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    महोबा में किशोरी से हैवानियत के मामले में कोर्ट ने सुनाया फैसला, दोषी देवर-भाभी काे भेजा जेल

    मामले की सुनवाई के बाद अपर सत्र न्यायाधीश/ विशेष न्यायाधीश पाक्सो अधिनियम संतोष कुमार यादव ने अपना फैसला सुनाया। विशेष लोक अभियोजक पुष्पेंद्र कुमार मिश्रा ने बताया कि अभियुक्त देवर कल्लू को 10 साल के सश्रम कारावास व 11 हजार के अर्थदंड की सजा सुनाई गई है।

    By Abhishek AgnihotriEdited By: Updated: Tue, 13 Apr 2021 04:35 PM (IST)
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    महोबा में कोर्ट द्वारा सुनाए गए फैसले की प्रतीकात्मक तस्वीर।

    महोबा, जेएनएन। देवर द्वारा बालिका के साथ दुष्कर्म करने और इस कृत्य में भाभी द्वारा उसका सहयेाग करने के मामले में न्यायालय ने सजा सुनाई है। भाभी को सात और देवर को 10 वर्ष का सश्रम कारावास भुगतने के आदेश कोर्ट ने दिए हैं। 

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    ये है पूरा मामला: विशेष लोक अभियोजक पुष्पेंद्र कुमार मिश्रा ने बताया कि सदर कोतवाली क्षेत्र के एक ग्राम निवासी युवक ने 26 जनवरी 2017 को कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया था। वादी ने बताया था कि उसके गांव में जगत सिंह राजपूत के यहां 22 जनवरी 2017 को सूपा से उसके दरवाजे रात्रि करीब 11 बजे बरात पहुंची। उसकी पुत्री व पत्नी दोनों बरात देख रही थीं। उसी समय ज्योति पत्नी हरनारायण उर्फ हन्नू अहिरवार ने उसकी पुत्री को बुलाया और अपने घर ले गई। उसकी मां ने बुलाया तो ज्योति ने कहा कि वह थोड़ी देर में भेज देगी। ज्योति ने अपने देवर कल्लू के साथ उसकी 16 वर्षीय बेटी को मकान के एक कमरे में बंद कर दिया। पीड़ित व उसकी पत्नी दोनों लोग बच्ची को रात भर खोजते रहे। वादी ने बताया कि 24 जनवरी 2017 की रात्रि करीब आठ बजे पुत्री को गांव के पूर्व प्रधान बेनी प्रसाद तथा राजेश दोनों लोग आए और घर छोड़ गए। पीड़िता ने बताया कि उसके साथ कल्लू ने अपनी भाभी ज्योति की मदद से दुष्कर्म किया। 22 से 24 जनवरी तक चार बार उसके साथ दुष्कर्म किया गया। मना करने पर कल्लू उसे जान से मारने की धमकी देता था। पुलिस ने ज्योति व उसके देवर कल्लू के विरुद्ध मामला दर्ज किया। 

    ये रहा कोर्ट का फैसला: मामले की सुनवाई के बाद अपर सत्र न्यायाधीश/ विशेष न्यायाधीश, पाॅक्सो अधिनियम संतोष कुमार यादव ने अपना फैसला सुनाया। विशेष लोक अभियोजक पुष्पेंद्र कुमार मिश्रा ने बताया कि अभियुक्त देवर कल्लू को 10 साल के सश्रम कारावास व 11 हजार के अर्थदंड की सजा सुनाई गई है। न देने पर दो माह अतिरिक्त सजा होगी। वहीं उसकी भाभी ज्योति को सात वर्ष के कारावास व आठ हजार के अर्थदंड की सजा सुनाई गई है। जुर्माना न देने पर एक माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।