यूपी में दीपावली पर यहां जलाए जाते हैं डेढ़ करोड़ दीये, तारों सा झिलमिलाता है पूरा इलाका
यूपी के शहरों में दीपावली पर अद्भुत छटा बिखरी नजर आती है अयोध्या का दीपोत्सव हो या फिर चित्रकूट में दीपमाला का आयोजन सभी जगह खास आकर्षण रहता है। चित्रकूट में पांच दिन दिवसीय दीपदान मेले लाखों श्रद्धालु आते हैं और हर कोई पांच दीये जलाता है।

चित्रकूट, [हेमराज कश्यप]। अलौकिक व पौराणिक प्रभु श्रीराम की तपोभूमि में पांच दिवसीय दीपदान मेला में करीब डेढ़ करोड़ दीये जलते हैं। शाम ढलने के बाद मंदाकिनी नदी के तट रामघाट, कामदगिरि समेत तीर्थ क्षेत्र के पौराणिकस्थलों पर इनकी झिलमिल देखने लायक होती है। भगवान राम में अटूट आस्था रखने वाले श्रद्धालु देश भर से यहां आते हैं। प्रत्येक श्रद्धालु पांच दीये जलाता है। इस सिलसिले की शुरुआत धनतेरस से होती है और समापन भाई दूज के दिन होता है।
प्रभु श्रीराम के वनवास से जन्मभूमि अयोध्या लौटने को लेकर दीपोत्सव पूरे देश में मनाया जाता है। हालांकि, उनकी तपोस्थली चित्रकूट ऐसा स्थान है, जहां दीपोत्सव पांच दिन दीपदान मेला के रूप में चलता है। इस मेले में देश भर से 30 से 40 लाख श्रद्धालु आते हैं। उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश के साथ ही अलग-अलग प्रांतों से आने वाले श्रद्धालु मंदाकिनी समेत अन्य प्रभु राम के वनवास काल से जुड़े स्थलों पर दीपदान करते हैं। खाकी अखाड़ा के महंत रामजन्मदास महाराज ने बताया कि श्रद्धालुओं की वैसे कोई गणना नहीं होती है, लेकिन प्रशासनिक अनुमान में इनकी संख्या 30 से 40 लाख बताई जाती है।
प्रत्येक श्रद्धालु कम से कम पांच दीये मंदाकिनी तट पर जलाता है। यह सिलसिला पांचों दिन 24 घंटे चलता है। इस तरह 30 लाख श्रद्धालु भी मान लिए जाएं तो करीब डेढ़ करोड़ दीये मंदाकिनी तट समेत पूरे चित्रकूट में जलते हैं। रात में मंदाकिनी नदी की जलराशि पर ये दीये आसमान में तारे जैसे प्रतीत होते हैं। मुख्य दीपोत्सव दीपावली के दिन होता है। उस रात मंदाकिनी तट पर एक साथ लाखों दीये जलते हैं। रायबरेली के राधोपुर निवासी राजकुमार काफी खुश दिखे। बोले-पहली बार दीपदान करने आए हैं। भगवान दीये के प्रकाश की तरह उनकी जिंदगी में भी उजियारा भरेंगे। मध्य प्रदेश के सागर जिले के राजेंद्र प्रसाद परिवार समेत मेला में मिले। बताया कि पूरे परिवार के साथ पांच-पांच दीप जलाएंगे। इसके बाद घर लौटकर दीपावली मनाएंगे।
84 कोस में फैले तीर्थ क्षेत्र में होता दीपदान
उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के चित्रकूट व सतना जिलों के अंतर्गत 84 कोस में फैले प्रभु श्रीराम से जुड़े वनवास काल के स्थलों में दीपदान होता है। श्रद्धालु हनुमानधारा, स्फटिक शिला, सती अनुसुइया आश्रम, गुप्त गोदावरी, रामशैया, भरतकूप, सूर्य कुंड, देवांगना, पंपापुर से लेकर जंगली क्षेत्रों में भी तीर्थ स्थलों में दीपदान करते हैं।
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