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    अब ओमिक्रोन का नया सब वैरिएंट स्टेल्थ पसार रहा पांव, विशेषज्ञ कर रहे पता कि कितना है घातक

    By Abhishek AgnihotriEdited By:
    Updated: Tue, 01 Feb 2022 08:55 AM (IST)

    देश में जनवरी में ओमिक्रोन के 9672 मामलों में स्टेल्थ के 6471 पाए गए हैं। यह वैरिएंट आरटीपीसीआर जांच में पकड़ में नहीं आता है इसकी पहचान जीनोम सीक्वेंसिंग से होती है। लक्षण और प्रभाव पर आइएएमएम के विशेषज्ञ अध्ययन कर रहे हैं।

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    सब वैरिएंट स्टेल्थ का प्रसार तेजी से हो रहा है।

    कानपुर, ऋषि दीक्षित : कोरोना के नए रूप ओमिक्रोन का सब वैरिएंट स्टेल्थ ओमिक्रोन (बीए-टू) देश में तेजी से पांव पसार रहा है। अब तक स्टेल्थ ओमिक्रोन के केस डेनमार्क, ब्रिटेन, स्वीडन और सिंगापुर में रिपोर्ट हुए थे लेकिन जनवरी से भारत में तेजी से मामले बढ़े हैं। आरटीपीसीआर में न पकड़े जाने की वजह से विशेषज्ञ इसे संक्रमण के लिहाज खतरनाक मान रहे हैं।

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    वजह, जब संक्रमण का पता नहीं चलेगा तो तेजी से बढ़ेगा, जिससे मामले बढऩे की आशंका है। इसके शरीर पर प्रभाव व लक्षणों पर इंडियन एसोसिएशन आफ मेडिकल माइक्रोबायोलाजी के विशेषज्ञ अध्ययन कर रहे हैं, जिसमें जीएसवीएम मेडिकल कालेज के माइक्रोबायोलाजी विभाग के प्रोफेसर भी शामिल हैं। हालांकि अब तक मिले केस के आधार पर यह माना जा रहा है कि प्रसार तो तेजी से हो रहा है लेकिन महज तीन प्रतिशत मरीज ही अस्पताल में भर्ती हो रहे हैं।

    विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रोन के तीन सब वैरिएंट बीए-वन, टू और थ्री चिह्नित किए थे। देश-दुनिया में ओमिक्रोन के बीए-वन सब वैरिएंट रिपोर्ट हुए थे। विदेश यात्रा सेे लौटने वालों की दिसंबर में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई तो जीनोम सीक्वेंसिंग कराई गई। दिसंबर में जीनोम सिक्वेंसिंग से डेल्टा वैरिएंट के 17,272 संक्रमित मिले, जबकि ओमिक्रोन के बीए-वन सब वैरिएंट के 1,292 संक्रमित मिले। दिसंबर से अब तक बीए-टू भारत समेत 40 देशों में दस्तक फैल चुका है, जो कोरोना के बीए-टू वैरिएंट में बदलने लगा है। जनवरी में जीनोम सीक्वेंसिंग में ओमिक्रोन के 9,672 केस रिपोर्ट हुए हैं, जिसमें 3,201 बीए-वन सब वैरिएंट का संक्रमण मिला, जबकि 6,471 में बीए-टू का संक्रमण पाया गया है, जिसे ओमिक्रोन स्टेल्थ भी कहा जाता है।

    तेजी से फैलने वाला सब वैरिएंट : विशेषज्ञों का मानना है कि ओमिक्रोन के बीए-वन वैरिएंट की तुलना में स्टेल्थ ओमिक्रोन (बीए-टू) सब वैरिएंट तेजी से संक्रमित करने वाला है। ओमिक्रोन के नए सब वैरिएंट की वजह से आने वालें दिनों में कोरोना के केस बढ़ सकते हैं।

    वैरिएंट अंडर इंवेस्टिगेशन बना स्टेल्थ ओमिक्रोन : कोरोना वायरस की गंभीरता के हिसाब से डब्ल्यूएचओ ने उसकी अलग-अलग श्रेणी तय की है। ओमिक्रोन के नए सब वैरिएंट स्टेल्थ ओमिक्रोन को वैरिएंट अंडर इंवेस्टिगेशन की श्रेणी में रखा है। वैरिएंट अंडर इंवेस्टिगेशन वैरिएंट आफ कंसर्न से एक लेवल नीचे की श्रेणी का है।

    क्या कहते हैं आंकड़े

    दिसंबर 2021 : 1,292 ओमिक्रोन वैरिएंट और 17,272 केस डेल्टा वैरिएंट।

    जनवरी 2022 : 9,672 ओमिक्रोन वैरिएंट, 3,201 में बीए-वन सब वैरिएंट और 6,471 में बीए-टू सब वैरिएंट यानी ओमिक्रोन स्टेल्थ पाया गया।

    -ओमिक्रोन के सब वैरिएंट बीए-वन और बीए-टू के लक्षण एक समान हैं। बीए-टू अधिक तेजी से संक्रमण करता है, इसलिए जनवरी में उसके सक्रिय होने से केस बढ़े हैं। इन दोनों सब वैरिएंट में गंभीरता नहीं है, इसलिए तीन प्रतिशत मरीजों को ही अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत पड़ी। इसलिए इसके संक्रमण की गंभीरता को न के बराबर ही माना जा रहा है। -डा. विकास मिश्रा, प्रोफेसर, माइक्रोबायोलाजी विभाग, जीएसवीएम मेडिकल कालेज।