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    कानपुर में घुसपैठियों पर कसा शिकंजा, पुलिस व LIU ने बस्ती में की छापेमारी; 50 परिवारों के जांचे गए दस्तावेज

    कानपुर में बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों के खिलाफ बुधवार को पुलिस व एलआईयू ने छापेमारी की। यह छापेमारी पूर्व विधायक इरफान सोलंकी के घर के पास जाजमऊ के रैदास नगर की बस्ती में की गई। यहां पर करीब 50 परिवारों के दस्तावेज जांचे गए। तीन परिवारों के पास बंगाल से जुड़े दस्तावेज मिले हैं जिन्हें संदिग्ध मानते हुए उन्हें जांच के लिए आगे भेजा जाएगा।

    By gaurav dixit Edited By: Abhishek Pandey Updated: Thu, 01 Aug 2024 07:55 AM (IST)
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    ग्वालटोली स्थित सपा के पूर्व विधायक इरफान सोलंकी के साथी शौकत पहलवान के फ्लैट को सील करते पुलिस अधिकारी। जागरण

    जागरण संवाददाता, कानपुर। बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों के खिलाफ चलाए गए दैनिक जागरण के अभियान का असर दिखाई पड़ने लगा है। बुधवार को पुलिस ने खुफिया इकाई की सूचना पर जाजमऊ के रैदास नगर की बस्ती में छापेमारी की। यहां पर करीब 50 परिवारों के दस्तावेज जांचे गए।

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    तीन परिवारों के पास बंगाल से जुड़े दस्तावेज मिले हैं, जिन्हें संदिग्ध मानते हुए उन्हें जांच के लिए आगे भेजा जाएगा। उधर, एमएलसी अरुण पाठक ने उक्त मामले को विधान परिषद में उठाने की तैयारी की है।

    विधान परिषद में होगी चर्चा

    अरुण पाठक ने बताया कि उन्होंने नियम 115 के तहत उच्च सदन में बांग्लादेशियों व रोहिंग्या मुसलमानों की घुसपैठ को लेकर ध्यानाकर्षण कराया है। अनुमति मिलने पर विधान परिषद में उक्त विषय पर चर्चा होगी।

    विधान परिषद को बताया है कि कल्याणपुर क्षेत्र में एक बांग्लादेशी युवती दो अन्य महिलाओं के साथ पकड़ी गई है। समय समय पर अभियान चलाकर पूरे प्रदेश में अवैध रूप से रह रहे रोहिंग्या व बांग्लादेशी नागरिकों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। इन लोगों की वजह से समाज में भय का माहौल है।

    पुलिस ने दस्तावेज कब्जे में लिए

    वहीं दूसरी ओर पुलिस आयुक्त अखिल कुमार के निर्देशन में जाजमऊ और खुफिया विभाग की टीम ने रैदास नगर में छापेमारी की। यह बस्ती सपा के पूर्व विधायक इरफान सोलंकी के घर के पास ही है। पूर्व विधायक पहले ही बांग्लादेशी नागरिक रिजवान अहमद को भारतीय बताकर फंस चुके हैं।

    एडीसीपी एलआइयू राजेश श्रीवास्तव ने बताया कि अभियान के दौरान 50 परिवारों के निवास व पहचान से संबंधित दस्तावेजों की जांच की गई। बोली-भाषा के आधार पर चिह्नित करने की कोशिश की गई। जांच के दौरान पुलिस को तीन ऐसे परिवार मिले, जिन्होंने बंगाल से जुड़े दस्तावेज पेश किए हैं। इन परिवारों के दस्तावेज पुलिस ने अपने कब्जे में ले लिए हैं और इन्हें जांच के लिए संबंधित जनपदों को भेजा जाएगा। एडीसीपी ने बताया कि अभियान चलता रहेगा और रोजाना 50 परिवारों में जाकर दस्तावेज देखे जाएंगे।

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