्षा के आधार पर दिए जाएंगे। आंतरिक मूल्यांकन के अंक विश्वविद्यालय की ओर से दिए जाएंगे। इसका आधार पाठ्यक्रम अवधि के दौरान आनलाइन कक्षाओं में छात्र- छात्राओं की उपस्थिति तथा सतत् मूल्यांकन को बनाया जाएगा। प्रो. द्विवेदी ने बताया कि इस पाठ्यक्रम को अनिवार्य किए जाने का उद्देश्य युवाओं को साइबर सुरक्षा और एआइ के बारे में जानकार बनाना है जिससे वह भविष्य की तकनीकी समस्याओं का सामना कर सकें।
शैक्षिक गतिविधि के लिए विश्वविद्यालय को मिलेंगे 375 रुपये
जारी पत्र के अनुसार दोनों वोकेशनल कोर्स का संचालन विश्वविद्यालय की ओर से आनलाइन माध्यम से किया जाएगा। इसके लिए छात्रों से 500 रुपये का शुल्क वसूला जाएगा जिसमें महाविद्यालयों को प्रति छात्र 125 रुपये और विश्वविद़्यालय को 375 रुपये मिलेंगे।
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